राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के पूर्व सरसंघचालक केएस सुदर्शन का पता चल गया है। आज सुबह सैर पर निकलने के बाद उनके लापता होने की खबर आई थी।
संघ और पुलिस के सूत्रों ने बताया कि 81 साल के सुदर्शन रास्ता भूल गए थे और बाद में वह ललित महल हेलीपैड की ओर से जानी वाली सड़क पर एक पेड़ के नीचे आराम करते पाए गए। माना जाता है कि वह स्मृतिलोप (डिमेंसिया) से पीड़ित हैं।
इससे पहले उनके भाई रमेश ने शिकायत दर्ज कराई थी कि सुदर्शन गायब हो गए हैं। इसके बाद पुलिस और संघ के स्वयंसेवकों ने उनकी तलाश शुरू कर दी थी।
संघ ने भी कहा था कि सुदर्शन लापता हैं। कहा गया था कि वह सुबह करीब 5:20 बजे सैर पर निकले थे, लेकिन लौटे नहीं। वह यहां बीते कुछ दिनों से अपने भाई के रह रहे हैं। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने सुदर्शन की तलाश के लिए 20 दलों का गठन किया। तलाशी अभियान में संघ के स्वयंसेवक भी शामिल हो गए थे। कर्नाटक के मंडया जिले के कुपल्ली गांव के निवासी सुदर्शन छह दशक तक संघ के प्रचारक रहे हैं। वह साल 2000 में संघ के सरसंघचालक बने और 2009 तक इस पद पर रहे। इस पद से हटने के बाद से वह भोपाल में रह रहे हैं।
इससे पहले मध्यप्रदेश के गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक से सुदर्शन को तलाश करने के प्रयासों के बारे में बात की थी।
गुप्ता ने भोपाल में कहा कि लापता होने के समय दो गार्ड उनके साथ नहीं थे। वैसे अक्सर ये उनके साथ होते हैं। उनके टहलने के लिए निकलने के वक्त दोनों गार्ड संघ के स्थानीय दफ्तर में मौजूद थे।
संघ और पुलिस के सूत्रों ने बताया कि 81 साल के सुदर्शन रास्ता भूल गए थे और बाद में वह ललित महल हेलीपैड की ओर से जानी वाली सड़क पर एक पेड़ के नीचे आराम करते पाए गए। माना जाता है कि वह स्मृतिलोप (डिमेंसिया) से पीड़ित हैं।
इससे पहले उनके भाई रमेश ने शिकायत दर्ज कराई थी कि सुदर्शन गायब हो गए हैं। इसके बाद पुलिस और संघ के स्वयंसेवकों ने उनकी तलाश शुरू कर दी थी।
संघ ने भी कहा था कि सुदर्शन लापता हैं। कहा गया था कि वह सुबह करीब 5:20 बजे सैर पर निकले थे, लेकिन लौटे नहीं। वह यहां बीते कुछ दिनों से अपने भाई के रह रहे हैं। शिकायत दर्ज होने के बाद पुलिस ने सुदर्शन की तलाश के लिए 20 दलों का गठन किया। तलाशी अभियान में संघ के स्वयंसेवक भी शामिल हो गए थे। कर्नाटक के मंडया जिले के कुपल्ली गांव के निवासी सुदर्शन छह दशक तक संघ के प्रचारक रहे हैं। वह साल 2000 में संघ के सरसंघचालक बने और 2009 तक इस पद पर रहे। इस पद से हटने के बाद से वह भोपाल में रह रहे हैं।
इससे पहले मध्यप्रदेश के गृह मंत्री उमाशंकर गुप्ता ने कर्नाटक के पुलिस महानिदेशक से सुदर्शन को तलाश करने के प्रयासों के बारे में बात की थी।
गुप्ता ने भोपाल में कहा कि लापता होने के समय दो गार्ड उनके साथ नहीं थे। वैसे अक्सर ये उनके साथ होते हैं। उनके टहलने के लिए निकलने के वक्त दोनों गार्ड संघ के स्थानीय दफ्तर में मौजूद थे।
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