उत्तराखंड के उत्तरकाशी जिले में बादल फटने से 7 लोगों की मौत हो गई है, जबकि 50 लोग लापता हैं। यह हादसा स्वर्णघाट और संगमचट्टी इलाके में हुआ हैं। शुक्रवार रात बादल फटने से जिले के असी गंगा घाटी में दयारा बुग्याल के पास पापड़गाड, स्वारी गाड, नहरी गाड, गवाना गाड और असी गंगा क्षेत्र में जल प्रलय जैसे हालत पैदा हो गए हैं।
जिले के चिन्यालीसौड़ से लेकर भटवाड़ी तक लगभग 70 किमी के इलाके में कोहराम मच गया है। वहीं स्वर्णघाट और संगमचट्टी में बादल फटने से 7 लोगों की मौत हो गई है और 50 लापता हैं। गंगोत्री राजमार्ग पर 150 तीर्थ यात्रियों के फंसने की खबर है। बारिश से 304 मेगावाट की मनेरी भाली जलविद्युत परियोजना-2 को भी नुकसान हुआ है। परियोजना के फोरवे इनटेक में गाद आ गई थी। बारिश और बाढ़ की आशंका के चलते परियोजना के कर्मचारियों में भी अफरा-तफरी है।
लगभग दस बजे रात को आई इस आपदा के बाद कई लोगों के बह जाने की आशंका है। एक दर्जन होटल, घर बह गए हैं। 70 किलोमीटर के दायरे में तबाही की बात कही जा रही है। बादल फटने के आधी रात के बाद तक इलाके में भारी बारिश हो रही थी। हालांकि देर रात तक यह अनुमान लगाना मुश्किल था कि इस आपदा से कितना नुकसान हुआ है।
मौसम विभाग ने शनिवार को खासकर कुमाऊं में भारी बारिश की चेतावनी दी है। देहरादून में भी कई दौर की बारिश का अनुमान लगाया गया है। पिछले तीन-दिनों में जोरदार बारिश से गढ़वाल के चमोली और कुछ अन्य इलाकों में जनजीवन पर असर पड़ा है।
मनाली के पलचान इलाके में भी बादल फटने की खबर है। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मिट्टी खिसकने से मनाली रोहतांग लेह हाइवे पर यातायात बंद हो गया है। प्रशासन ने खतरे को देखते हुए पलचान, बांहग, आलू ग्राउंड, सोलंगनाला और पतलीकूहल में हाई अलर्ट जारी करते हुए इन इलाकों को खाली करवा दिया है। वहीं, सोलंग गांव का पुल भी बाढ़ में टूट गया है।
जिले के चिन्यालीसौड़ से लेकर भटवाड़ी तक लगभग 70 किमी के इलाके में कोहराम मच गया है। वहीं स्वर्णघाट और संगमचट्टी में बादल फटने से 7 लोगों की मौत हो गई है और 50 लापता हैं। गंगोत्री राजमार्ग पर 150 तीर्थ यात्रियों के फंसने की खबर है। बारिश से 304 मेगावाट की मनेरी भाली जलविद्युत परियोजना-2 को भी नुकसान हुआ है। परियोजना के फोरवे इनटेक में गाद आ गई थी। बारिश और बाढ़ की आशंका के चलते परियोजना के कर्मचारियों में भी अफरा-तफरी है।
लगभग दस बजे रात को आई इस आपदा के बाद कई लोगों के बह जाने की आशंका है। एक दर्जन होटल, घर बह गए हैं। 70 किलोमीटर के दायरे में तबाही की बात कही जा रही है। बादल फटने के आधी रात के बाद तक इलाके में भारी बारिश हो रही थी। हालांकि देर रात तक यह अनुमान लगाना मुश्किल था कि इस आपदा से कितना नुकसान हुआ है।
मौसम विभाग ने शनिवार को खासकर कुमाऊं में भारी बारिश की चेतावनी दी है। देहरादून में भी कई दौर की बारिश का अनुमान लगाया गया है। पिछले तीन-दिनों में जोरदार बारिश से गढ़वाल के चमोली और कुछ अन्य इलाकों में जनजीवन पर असर पड़ा है।
मनाली के पलचान इलाके में भी बादल फटने की खबर है। इस हादसे में एक व्यक्ति की मौत हो गई है। मिट्टी खिसकने से मनाली रोहतांग लेह हाइवे पर यातायात बंद हो गया है। प्रशासन ने खतरे को देखते हुए पलचान, बांहग, आलू ग्राउंड, सोलंगनाला और पतलीकूहल में हाई अलर्ट जारी करते हुए इन इलाकों को खाली करवा दिया है। वहीं, सोलंग गांव का पुल भी बाढ़ में टूट गया है।
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