नई दिल्ली: बीजेपी अध्यक्ष नितिन गडकरी ने कहा है कि उन्होंने प्रधानमंत्री पद के लिए राजग (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) उम्मीदवार के मुद्दे पर गठबंधन सहयोगी एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से चर्चा की और उन्हें आश्वासन दिया है कि नरेंद्र मोदी के नाम पर अभी तक कोई फैसला नहीं लिया गया है।
गडकरी ने 'एनडीटीवी' को दिए साक्षत्कार में कहा, मैंने उनसे (नीतीश कुमार से) यह कहा है कि हमने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर कोई फैसला नहीं किया है। मैंने उनसे कहा कि वह राजग का एक हिस्सा हैं और जब हम उम्मीदवार के नाम का फैसला करेंगे, तो उनके साथ भी चर्चा करेंगे। तब तक इस मुद्दे पर चर्चा करना अप्रासंगिक है। उन्होंने प्रधानमंत्री पद के राजग उम्मीदवार के तौर पर मोदी के नाम पर नीतीश कुमार के विरोध के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में ये बातें कहीं।
गडकरी ने कहा, अगर उनकी और हमारी विचारधारा एक होती, तो हमारी एक ही पार्टी नहीं होती क्या? उन्हें असहमत होने का अधिकार है। टीम अन्ना के अनशन और राजनैतिक पार्टी बनाने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, अन्ना हजारे हमारा विकल्प नहीं हो सकते। एक राजनैतिक पाटी का विकल्प दूसरी राजनैतिक पार्टी होती है। कांग्रेस का विकल्प बीजेपी है। गडकरी ने इस बात के भी संकेत दिए कि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू के कांग्रेस का साथ देने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री राम मनोहर लोहिया के शिष्य हैं, जो कांग्रेस के कट्टर आलोचक थे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि टीम अन्ना को पार्टी बनाने का अधिकार है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अन्ना एक राजनेता नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पिछली बार टीम अन्ना को समर्थन दिया था, लेकिन इस बार नहीं दिया, क्योंकि उन्होंने पार्टी से सहयोग नहीं मांगा। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, अगर कोई भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है, जाहे वह अन्ना हजारे हों या बाबा रामदेव, उसे समर्थन देना हमारी स्वाभाविक प्रवृत्ति है। पिछले साल, उन्होंने हमारा समर्थन मांगा और हमने दिया। इस साल उन्होंने हमसे समर्थन नहीं मांगा।
हाल के राष्ट्रपति पद के चुनाव में बीजेपी का रुख स्पष्ट करने में हुई देरी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी के कई सदस्यों का यह मत था कि प्रणब मुखर्जी के कद के कारण उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि बीजेपी की ओर से यह स्पष्ट किए जाने के बावजूद कि उन्हें अपेक्षित समर्थन नहीं मिलेगा, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। गडकरी ने कहा कि कलाम बाद में पीछे हटे।
गडकरी ने 'एनडीटीवी' को दिए साक्षत्कार में कहा, मैंने उनसे (नीतीश कुमार से) यह कहा है कि हमने प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार पर कोई फैसला नहीं किया है। मैंने उनसे कहा कि वह राजग का एक हिस्सा हैं और जब हम उम्मीदवार के नाम का फैसला करेंगे, तो उनके साथ भी चर्चा करेंगे। तब तक इस मुद्दे पर चर्चा करना अप्रासंगिक है। उन्होंने प्रधानमंत्री पद के राजग उम्मीदवार के तौर पर मोदी के नाम पर नीतीश कुमार के विरोध के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में ये बातें कहीं।
गडकरी ने कहा, अगर उनकी और हमारी विचारधारा एक होती, तो हमारी एक ही पार्टी नहीं होती क्या? उन्हें असहमत होने का अधिकार है। टीम अन्ना के अनशन और राजनैतिक पार्टी बनाने के फैसले के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, अन्ना हजारे हमारा विकल्प नहीं हो सकते। एक राजनैतिक पाटी का विकल्प दूसरी राजनैतिक पार्टी होती है। कांग्रेस का विकल्प बीजेपी है। गडकरी ने इस बात के भी संकेत दिए कि नीतीश कुमार और उनकी पार्टी जेडीयू के कांग्रेस का साथ देने की संभावना नहीं है। उन्होंने कहा कि बिहार के मुख्यमंत्री राम मनोहर लोहिया के शिष्य हैं, जो कांग्रेस के कट्टर आलोचक थे। इसके अलावा उन्होंने यह भी कहा कि टीम अन्ना को पार्टी बनाने का अधिकार है, लेकिन साथ ही यह भी कहा कि अन्ना एक राजनेता नहीं हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी ने पिछली बार टीम अन्ना को समर्थन दिया था, लेकिन इस बार नहीं दिया, क्योंकि उन्होंने पार्टी से सहयोग नहीं मांगा। बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, अगर कोई भ्रष्टाचार के खिलाफ प्रदर्शन कर रहा है, जाहे वह अन्ना हजारे हों या बाबा रामदेव, उसे समर्थन देना हमारी स्वाभाविक प्रवृत्ति है। पिछले साल, उन्होंने हमारा समर्थन मांगा और हमने दिया। इस साल उन्होंने हमसे समर्थन नहीं मांगा।
हाल के राष्ट्रपति पद के चुनाव में बीजेपी का रुख स्पष्ट करने में हुई देरी के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि पार्टी के कई सदस्यों का यह मत था कि प्रणब मुखर्जी के कद के कारण उनकी उम्मीदवारी का समर्थन किया जाना चाहिए। उन्होंने यह भी बताया कि बीजेपी की ओर से यह स्पष्ट किए जाने के बावजूद कि उन्हें अपेक्षित समर्थन नहीं मिलेगा, पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम चुनाव लड़ने के इच्छुक थे। गडकरी ने कहा कि कलाम बाद में पीछे हटे।
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