Wednesday, August 29, 2012

कसाब को मौत की सजा बरकरार

मुंबई पर हुए 26/11 के हमलों में मुजरिम पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल कसाब को सुप्रीम कोर्ट मौत की सजा बरकरार रखते हुए  कसाब की मौत की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी है। कसाब को मुंबई की निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी जिसके बाद मुंबई हाई कोर्ट ने फैसले को बरकरार रखा था। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ कसाब ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस आफताब आलम और जस्टिस चंद्रमौलि कुमार प्रसाद की बेंच ने फैसला सुनाया। अब निचली अदालत कसाब की फांसी की तारीख मुकर्रर करेगी।सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल को सुनवाई पूरी की थी। कोर्ट ने कसाब की याचिका पर करीब ढाई महीने सुनवाई की और इस दौरान आतंकी हमले के सिलसिले में इस्तगासा और बचाव पक्ष की दलीलों को सुना। कोर्ट ने कसाब की मौत की सजा पर पिछले साल 10 अक्टूबर को रोक लगा दी थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान कसाब की ओर से दलील दी गई थी कि इस मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से सुनवाई नहीं हुई। उसका यह भी दावा था कि वह भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की किसी बड़ी साजिश का हिस्सा नहीं था।

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