कैबिनेट की बैठक के बाद सूत्रों ने यह जानकारी दी। उन्होंने बताया कि भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा यह मिशन श्रीहरिकोटा से लांच किया जा सकता है। इसके लिए फिर से पीएसएलवी का अपग्रेडेड संस्करण इस्तेमाल किया जाएगा। यदि इसरो अगले साल तक मंगल मिशन शुरू नहीं कर पाता है तो इसके अगले अवसर 2016 और 2018 में उपलब्ध होंगे। मंगल पर अब तक 42 मिशन भेजे जा चुके हैं।
इनमें से आधे ही सफल हुए हैं। ये मिशन अमेरिका, रूस, फ्रांस, चीन और कुछ दूसरे यूरोपीय देशों ने भेजे थे। कुछ ही दिनों में अमेरिकी अंतरिक्ष यान मार्च साइंस लेबोरेटरी मंगल पर पहुंचेगा। इसे ढाई अरब डॉलर (लगभग 137.5 अरब रुपए) की लागत से तैयार किया गया है।
No comments:
Post a Comment