Friday, August 31, 2012

कौन है माया बैन और बाबू बजरंगी


नरोदा से तीन बार विधायक रही मायाबेन कोडनानी को मुख्यमंत्री नरेन्द्र मोदी का करीबी माना जाता है.गुजरात में मंत्री बनने वाली वह पहली सिंधी नेता हैं.गोधरा के दंगे में सजा पाने वाली वह पहली महिला और पहली विधायक हैं.माया कोडनानी 1998 में पहली बार नरोदा से विधायक बनी थीं. इसके बाद इस सीट से वो दो बार और जीतीं.  2007 में उन्हें नरेंद्र मोदी सरकार में महिला एवं बाल विकास राज्यमंत्री बनाया गया था. इस मामले में उन्हें 2009 में गिरफ्तार कर लिया गया, जब वह मंत्री थीं, जिसके बाद उन्हें पद से इस्तीफा देना पड़ा था.वीएचपी का पूर्व नेता है बाबू बजरंगी. बाबू बजरंगी ने भी नरोडा पाटिया में खून की होली खेली थी.नरोदा पाटिया में 2002 के दंगों के दौरान बाबू ने दंगाइयों को इकट्ठा किया, हथियार जुटाए और खुद अगुवाई करते हुए नरसंहार को अंजाम दिया.गौरतलब है कि 2007 में एक स्टिंग ऑपरेशन में बाबू बजरंगी ने माना था कि वे दंगों में शामिल था.नरोडा पाटिया इलाके में हुए नरसंहार के मामले में अदालत आज पूर्व मंत्री माया कोडनानी को 28 साल और बाबू बजरंगी को उम्रकैद की सजा सुनाई है। करीब साढ़े दस साल पहले हुए इस दंगे में 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी। इस मामले में 70 लोगों को आरोपी बनाया गया था, जिनके खिलाफ 325 से ज्यादा लोगों ने गवाही दी। आरोपियों में से 7 की मौत हो चुकी है, जबकि दो फरार हैं।
बुधवार को विशेष अदालत ने इस मामले में 32 लोगों को दोषी करार दिया था, जबकि 29 को बरी कर दिया था। मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी मानी जाने वाली पूर्व मंत्री माया कोडनानी को अपराधिक साजिश, हत्या, हत्या के प्रयास के तहत दोषी करार दिया गया था।अन्य को दंगा फैलाने, आगजनी सहित अन्य आरोपों में दोषी पाया। एक आरोपी सुरेश उर्फ रिचर्ड चारा पर बलात्कार का भी आरोप साबित हुआ है।

Thursday, August 30, 2012

गुजरात एयरफोर्स के दो हेलीकॉप्टर आपस में टकराए आठ की मौत


गुजरात के जामनगर एयरबेस के करीब एयरफोर्स के दो हेलीकॉप्टर आपस में टकरा जाने से आठ लोगों की मौत हो गई है। ये हादसा जामनगर एयरबेस के लगभग 15 किलोमीटर दूर हुआ है। एयरफोर्स के दो बड़े हेलीकॉप्टर एमआई-17 हवा में ही आपस में टकरा गए जिसकी वजह से यह हादसा हुआ।एमआई-17 हेलीकॉप्टर काफी बड़े होते हैं। 10 सीटर हेलीकॉप्टर इस दोनों हेलीकॉप्टर में 4-4 लोग सवार थे। हादसे के बाद से ही किसी के भी बचने की संभावना नामुमकिन थी। बताया जा रहा है कि मृतकों में एयरफोर्स के अधिकारियों के साथ ट्रेनी पायलट भी शामिल हैं।

मोदी का गुजरात दंगों के लिए माफी मांगने से इनकार

मोदी ने एक ‌बार फिर 2002 के गुजरात दंगों के लिए माफी मांगने से इनकार कर दिया है। उन्होंने कहा कि यदि किसी ने कोई अपराध किया हो तभी तो वह माफी मांगेगा। अगर आप समझते हैं कि मैंने इतना बड़ा अपराध किया है तो अपराधी को क्यों माफ किया जा रहा है?मोदी ने कहा कि मैं मुख्यमंत्री हूं, क्या सिर्फ इसलिए मुझे माफ कर दिया जाना चाहिए। यदि मैं दोषी हूं तो मुझे सबसे बड़ी सजा दी जाए। ताकि दुनिया जान जाए कि अपराध करने वाले राजनेताओं पर भी कोई नरमी नहीं होती।इससे पहले भी मोदी ने 'नई दुनिया' नामक उर्दू अखबार को दिए इंटरव्यू में कहा था कि अगर वे गुजरात दंगों के दोषी हैं तो उन्हें फांसी पर लटका दिया जाए।प्रधानमंत्री पद की दावेदारी पर मोदी ने गोलमटोल जवाब देते हुए कहा कि वे भविष्य के बारे में न सोचकर वर्तमान में रहते हैं। उनकी पहली प्राथमिकता छह करोड़ गुजरातियों के बारे में सोचना है। इससे आगे वे नहीं सोचते हैं।
 मोदी ने अमेरिकी अखबार 'वॉल स्ट्रीट जर्नल' को दिए इंटरव्यू में कहा कि गुजरात में मिडिल क्लास को अपनी सेहत से ज्यादा फिगर की फिक्र होती है। इसलिए ऐसे लोग कुपोषण का शिकार होते हैं।मसलन अगर मां अपनी बेटी से कहती है कि दूध पीयो, तो बेटी ये कहते हुए मना कर देती है कि मैं इसे पीकर मोटी हो जाऊंगी। मोदी ने साफ किया कि हम इस धारणा में परिवर्तन लाना चाहते हैं। गुजरात एक शाकाहारी प्रदेश है। इस प्रदेश में मिडिल क्लास का बड़ा तबका रहता है जिसके चलते लोग अपनी सेहत का खयाल रखते हैं।

 

Wednesday, August 29, 2012

माँ बाप की सेवा नहीं की तो नहीं मिलेगा मेवा

 उत्तर प्रदेश सरकार ने  माता-पिता और कानूनी अभिभावकों के भरण-पोषण, भत्तों के लिए आवदेन की व्यवस्था एवं विवादों के निपटारे के लिए ट्रिब्यूनल गठित  करने का फैसला किया है .अगर कायदे से इस फैसले पर अमल होता है तो लाखो बेसहारा और बुजुर्ग को राहत महसूस होगी .यूपी सरकार द्वारा माता-पिता के भरण-पोषण के लिए बनाए जाने वाले कानून के तहत संतानों से पीड़ित व उपेक्षित माता-पिता अगर चाहें तो उन्हें दी गई संपत्ति हस्तान्तरण को शून्य घोषित करवा सकते हैं। अधिनियम के तहत बुजुर्ग माता-पिता और कानूनी अभिभावकों के वारिस को उनके भरण-पोषण का खर्च उठाना होगा और सरंक्षण देना होगा। सही भरण-पोषण न करने पर अधिनियम के तहत बनने वाले ट्रिब्यूनल माता-पिता या कानूनी अभिभावक को दस हजार रुपये तक का भत्ता दिलवा सकेंगे।  ये उसके बाद भी संभ व है, जब मां-बाप ने अपनी संपत्ति अपनी संतान के नाम कर दी हो। नए फैसले के अनुसार  ट्रिब्यूनल ही पहले इस तरह की शिकायतों की जांच व भरण-पोषण के भत्ते में परिवर्तन करेगा। अब ऐसे संताने सावधान हो जाये जो माँ बाप की सम्पति अपने नाम करवा उन्हें घर से बहार निकाल देते हैं .  सावधान हो जाओ, अपने मां-बाप को परेशान किया तो उनकी जायदाद से बेदखल हो सकते हो। ये उसके बाद भी संभ व है, जब मां-बाप ने अपनी संपत्ति अपनी संतान के नाम कर दी हो। यूपी सरकार द्वारा माता-पिता के भरण-पोषण के लिए बनाए जाने वाले कानून के तहत संतानों से पीड़ित व उपेक्षित माता-पिता अगर चाहें तो उन्हें दी गई संपत्ति हस्तान्तरण को शून्य घोषित करवा सकते हैं। अधिनियम के तहत बुजुर्ग माता-पिता और कानूनी अभिभावकों के वारिस को उनके भरण-पोषण का खर्च उठाना होगा और सरंक्षण देना होगा। सही भरण-पोषण न करने पर अधिनियम के तहत बनने वाले ट्रिब्यूनल माता-पिता या कानूनी अभिभावक को दस हजार रुपये तक का भत्ता दिलवा सकेंगे। 

 

अमेरिकी गुरुद्वारे में हत्या करने वाले ने खुदकुशी की.

अमेरिकी गुरुद्वारे में गोलीबारी करके छह सिखों की हत्या करने वाले और श्वेतों को श्रेष्ठ मानने वाले हमलावर के बारे जांचकर्ताओं ने पाया है कि उसकी मौत खुदकुशी की वजह से हुई थी।
हालांकि पुलिस अभी भी अपराध के कारणों का पता लगाने में लगी हुई है। इस घटना से सिर्फ अमेरिका और भारत ही नहीं, बल्कि पूरे विश्व भर में सिख समुदाय स्तब्ध रह गया था। विस्कोंसिन के ओक क्रीक में पांच अगस्त को एक गुरुद्वारे पर हमला करके छह सिखों की हत्या और तीन लोगों को घायल करने वाले 40 वर्षीय माइकल वेड पेज ने खुद से सिर में गोली मार कर आत्महत्या कर ली थी। जांचकर्ताओं को शुरू में लगा कि अधिकारियों की जवाबी कार्रवाई में पेज के पेट में गोली लगने के कारण मौत हो गई। लेकिन कुछ दिनों के बाद अधिकारियों ने कहा कि जवाबी कार्रवाई में पेट में गोली लगने के बाद घायल हो गए पेज ने अपने हथियार से खुद ही सिर में गोली मार ली। मिल्वौकी काउंटी चिकित्सा जांच कार्यालय द्वारा पेज पर जारी जांच रिपोर्ट में कहा गया है कि उसकी मौत आत्महत्या के कारण हुई थी। पेज पूर्व अमेरिकी सैनिक था जिसका जुड़ाव नस्ली संगठनों से था।

मोदी को दंगो की कालिख से मुक्ति नहीं , नरोदा पाटिया केस में मोदी की मंत्री दोषी


गुजरात के नरोडा पाटिया दंगा केस में एक ट्रायल कोर्ट ने 32 आरोपियों को दोषी करार दिया है जबकि 29 लोगों को केस से बरी कर दिया गया है। इस फैसले से मोदी सरकार को बड़ा झटका मिला है। नरोडा से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की विधायक माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी को भी केस में दोषी करार दिए गए हैं। अहमदाबाद: 2002 के गुजरात दंगों के नरोदा पाटिया नरसंहार मामले में विशेष अदालत ने 32 लोगों को दोषी करार दिया है, जबकि 29 को आरोपों से बरी कर दिया है। जिन लोगों को हत्या और साजिश रचने का दोषी करार दिया गया है, उनमें नरेंद्र मोदी सरकार में मंत्री रह चुकीं माया कोडनानी और बजरंग दल के नेता बाबू बजरंगी शामिल हैं। गोधरा कांड के बाद गुजरात में हुए सांप्रदायिक दंगों के दौरान नरोदा पाटिया में एक ही समुदाय के 97 लोगों की हत्या कर दी गई थी।स्पेशल कोर्ट के फैसले में विश्व हिंदू परिषद के नेता बाबू बजरंगी को भी दोषी करार दिया गया है। बाबू बजरंगी इस केस में आरोपी नंबर 18 हैं। सबसे बड़ी बात यह रही कि तत्कालीन बीजेपी सरकार की विधायक माया कोडनानी को भी दोषी करार दिया गया है। माया कोडनानी मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी की करीबी थीं और दंगों के बाद उन्हें सरकार में मंत्री भी बनाया गया था।नरोदा पाटिया कत्लेआम पहला मामला है जहां मोदी सरकार में मंत्री रहीं बीजेपी विधायक माया कोडनानी की सीधी भूमिका का आरोप लगा और जिसके चलते उन्हें जेल भी जाना पड़ा। आरोपी नंबर 37 माया कोडनानी पर लोगों को उकसाने का आरोप है। एसआईटी ने भी कोडनानी के खिलाफ काफी सबूत पेश किए हैं।
माया कोडनानी और बाबू बजरंगी पर 302 जैसी संगीन धाराएं लगाई हैं। 120 बी, आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत दोनों को दोषी पाया है। 149 की धारा का भी कोर्ट ने उल्लेख किया है। इससे दोनों को उम्र कैद से लेकर फांसी तक की सजा दी जा सकती है। 300 से ज्यादा लोगों ने इस केस में गवाही दी है नरोडा पाटिया दंगा मामले में माया कोडनानी भी दोषी करार देने पर बीजेपी नेता यतिन ओझा ने कहा कि लोकशाही में जो भी फैसला है उसका सम्मान करना पड़ता है। किसी एक नेता पर आरोप लगना पूरी पार्टी पर आरोप नहीं लगाता।गुजरात दंगों में मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को क्लीनचिट नहीं मिली है। दंगों की जांच कर रही एसआईटी ने मोदी की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाए हैं। 600 पेज की रिपोर्ट में कहा गया है कि दंगों के दौरान मोदी ने लोगों को उकसाने और भेदभावपूर्ण तरीके से काम किया था।
तहलका पत्रिका के मुताबिक सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर दंगों की जांच कर रही एसआईटी ने मोदी की भूमिका पर गंभीर सवाल खड़े किए हैं। 600 पेज की रिपोर्ट में कहा गया कि दंगों के दौरान मोदी ने लोगों को उकसाने का काम किया और बतौर मुख्यमंत्री भेदभावपूर्ण तरीके से काम किया। पुलिस पर दबाव डाला गया। दंगाईयों को बचाने की कोशिश की गई और मामले से जुड़े दस्तावेजों को नष्ट कर दिया गया।पोर्ट के मुताबिक गुलबर्ग सोसायटी, नरोडा पाटिया और दूसरी जगहों पर हुए हत्याकांड को मोदी ने सामान्य ढंग से लिया। रिपोर्ट में कहा गया कि मोदी ने अल्पसंख्यकों की हत्या की निंदा नहीं की। जिससे गुजरात में सांप्रदायिकता का माहौल बिगड़ा। दंगे के दौरान मोदी की कैबिनेट में शामिल दो मंत्री अशोक भट्ट और आईके जडेजा अहमदाबाद के पुलिस कंट्रोल रूम पहुंच गए। उन्होंने पुलिस को गलत निर्देश दिए और दंगाइयों के खिलाफ कार्रवाई न करने को कहा।तहलका पत्रिका के मुताबिक एसआईटी रिपोर्ट में मोदी के भेदभावपूर्ण रवैए का भी जिक्र किया गया है। मोदी दंगा प्रभावित अहमदाबाद के उन इलाकों में नहीं गए जहां बड़ी संख्या में अल्पसंख्यक मारे गए थे, बल्कि वो उसी दिन 300 किमी का सफर तय कर गोधरा गए। दंगों के संवेदनशील मुकदमों की सरकार की ओर से पैरवी के लिए संघ के लोगों को सरकारी वकील बनाया गया। सरकार मुकदमों की पैरवी के लिए भी राजनीतिक जुड़ाव वाले वकील चाहती थी। पुलिस ने नरोडा पाटिया और गुलबर्ग सोसायटी हत्याकांड की जांच ठीक से नहीं की। जानबूझकर संघ और बीजेपी नेताओं के फोन रिकार्ड को नहीं खंगाला गया।

कसाब को मौत की सजा बरकरार

मुंबई पर हुए 26/11 के हमलों में मुजरिम पाकिस्तानी आतंकवादी मोहम्मद अजमल कसाब को सुप्रीम कोर्ट मौत की सजा बरकरार रखते हुए  कसाब की मौत की सजा पर सुप्रीम कोर्ट ने भी मुहर लगा दी है। कसाब को मुंबई की निचली अदालत ने फांसी की सजा सुनाई थी जिसके बाद मुंबई हाई कोर्ट ने फैसले को बरकरार रखा था। हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ कसाब ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल को इस मामले में अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जस्टिस आफताब आलम और जस्टिस चंद्रमौलि कुमार प्रसाद की बेंच ने फैसला सुनाया। अब निचली अदालत कसाब की फांसी की तारीख मुकर्रर करेगी।सुप्रीम कोर्ट ने 25 अप्रैल को सुनवाई पूरी की थी। कोर्ट ने कसाब की याचिका पर करीब ढाई महीने सुनवाई की और इस दौरान आतंकी हमले के सिलसिले में इस्तगासा और बचाव पक्ष की दलीलों को सुना। कोर्ट ने कसाब की मौत की सजा पर पिछले साल 10 अक्टूबर को रोक लगा दी थी। कोर्ट में सुनवाई के दौरान कसाब की ओर से दलील दी गई थी कि इस मामले में स्वतंत्र और निष्पक्ष तरीके से सुनवाई नहीं हुई। उसका यह भी दावा था कि वह भारत के खिलाफ युद्ध छेड़ने की किसी बड़ी साजिश का हिस्सा नहीं था।

Tuesday, August 28, 2012

भाजपा को उसी की भाषा में जवाब दें।--सोनिया


सोनिया ने कांग्रेस संसदीय दल की बैठक को संबोधित करते हुए कहा कि संसद के लिए भाजपा में कोई सम्मान नहीं है. कोयले की लड़ाई अब संसद नहीं, सड़क पर लड़ी जाएगी। कोल ब्लॉक आवंटन पर संसद में गतिरोध खत्म न होता देख कांग्रेस ने जनता के बीच जाकर सच्चाई बताने का ऐलान किया। वहीं बीजेपी ने भी ताल ठोकते हुए कहा कि वह रैलियां कर कोयला घोटाले पर कांग्रेस को बेनकाब करेगी।सोनिया ने कहा कि ब्लैकमेल ही विपक्ष की 'रोज़ी-रोटी' बन गई है.पार्टी अध्यक्ष ने बार-बार कहा कि पार्टी के पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और पार्टी सांसदों को भाजपा के आक्रमण का मुँहतोड़ जवाब देने के लिए भी कहा.इससे पहले लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने एक संवाददाता सम्मेलन करके कांग्रेस पर आरोप लगाया था कि कोयला आवंटन के ज़रिए कांग्रेस को भी 'मोटा माल' मिला है.सोनिया गांधी ने अपनी पार्टी के सांसदों को आक्रामक तेवर अपनाने की नसीहत देते हुए कहा कि बीजेपी को उसी की भाषा में जवाब दें। कांग्रेस अध्यक्ष ने इस लड़ाई को अब संसद से सड़क तक ले जाने का ऐलान करते हुए कहा कि पार्टी नेताओं को अगले चुनाव को ध्यान में रखकर जनता के पास जाना चाहिए। कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने भी कहा कि कांग्रेस अब सड़क पर जाकर लोगों को इस बारे में बतागी।

बाबा रामदेव को आयकर विभाग का जोरदार झटका

नई दिल्ली।काले धन के खिलाफ आंदोलन चलाने वाले योग गुरु बाबा रामदेव को आयकर विभाग का जोरदार झटका लग सकता है। 
आयकर अधिकारियों का कहना है कि बाबा का ट्रस्ट चैरिटेबल संस्‍था के तौर पर रजिस्टर्ड होने के बावजूद कमाई कर रहा है। आयकर अधिकारियों ने अपनी रिपोर्ट में इस ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन रद करने और जुर्माना लगाने का फैसला किया है
सूत्रों के मुताबिक इनकम टैक्स विभाग ने उनपर शिकंजा कसने की पूरी तैयारी कर ली है। इसके साथ ही रजिस्ट्रेशन खत्म होने के बाद रामदेव के ट्रस्ट को मिली सारी सुविधाएं भी खत्म हो जाएंगी। इनकम टैक्स विभाग के मुताबिक बाबा रामदेव का ट्रस्ट पतंजलि योगपीठ कारोबारिक गतिविधियों में लगा है। इनकम टैक्स विभाग ने पतंजलि योग पीठ का रजिस्ट्रेशन रद करने से पहले सौ सवालों की लिस्ट भेजी है। साथ ही, ट्रस्ट के खिलाफ भारी जुर्माने वसूल करने की तैयारी भी पूरी हो गई है।
 अंग्रेजी अखबार के मुताबिक इनकम टैक्स (एक्जम्पशन) यूनिट का कहना है कि पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट 2009-10 के दौरान कई व्यवसायिक गतिविधियों में शामिल था। इस अवधि में ट्रस्ट ने करीब 72.37 करोड़ रुपये की कमाई की। उल्लेखनीय है कि अभी तक ट्रस्ट यही दावा करता रहा है कि उसे कोई कमाई नहीं होती है। यदि ट्रस्ट का रजिस्ट्रेशन रद होता है तो संस्‍था को टैक्स में छूट नहीं मिलेगी।
आईटी विभाग के आदेश के मुताबिक टैक्स में छूट लेते हुए पतंजलि योगपीठ ने 74.74 करोड़ की आय और 8.71 करोड़ का खर्च दिखाया है। इसका मतलब है कि कुल आय का महज 12 फीसदी ही खर्च किया गया जबकि 66.03 करोड़ रुपये 'सरप्लस' है। नियमों के मुताबिक उसी ट्रस्ट को आयकर छूट दी जाती है जो अपनी आय का 85 फीसदी चैरिटी में इस्तेमाल करे।
आयकर विभाग को जाच में पता चला है कि पतंजलि योगपीठ को योग शिविरों के आयोजन से 15.41 करोड़ रुपये की राशि प्राप्त हुई। इन शिविरों में अलग-अलग श्रेणियों में लोगों ने कूपन खरीदकर हिस्सा लिया। इन शिविरों में 2100 में वीआईपी कूपन और 1100 में डायमंड कूपन मिलता है। आयकर विभाग के सूत्रों के मुताबिक पतंजलि योगपीठ ट्रस्ट को अज्ञात स्रोतों से 13. 69 करोड़ रुपये की दान राशि मिली हुई है। हालाकि, ट्रस्ट ने ऐसे स्त्रोतों से महज 1.07 कोड़ रुपये की राशि प्राप्त होने की बात कही है। पतंजलि योगपीठ के आपदा राहत फंड के खातों में गंभीर अनियमितताएं पाई गई हैं। वित्त वर्ष 2009-10 के दौरान इस फंड में ट्रस्ट ने 4.36 करोड़ की राशि को दान के तौर पर दिखाया गया है। दावा किया गया है कि इस फंड में से 1.58 करोड़ रुपये बिहार में बाढ़ पीड़ितों पर खर्च किया गया। इस फंड में से 1.24 करोड़ रुपये की दवाइया दिव्य फार्मेसी से खरीदने का दावा किया गया है। लेकिन इस खरीद का कोई दस्तावेजी सुबूत मुहैया नहीं कराया गया। गौरतलब है कि सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट बाबा रामदेव पर पहले ही शिकंजा कस चुका है। सर्विस टैक्स डिपार्टमेंट ने बाबा रामदेव को 4.94 करोड़ रुपये की पेनल्टी लगाते हुए नोटिस भेज चुका है।

सोनिया गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को भाजपा को कड़ा जवाब देने की नसीहत दी

नई दिल्ली। कांग्रेस संसदीय दल की बैठक में मंगलवार को सोनिया गांधी ने पार्टी कार्यकर्ताओं को भाजपा को कड़ा जवाब देने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा है कि पार्टी आक्रामक रुख अख्तियार करे। 
बैठक में सोनिया ने कांग्रेस नेताओं से कहा कि वह बीजेपी और अन्य विपक्षी दलों की नेगेटिव पॉलिटिक्स का जबाव दें। उन्होंने कहा कि कांग्रेस ने कुछ भी गलत नहीं किया है, इसलिए आरोपों का मुंहतोड़ जवाब दिया जाना जरूरी है। उन्होंने बीजेपी पर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाया। सोनिया गांधी ने कहा कि पीएम और सरकार कैग रिपोर्ट समेत सभी मुद्दों पर बातचीत के लिए तैयार है। उन्होंने विपक्ष पर संसद ठप कर ब्लैकमेलिंग का आरोप लगाते हुए कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है।  सोनिया ने आडवानी द्वारा यूपीए को अवैध करार देने पर अपनी कड़ी प्रतिक्रिया जताते हुए कहा कि ब्लैकमेलिंग करना भाजपा की आदत है। 
सुपर पीएम हैं। सरकार रक्षात्मक होने के बजाय आक्रामक हो रही है। जवाबदेही से भागना इस सरकार की आदत है। भाजपा ने कहा कि अगर जवाब मांगना ब्लैकमेलिंग है तो ये भी करेंगे। वहीं, मनीष तिवारी ने कहा है कि भाजपा के खिलाफ अब कांग्रेस सड़क पर उतरेगी। 
सरकार ने आरोपों की काट के लिए तत्काल अपने तीन वरिष्ठ मंत्रियों पी चिदंबरम, अंबिका सोनी और कपिल सिब्बल को मैदान में उतारा। पूरी पार्टी और दूसरे नेता भी भाजपा शासित राज्यों को कठघरे में खड़ा करने में जुट गए। कांग्रेस और भाजपा दोनों के रुख के बाद इतना तो साफ हो गया है कि मानसून सत्र का दूसरा हफ्ता भी पूरी तरह हंगामे की भेंट चढ़ेगा। प्रधानमंत्री के इस्तीफे पर अड़ी भाजपा के बिल्कुल टस से मस न होने के बाद कांग्रेस ने भी अब मुख्य विपक्षी दल को उसके अंदाज में ही जवाब देने का फैसला किया है।
वहीं, कोयला घोटाले पर भाजपा और कांग्रेस अब आर-पार की लड़ाई के मूड में आ गए हैं। दोनों पाटियों के आक्रामक तेवरों से संसद में इस हफ्ते भी गतिरोध खत्म होने के आसार नहीं हैं। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंहआज ईरान रवाना हो रहे हैं। पिछले हफ्ते पार्टी के कुछ नेताओं से मुलाकात में सोनिया ने भाजपा के खिलाफ हमलावर रुख अपनाने की सलाह दी थी। ऐसी संभावना है कि पार्टी के सांसद नियम 193 के तहत लोकसभा में चर्चा के लिए नोटिस देंगे। इससे पूर्व सोमवार को कोयला आवंटन पर प्रधानमंत्री की सफाई के बावजूद संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही लगातार पांचवें दिन भी स्थगित रही।












Monday, August 27, 2012

कांग्रेस को ‘मोटा माल’ मिला है!

नई दिल्ली। कोल ब्लॉक आवंटन में इस्तीफे की मांग के बीच आज संसद में प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने बयान देकर अपनी ओर से सफाई देने की कोशिश की लेकिन बीजेपी को उनकी ये सफाई रास नहीं आई है। उसने पीएम का इस्तीफा मांगते हुए आरोप लगाया है कि कोल ब्लॉक आवंटन में देश को नुकसान हुआ है। कांग्रेस को ‘मोटा माल’ मिला है।
सरकार की ओर से जहां यह साफ कर दिया गया है कि कोई कोल ब्लॉक आबंटन रद्द नहीं किया जाएगा, वहीं यह भी संकेत दिया गया है कि सरकार लोकसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश कर सकती है।

इससे पहले लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने आरोप लगाया था कि कोलगेट कांड में कांग्रेस को मोटा माल मिला है। इसके जवाब में कांग्रेस प्रवक्ता मनीष तिवारी ने कहा कि बीजेपी को मोटा माल और छोटा माल की बात करने का हक नहीं है। गौरतलब है कि कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि कोल ब्लॉक आबंटन का फैसला बीजेपी शासिन राज्यों के मुख्यमंत्रियों की सहमति से हुआ है। ऐसे में अगर घोटाले का आरोप है तो वह अकेली कांग्रेस या यूपीए सरकार पर नहीं लगाया जा सकता। बीजेपी को भी उसकी जिम्मेदारी लेनी पड़ेगी।

सुषमा ने कहा कि पीएम महज जुबानी जमाखर्च न करें। हमारी मांग है कि कोल ब्लॉक का आवंटन कैंसिल हो और दोबारा नीलामी हो। सुषमा ने कहा कि पीएम कहते हैं कि हजार जवाबों से अच्छी मेरी खामोशी है क्योंकि इससे सवालों की आबरू बच गई लेकिन हम कहते हैं कि जो सवाल उठे हैं अगर उनके जवाब दिए जाते तो प्रधानमंत्री बेआबरू हो जाते।
सुषमा के साथ मौजूद राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष अरुण जेटली ने कहा कि पीएम का जवाब संविधान और सांविधानिक संस्था पर प्रहार है। यूपीए सरकार संवैधानिक संस्थाओं पर प्रहार कर उन्हें कमजोर करती रही है। पीएम ने अपने बयान में नैतिकता की जरूरत के साथ भी अन्याय किया है। उन्होंने बयान की शुरुआत में खुद सारी जिम्मेदारी ली लेकिन उसके बाद वे दूसरों पर ठीकरा फोड़ते रहे।
जेटली ने कहा कि पीएम ने अपने बचाव में पांच तर्क दिए हैं। पहला-संसदीय व्यवस्था में नीलामी का कानून बनने में बहुत वक्त लगता। दूसरा-संघीय व्यवस्था के चलते राज्यों के सीएम की सिफारिश के आगे वे मजबूर थे। तीसरा-कानून मंत्रालय बार-बार इसपर अपनी राय बदलता रहा। चौथा-कैग के आकलन में ही खामियां हैं और पांचवां जीडीपी ग्रोथ की चिंता के चलते जल्द हुआ आवंटन।
जेटली ने कहा कि पीएम का कोई भी तर्क मंजूर नहीं किया जा सकता। 28 जून 2004 को नीलामी की बात पहली बार उठी लेकिन पीएमओ ने ही इसका विरोध किया था। पीएमओ ने सितंबर 2004 में नीलामी से नुकसान की पूरी लिस्ट जारी कर दी। जेटली ने कहा कि आवंटन में आपाधापी जीडीपी ग्रोथ के लिए नहीं बल्कि कंपनियों को नीलामी से बचाने के लिए थी। पीएम को दूसरों के सिर ठीकरा फोड़ना शोभा नहीं देता।
जेटली ने कहा कि 2जी के वक्त भी कैग के आकलन को गलत बताया गया था लेकिन अब जब नीलामी हो रही है तो बेस प्राइस ही 14 हजार करोड़ रुपये रखा गया है। अगर इसी मूल्य पर स्पैक्ट्रम बिके तो भी सरकार को एक लाख चालीस हजार करोड़ का फायदा होगा। कोल ब्लॉक का आवंटन भी कैंसिल कर उनकी नीलामी की जाए अपने आप पता चल जाएगा कि नुकसान हुआ है अथवा नहीं। जेटली ने कहा कि अगर कोल ब्लॉक की नीलामी की जाए तो नुकसान का आंकड़ा एक लाख 80 हजार करोड़ को भी पार कर जाएगा।

यमुना में लगातार उफान


बाढ़ का पानी आने के कारण यमुना में लगातार उफान आता जा रहा है। यमुना ने बाढ़ का चेतावनी लेवल पार कर लिया है और बाढ़ के खतरे से महज 50 सेंटीमीटर दूर है।आज सुबह एक बार तो यमुना का लेवल बढ़कर 204.32 मीटर तक पहुंच गया था। हालांकि सुबह 8 बजे इसमें मामूली गिरावट आई और लेवल 204.28 मीटर दर्ज किया गया। यमुना में बाढ़ के लिए चेतावनी लेवल 204 मीटर तय किया गया है। जबकि बाढ़ के खतरे का लेवल 204.83 मीटर तय किया गया है। यानी बाढ़ के खतरे से यमुना केवल आधा मीटर दूर है।हालांकि प्रशासन का कहना है कि फिलहाल खतरे की कोई बात नहीं है। दिल्ली सरकार के सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग का कहना है कि एहतियात के तौर पर 50 बोट तैनात कर दी गई हैं।सिंचाई एवं बाढ़ नियंत्रण विभाग के चीफ इंजीनियर वी.पी.एस. तोमर के मुताबिक फिलहाल खतरे की कोई बात नहीं है। यमुना के लेवल में बढ़ोतरी रात में छोड़े गए 88 हजार क्यूसेक पानी के कारण हुई थी। 
दिल्ली प्रशासन की ओर से यमुना के बाढ़ क्षेत्र में बसे लोगों को लगातार हटाया जा रहा है। लाउडस्पीकर के जरिए उन्हें चेतावनी दी जा रही है।  बाढ़ से निबटने के लिए पूरी तैयारी है। यमुना द्वारा कोई भी कटाव को रोकने के लिए 100 लोगों की टीम लगाई गई है। बाढ़ का पानी निकालने के लिए प्रमुख नालों के साथ-साथ यमुना के बाढ़ क्षेत्र वाले इलाकों में 100 पंप लगाए गए हैं। करीब 50 बोटों के जरिए यमुना की निगरानी की जा रही है। उधर, आज सुबह 8 बजे फिर हथनी कुंड बैराज से 40 हजार क्यूसेक से ज्यादा पानी दिल्ली के लिए छोड़ा गया है। इस पानी के पहुंचते ही यमुना में और उफान आएगा।


कांडा की मुसीबत अंकिता बढ़ा सकती है

एयर होस्टेस गीतिका आत्महत्या मामले के मुख्यारोपी हरियाणा के पूर्व मंत्री गोपाल कांडा की मुसीबत अंकिता बढ़ा सकती है।सूत्रों के अनुसार, अंकिता भारत लौट आई है और वह पुलिस को सहयोग करने के लिए तैयार हो गई है। माना जा रहा है कि अंकिता कांडा के कई राज खोल सकती है।
अंकिता से रविवार को दिल्ली पुलिस को पूछताछ करनी थी लेकिन देर शाम तक भी उसके बारे में कोई जानकारी नहीं मिली। दिल्ली पुलिस को अब उम्मीद है कि वह सोमवार को जांच में सहयोग देने आ सकती है।वह बीते कुछ महीनों से सिंगापुर में रह रही है।उसकी बहन ने कहा था कि रविवार को अंकिता भारत आकर जांच में सहयोग करेगी।
इस बीच, अंकित ने कांडा से आमना-सामना कर पुलिस जांच में सहयोग करने की पेशकश की है। हालांकि पुलिस ने इस पेशकश को मानने से मना कर दिया। करुणाकरण ने बताया कि कांडा को दोषी साबित करने के लिए उनके पास पर्याप्त सबूत मौजूद हैं। जरूरत पडऩे पर ही वह इस बारे में विचार करेंगे।
गौरतलब है कि पुलिस के पास कांडा से पूछताछ के लिए अब केवल दो दिन बचे हैं। इसमें उसे सीडीआर खंगालने के अलावा, कांडा के कंप्‍यूटर की हार्डडिस्क, उसकी दुबई यात्रा के दौरान इस्तेमाल दो अन्य पासपोर्ट की बुकलेट और संडेल एजुकेशन सोसायटी में हुए रुपयों के लेन देन के खातों को खंगालना है।। इस बात की भी आशंका जताई जा रही है कि कांडा ने पिछले कुछ सालों में उसे आलीशान घर, महंगी कार व आभूषण आदि गिफ्ट किए थे। 
पुलिस फिलहाल यह जानने काभी प्रयास कर रही है कि एमडीएलआर छोडऩे के बाद कहीं कांडा इन्हीं गिफ्टों को लौटाने का दबाव गीतिका पर तो नहीं बना रहा था।
कांडा द्वारा इस्तेमाल तीन मोबाइल और गीतिका के मोबाइल फोन का सीडीआर(कॉल डिटेल रिकॉर्ड) खंगालने में दिल्ली पुलिस जुटी है। इस बाबत मृतका के भाई अंकित शर्मा को शनिवार रात को डीसीपी दफ्तर बुलाया गया।
पुलिस टीम ने अंकित से गीतिका के दोस्तों, रिश्तेदारों व दफ्तर के जानकारों के फोन नंबर मांगे।पुलिस सीडीआर के आधार परयह पता लगाने का प्रयास कर रही है कि किनलोगों से गीतिका की बातचीत हुई।
अंकित ने बताया कि करीब दस मिनट तक उसकी उत्तर पश्चिमी जिला पुलिस उपायुक्त पी. करुणाकरणसे मुलाकात हुई। इस दौरान इसने सभी दोस्तोंरिश्तेदारों व जानकारों के नंबर पुलिस को मुहैया करा दिए हैं।
पुलिस सीडीआर के जरिए उन नंबरों का पता लगाने का प्रयास कर रही है, जिनसे कांडा ने गीतिका को फोन किए।

मुझ पर लगे सभी आरोप तथ्यों से परे व गलत हैं-PM

नई दिल्ली। कोयला घोटाले पर सोमवार को विपक्ष के हंगामे के बीच लोकसभा में प्रधानमंत्री ने कैग रिपोर्ट पर विपक्ष को जवाब दिया। इसके बाद उन्होंने मीडिया से कहा कि हजारों सवालों व आरोपों से अच्छा है मेरा सदन में खामोश रहना। उन्होंने कहा कि विपक्ष हर बार शोर मचाकर सदन की कार्यवाही बाधित करता रहा है। उन्होंने उम्मीद जताई कि विपक्ष सदन को चलाने में उनकी मदद करेगा और उस मुद्दे पर बहस व जवाब देने देगा।    
 पीएम ने कोयला मंत्रालय संभालते हुए मंत्रालय के फैसलों की जिम्मेदारी लेते हुए कहा कि मुझ पर लगे सभी आरोप तथ्यों से परे और गलत है। कोल ब्लॉक आवंटन पर आई सीएजी की रिपोर्ट को भी पीएम ने विवादास्पद करार दिया। 'बयान नहीं इस्तीफा दो' के नारे लगाते बीजेपी के सदस्य सदन में लगातार बाधा उत्पन्न करते दिखाई दिए। इस वक्त लोकसभा को 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया है। इससे पहले, लोकसभा और राज्यसभा दोनों को भारी शोरगुल के बीच दोपहार 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था।
दरअसल, वह मंगलवार को ईरान के दौरे पर जा रहे हैं इसलिए जाने से पहले वह इस मामले पर अपनी सफाई देना चाहते हैं। प्रधानमंत्री 2005-2009 में कोयला ब्लॉक आवंटन के दौरान कोयला मंत्री भी थे और इसीलिए विपक्ष उन्हें निशाना बना रहा है। वह पिछले हफ्ते से बयान देने की प्रतीक्षा कर रहे हैं, लेकिन विपक्ष, खासकर बीजेपी द्वारा संसद में गतिरोध पैदा किए जाने के कारण वह ऐसा नहीं कर पाए। सूत्रों ने बताया कि वह यह कहकर कैग रिपोर्ट में लगाए गए आरोपों का खंडन कर सकते हैं कि 1.86 लाख करोड़ के नुकसान के 'भ्रामक' आकलन में 'खामियां' हैं। उन्होंने कैग रिपोर्ट और विपक्ष द्वारा लगाए गए सभी आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि इन आरोपों का कोई आधार नहीं है। उन्होंने कहा कि मंत्रालय द्वारा लिए गए फैसलों के लिए वह अपनी जिम्मेदारी स्वीकार करते हैं।
वहीं दूसरी तरफ संसद की कार्यवाही न चलने देने को लेकर एनडीए में फूट पड़ गई है। अकाली दल के सुखदेव सिंह ढींढसा ने कहा है कि सदन में इस पूरे मसले पर चर्चा की जानी चाहिए। ढींढसा के बयान के बाद सुबह 10 बजे होने जा रही एनडीए की बैठक टल गई है, लेकिन लालकृष्ण आडवाणी के नेतृत्व में बीजेपी के नेताओं की बैठक हुई। इसमें राजनाथ सिंह, मुरली मनोहर जोशी, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज मौजूद रहे। बीजेपी के लिए राहत की बात यह है कि प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग पर शिवसेना उसके साथ है। अकाली दल की राय सार्वजनिक रूप से आने के बाद भी बीजेपी ने साफ कर दिया है कि उसे प्रधानमंत्री के इस्तीफे से कम कुछ भी मंजूर नहीं है।

Saturday, August 25, 2012

अरविंद , सत्तारुढ पार्टी पर निशाना साधना चाहिये- किरण बेदी


नयी दिल्ली : पूर्व टीम अन्ना के सदस्य कोल ब्लाक आवंटन के मुद्दे पर कल प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और भाजपा (भारतीय जनता पार्टी) प्रमुख नितिन गडकरी के आवासों का घेराव करेंगे, हालांकि उस टीम की अहम सदस्य रह चुकीं किरण बेदी ने मुख्य विपक्षी पार्टी को निशाना बनाने का विरोध जताया है.किरण बेदी ने ट्विटर पर लिखा, ‘‘मैं जंतर-मंतर पर रैली के अरविंद के आह्वान का पूरा समर्थ करती हूं. हालांकि मेरा मानना है कि हमें सत्तारुढ पार्टी पर निशाना साधना चाहिये, मैं उनके और अन्य लोगों के विचार का सम्मान करती हूं.उन्होंने लिखा, ‘‘यह ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चे का वक्त है. अगर हम बिखरे रहे तो भ्रष्ट लोग खुद को बचाने के लिये सत्ता में बने रहेंगे.’’ इस घेराव के बारे में केजरीवाल ने कहा, ‘‘कांग्रेस और भाजपा ने साथ मिलकर कोयला घोटाले में एक लाख 86 हजार करोड रुपये लूटे..’’‘इंडिया अगेंस्ट करपशन’ के बैनर तले ये लोग छत्तीसगढ के मुख्यमंत्री रमन सिंह, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक के आवासों का भी घेराव करेंगे.गौरतलब है कि मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ भाजपा शासित प्रदेश हैं, जबकि ओडिशा में बीजद (बीजू जनता दल) सत्ता में है.विपक्षी पार्टियों की सत्ता वाले राज्यों में घेराव करने का फैसला आज किया गया जबकि गृरुवार को सिर्फ प्रधानमंत्री और गडकरी के आवासों के घेराव की बात कही गयी थी
उन्होंने लिखा, ‘‘यह ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ एक संयुक्त मोर्चे का वक्त है. अगर हम बिखरे रहे तो भ्रष्ट लोग खुद को बचाने के लिये सत्ता में बने रहेंगे.’’ इस घेराव के बारे में केजरीवाल ने कहा, ‘‘कांग्रेस और भाजपा ने साथ मिलकर कोयला घोटाले में एक लाख 86 हजार करोड रुपये लूटे.प्रधानमंत्री और नितिन गडकरी के आवासों का घेराव होगा. 26 अगस्त को सुबह 10 बजे जंतर-मंतर पर इकट्ठा हों.’’ दिल्ली पुलिस का कहना है कि उन्होंने प्रदर्शन के दौरान किसी भी अप्रिय घटना से बचने के लिये पर्याप्त एहतियाती कदम उठाये गये हैं.किरन बेदी और केजरीवाल में मतभेद पहली बार सामने नहीं आएं है. पॉलिटिकल पार्टी बनाने के फैसले पर भी किरन बेदी ने अलग राय जाहिर की थी. किरन बेदी पॉलिटिकल पार्टी बनाए जाने के खिलाफ थीं.
उन्होंने बाद में साफ भी किया था कि न तो पार्टी का हिस्सा रहेंगी और ना ही चुनाव लड़ेंगी. इस घेराव के एहतियाती कदम के तहत कल सुबह आठ बजे से शाम छह बजे तक छह मेट्रो स्टेशन केंद्रीय सचिवालय, उद्योग भवन, पटेल चौक, रेस कोर्स, जोर बाग और खान मार्केट बंद रहेंगे.ये सभी स्टेशन मनमोहन और गडकरी के आवासों के आस-पास हैं. इस पर केजरीवाल ने कहा, ‘‘क्या भाजपा और कांग्रेस की रैलियों के दौरान भी मेट्रो स्टेशन बंद रहते हैं? क्या इसका मतलब है कि पार्टियों और राजनेताओं से कोई खतरा नहीं है लेकिन इस देश के लोग देश के लिये खतरा हैं?’’बेदी ने कहा कि लोगों को जंतर-मंतर आने में परेशानी पैदा करने के लिये मेट्रो स्टेशन बंद करना ‘पूरी तरह गैरलोकतांत्रिक’ है.

गूगल को तगड़ा झटका


अमेरिका के कैलिफोर्निया प्रांत में स्थित सैन जोस की अदालत ने इस मामले में सैमसंग को आदेश दिया कि वह एप्पल को 1.05 अरब डॉलर का हर्जाना चुकाए। अदालत के इस फैसल से सैमसंग के साथ ही सर्ज इंजन सेवा देने वाली गूगल को भी तगड़ा झटका लगा है क्योंकि सैमसंग के आईफोन में गूगल के एंड्रॉयड एप्लिकेशन का इस्तेमाल होता है। प्रौद्योगिकी क्षेत्र से जुड़ी दुनिया की दो दिग्गज कंपनियों अमेरिका की एप्पल इनकारपोरेशन और दक्षिण कोरिया की सैमसंग इलेक्ट्रॉनिक्स के बीच पेटेंट विवाद को लेकर चली कानूनी लड़ाई आखिरकार एप्पल ने जीत ली है।सैमसंग और एप्पल के बीच पेटेंट का यह विवाद आईफोन और आईपैड से जुड़ा है। एप्पल ने वर्ष 2007 में आईफोन कारोबार में उतरने के साथ ही इसके लिए पेंटेट का आवेदन कर दिया था। इसके बाद वर्ष 2010 में कंपनी आईपैड लेकर आई। इसके बाद सैमसंग भी आईफोन लेकर बाजार में उतर गई।
एप्पल ने आरोप लगाया कि सैमसंग के नए आईफोन और आईपैड में जिस प्रौद्योगिकी का इस्तेमाल किया है उस पर एप्पल का एकाधिकार है क्योंकि इसके लिए वह पहले ही पेटेंट हासिल कर चुकी है। अदालत में लंबी चली इस कानूनी लड़ाई में आखिरकार फैसला एप्पल के हक में आया।इस फैसले से दुनिया के कई देशों में सैमसंग के मोबाइल कारोबार को तगड़ा झटका लग सकता है। एप्पल सैमसंग के आईफोन सेटों की बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगाए जाने की मांग कर सकती है। सैमसंग ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया में कहा कि यह फैसला उपभोक्ताओं के हित में नहीं होगा।

Friday, August 24, 2012


नई दिल्ली। कोल ब्लॉक आवंटन पर आई नियंत्रक एवं महालेखा परीक्षक (सीएजी) की रपट को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग दोहराते हुए विपक्ष ने लगातार चौथे दिन शुक्रवार को भी संसद में जमकर हंगामा किया। इस कारण संसद के दोनों सदनों की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। इसके पहले सदन की कार्यवाही को 12 बजे तक के लिए स्थगित किया गया।लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सदस्यों ने प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को लेकर नारेबाजी शुरू कर दी। परिणामस्वरूप कुछ ही मिनट बाद दोनों सदनों की कार्यवाही 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई।

ट्विटर के 20 अकाउंट को बंद करने का फैस


इंटरनेट सर्विस प्रोवाइडर्स को 20 अकाउंट बंद करने का निर्देश देकर गुरुवार को सरकार निशाने पर आ गई। सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा का हवाला देते हुए माइक्रो ब्लॉगिंग साइट ट्विटर के 20 अकाउंट को बंद करने का फैसला किया है। दूरसंचार मंत्रालय ने यह फैसला 18 अगस्त से 21 अगस्त के बीच लिया। ऐसी खबर है कि इन सभी अकाउंट का या तो पूर्वोत्तर के नागरिकों के खिलाफ अफवाहें फैलाने के लिए इस्तेमाल किया जा रहा था या फिर इनसे राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरा पैदा होने का अंदेशा था।
वरिष्ठ पत्रकार कंचन गुप्ता और शिव अरूर भी उन लोगों में शामिल हैं, जिनके ट्विटर अकाउंट्स ब्लॉक किए गए हैं। सरकार की ओर से की गई इस कार्रवाई पर दूरसंचार मंत्री कपिल सिब्बल ने देश में ट्विटर का सर्वर न होना समस्या बताया है। सिब्बल ने माना कि फेसबुक और गूगल सहयोग कर रहे हैं लेकिन स्थायी हल के लिए तमाम स्टेक होल्डर्स से बात करनी होगी।

सुप्रीम कोर्ट ने आज वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को राहत

 सुप्रीम कोर्ट ने आज वित्त मंत्री पी. चिदंबरम को राहत देते हुए 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन मामले में पूर्व केंद्रीय संचार मंत्री ए. राजा के साथ सहआरोपी बनाने की मांग खारिज कर दी। न्यायमूर्ति जी.एस. सिंघवी और न्यायमूर्ति एस.के. राधाकृष्णन की पीठ ने जनता पार्टी के अध्यक्ष सुब्रह्मण्यम स्वामी की याचिका खारिज करते हुए कहा कि याचिकाकर्ता द्वारा उपलब्ध कराई गई सामग्री आरोप साबित नहीं करती। देश की राजनीति काफी हद तक इस फैसले से जुड़ी हुई थी। संसद में जारी गतिरोध के बीच सरकार और चिदंबरम दोनों के लिए बड़ी राहत है। विपक्ष जिस तरीके से कोल ब्लॉक आवंटन और उस पर सीएजी की रिपोर्ट को लेकर सरकार पर हमलावर था वह इस फैसले के बाद कुछ हद तक कुंद हो सकती है।स्वामी ने निचली अदालत के चार फरवरी के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी। निचली अदालत ने अपने आदेश में चिदंबरम को सहआरोपी बनाने और उनके खिलाफ केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) से जांच कराने की मांग खारिज कर दी थी। जनता पार्टी अध्यक्ष सुब्रह्मयम स्वामी और गैर सरकारी संस्था सीपीआईएल ने की याचिका पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि 2जी स्पैक्ट्रम की नीलामी मामले में चिदंबरम के वित्त मंत्री रहते ए राजा के साथ हुई मीटिंग को ही उनके सह-आरोपी होने का आधार नहीं माना जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने इस तथ्य को सबूत के तौर पर नाकाफी बताते हुए याचिका को खारिज कर दिया।सुबह साढ़े दस बजे शुरू हुई सुनवाई में कोर्ट ने माना कि राजा और चिदंबरम के बीच हुई बैठक भर को किसी षणयंत्र से नहीं जोड़ा जा सकता या इसके आधार पर ही यह नहीं तय हो सकता है कि चिदंबरम ने अपने पद का इस्तेमाल करके देश को नुकसान पहुंचाया। फैसले में कोर्ट ने दायर की गई दोनों याचिकाओं को खारिज कर दिया। चिदंबरम के खिलाफ जांच की याचिका को भी कोर्ट ने मंजूर नहीं किया। कोर्ट ने माना कि तथ्यों से किसी भी तरह यह साबित नहीं हो सका कि चिदंबरम को टेलीकॉम आवंटन में चिदंबरम ने पद का दुरुपयोग किया हो या उन्हें धन संबंधी लाभ पहुंचा हो। वहीं, स्वामी ने सुप्रीम कोर्ट के फैसले को गलत निर्णय बताते हुए कहा कि उन्होंने किसी भी तरह के षणयंत्र में चिदंबरम के संलिप्तता की बात की ही नहीं। मुझे किसी भी तरह के आपराधिक प्रायोजन को साबित करना भी नहीं था, मैंने तो सिर्फ यह कहा कि इससे राष्ट्र को नुकसान पहुंचा है।स्वामी ने यह भी कहा कि कोर्ट को फैसला दलीलों पर आधारित नहीं है। कोर्ट का फैसला उन चीजों पर आधारित है जिसपर कि बहस की ही नहीं गई। स्वामी ने चेताया कि यह फैसला सरकार के खिलाफ जाएगा। यह मत सोचिए कि यहां किसी तरह के जांच की जरूरत है। मौजूदा सबूतों के आधार पर ही चार्जशीट दायर की जा सकती है।याचिकाकर्ता सुब्रह्मयम स्वामी ने कहा कि वह अभी फैसले की कॉपी पढ़ने के बाद आकलन करेंगे। सुप्रीम कोर्ट ने फैसले में कहा कि याचिकाकर्ता की ओर से पेश किए गए सबूतों से चिदंबरम के किसी षणयंत्र में शामिल होने की बात पुख्ता नहीं होती है। स्वामी ने कहा कि वह राष्ट्र के नुकसान की बात कहते रहे हैं और इसी पर आगे बढ़ेंगे।सरकार की ओर से नारायणसामी ने कहा कि स्वामी का काम ही सरकार के खिलाफ याचिका डालना है। सुप्रीम कोर्ट के फैसले से इस वक्त वो हताश हैं।

Thursday, August 23, 2012

इंदौर की आईजी अनुराधा शंकर कि लापरवाही

इंदौर पुलिस की घोर लापरवाही और अमानवीयता का मुद्दा उठने के बाद गृह मंत्री ने जांच के आदेश दिए हैं। आईजी अनुराधा शंकर का कहना है कि डीआईजी श्री मनोहर जांच कर रिपोर्ट देंगे। लापरवाही साबित होने पर कार्रवाई की जाएगी। अब तक जो प्रमाण मिले हैं, उनमें लापरवाही नहीं दिख रही। पुलिस की लापरवाही का वीडियो फुटेज देखने के बावजूद उस पर पर्दा डाला जा रहा है। उधर, डीआईजी ने बताया कि मौके पर मौजूद लोग, मृतक, उसके परिजन, थाने वालों, 108 के स्टाफ की कॉल डिटेल निकाली गई है। गुरुवार शाम तक स्थिति स्पष्ट हो जाएगी। राजेंद्रनगर थाना..पुलिस वालों और लोगों का हुजूम..एक गंभीर घायल युवक को उसका छोटा भाई गोद मे लिए बैठा था। कराहते भैया को देख वह बेबस कभी पुलिस वालों से तो कभी लोगों से गुहार करता - जल्दी से इसे अस्पताल पहुंचा दो..वरना यह मर जाएगा। लेकिन पुलिस तरह-तरह के सवाल पूछती रही और लोग तमाशा देखते रहे।प्रत्यक्षदर्शियों में से कुछ ने पूरी घटना कैमरे में रिकॉर्ड की थी, जिसकी क्लिपिंग डीआईजी ए. साईं मनोहर को बुधवार को सौंपी गई। उसे देखने पर पता चला रवि को उसका भाई नानू गोद में लिए थाना परिसर में बैठा था। एक दर्जन से ज्यादा लोग उसे दिलासा दे रहे थे, लेकिन किसी ने मदद नहीं की। रवि को सबसे पहले अटैंड करने वाली एमवाय अस्पताल की सीएमओ डॉ. इंदिरा नारंग ने बताया उसके फेफड़ों में चाकू लगा था और नस कटने के कारण अंदर ही खून जमा होता रहा। समय पर लाया जाता तो उसे बचाया जा सकता था। इस लापरवाही के लिए राजेंद्रनगर थाने के पुलिसकर्मी सीधे तौर पर जिम्मेदार हैं, जो मामले को साधारण समझकर टालमटोल करते रहे।थाने के बाहर एम्बुलेंस 108 थी लेकिन उसमें न तो स्टाफ था और न ही ड्राइवर। मान-मनौव्वल के बावजूद पुलिसकर्मी थाने में चहल-कदमी करते रहे। करीब आधे घंटे यही लेतलाली चली, फिर रवि को एम्बुलेंस में ले जाया गया। एम्बुलेंस के डॉक्टर ने प्राथमिक इलाज शुरू किया लेकिन उसे तत्काल रवाना करने के बजाय थाने के जवान उससे नाम, मोबाइल नंबर आदि जानकारी नोट करते रहे। इस बीच नानू कहता रहा कि देर हो रही है। 10 कदम दूर ही 108 एम्बुलेंस खड़ी थी लेकिन उसके कर्मचारी नदारद थे। आधे घंटे के बाद बड़ी मुश्किल से उसे अस्पताल ले जाया गया..लेकिन तब तक बहुत देर हो चुकी थी। युवक ने दम तोड़ दिया। लापरवाही और अमानवीयता की इंतहा..मगर पुलिस अधिकारी अब भी तकरें का सहारा लेकर बचने-बचाने की कोशिश कर रहे हैं। घटना यह है कि राजेंद्रनगर क्षेत्र के आनंदनगर में मंगलवार को चार हमलावरों ने घर के बाहर खड़े दो दोस्तों पर चाकू से हमला कर दिया। घायलों को लेकर परिजन थाने पहुंचे, लेकिन वहां किसी पुलिसकर्मी ने ध्यान नहीं दिया। गंभीर घायल रवि पिता सुरेश दांगी (18) जिला अस्पताल ले जाया गया। वहां के डॉक्टरों ने उसे ठीक से देखा भी नहीं और एमवायएच रैफर कर दिया। इसमें करीब डेढ़ घंटा बीत गया और अंतत: रवि की सांसें थम गईं। डॉक्टरों का कहना है कि उसे समय रहते इलाज मिल जाता तो जान बच जाती। पुलिस की इस लापरवाही पर अब अफसर कार्रवाई की लीपापोती का हवाला दे रहे हैं।
 जेपीसी से बीजेपी सांसदों के वॉकआउट के बाद कांग्रेस को डर सता रहा है कि मुख्य विपक्षी पार्टी दबाव बनाने के लिए लोकसभा से अपने सांसदों के सामूहिक इस्तीफे दिलवा सकती है। हालांकि, बीजेपी ने संसदीय समितियों और लोकसभा से उसके सासंदों के संभावित इस्तीफे की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।भारतीय जनता पार्टी ने लोकसभा से सामूहिक इस्तीफा देने जैसे खबरों से इनकार किया है। सुषमा स्वराज ने लोकसभा से सांसदों के सामूहिक इस्तीफे की खबरों को मनगढ़ंत बताया है। पार्टी सूत्रों ने संसदीय समितियों और जेपीसी छोड़ने की बात से भी इनकार किया। उन्होंने कहा है कि ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है। इससे पहले खबरें आई थीं कि कैग रिपोर्ट के बाद प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग कर रही भाजपा ने केंद्र पर दबाव बढ़ाने के लिए लोकसभा से साम‌ूहिक इस्तीफा देने की रणनीति बनाई है। भाजपा के सदस्य जेपीसी से भी बाहर आ सकते हैं। संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले गुरुवार को बीजेपी की बैठक हुई। इसके बाद पार्टी सूत्र ने बताया कि लोकसभा से सभी सांसदों के इस्तीफे की रिपोर्ट पूरी तरह से मनगढ़ंत है। पार्टी ने संसदीय समितियों और जेपीसी छोड़ने की बात से भी इनकार किया और कहा कि ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है।बुधवार रात यूपीए कोऑर्डिनेशन कमिटी की मीटिंग में घटल दलों के नेताओं ने संसद में जारी गतिरोध पर चर्चा की। नेताओं की राय थी कि दबाव बढ़ाने के लिए सभी संसदीय समितियों से बीजेपी के सांसद अपना नाम वापस ले सकते हैं। यूपीए नेताओं को आशंका है कि बीजेपी के सांसद लोकसभा की सदस्यता से सामूहिक इस्तीफा देकर अस्थिरता को भी बढ़ा सकते हैं।
कांग्रेस ने भी इस स्थिति से निपटने ‌के लिए तैयारी भी कर ली थी। बुधवार देर शाम हुई यूपीए कॉआर्डिनेशन कमेटी की बैठक में यह फैसला लिया गया था कि यदि भाजपा सांसद इस्तीफा देते हैं तो आम चुनाव कराने के बजाए भाजपा की 114 सीटों पर ही उपचुनाव करवा दिया जाएगा। यूपीए कॉआर्डिनेशन कमेटी की बैठक में शरद पवार, अजीत सिंह और फारुक अब्दुल्ला आदि शामिल थे।.कोयला आवंटन घोटाले के मुद्दे पर बीजेपी ने सरकार को लगातार तीसरे दिन भी घेरा हुआ है। गुरुवार को लोकसभा और राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी समेत विपक्ष के कई नेताओं ने प्रधानमंत्री का इस्तीफा मांगते हुए जोरदार हंगामा किया। हंगामे को देखते हुए दोनों सदनों की कार्यवाही बार-बार टालनी पड़ रही है। लगातार तीन दिन से संसद में तीन मिनट भी कामकाज नहीं हो पा रहा है। गतिरोध दूर करने के लिए राज्‍यसभा के सभापित ने सर्वदलीय बैठक बुलाई। लेकिन इस बैठक में एनडीए शामिल नहीं हुआ। बैठक बेनतीजा खत्‍म हो गई।

प्रधानमंत्री इस मसले पर बयान देने के लिए भी तैयार हैं, लेकिन विपक्ष सीधे उनके इस्‍तीफे की मांग पर अड़ा है। इस बीच, अन्‍ना हजारे के सहयोगी अरविंद केजरीवाल ने लोगों से अपील की है कि वे 'कोयला घोटाले' का विरोध करने के लिए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और भाजपा अध्‍यक्ष नितिन गडकरी के घरों के बाहर प्रदर्शन करें।
सोनिया गांधी ने कांग्रेस सांसदों से कहा है कि हमें बचाव की मुद्वा में नहीं रहना है बल्कि भाजपा पर पलटवार करना है। वे जनता की इस तरह से अवेलहना नहीं कर सकते। अंदेशा है कि इस मुद्दे पर अब बीजेपी बड़ा राजनीतिक दांव खेल सकती है। सरकार पर दबाव बनाने के लिए बीजेपी के सभी लोकसभा सदस्य इस्तीफा दे सकते हैं। इसे पार्टी का प्लान-2 बताया जा रहा है। इस्तीफे के सिलसिले की शुरुआत बीजेपी के सदस्य संसद की सभी समितियों से इस्तीफे के साथ कर सकते हैं। पार्टी सभी तरह की संसदीय समिति से इस्तीफे का एलान कर सकती है। बीजेपी नेताओं ने बुधवार शाम संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) से वॉकआउट करते हुए इस्तीफे की धमकी देकर अपने तेवर जता दिए हैं। पार्टी का एक धड़ा इस बात के हक में है कि कम से कम पार्टी के सभी सदस्यों को संसदीय समितियां छोड़ देनी चाहिए। माना जा रहा है कि संसदीय समितियों से इस्तीफे की रणनीति पर भाजपा जल्द ही अमल कर सकती है।  हालांकि, औपचारिक तौर पर बीजेपी अभी इस्तीफे की खबरों से इनकार कर रही है। गुरुवार को बीजेपी ने साफ किया है कि अभी पार्टी का किसी भी संसदीय समिति से बाहर आने का कोई इरादा नहीं है।
इससे पहले बीजेपी प्रवक्ता प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि सरकार जिस तरह से संसदीय समितियों को ध्वस्त कर रही है, ऐसे में समिति के औचित्य पर प्रश्नचिह्न लगता है। भाजपा सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि सरकार पर दबाव बनाने के लिए स्थायी, तदर्थ सहित सभी तरह की संसदीय समितियोंसे उसके सदस्य इस्तीफा दे सकते हैं। इसके लिए भाजपा सदस्यों को तैयार करने को कहा गया है। वरिष्ठ बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि सीएजी रिपोर्ट को लेकर पार्टी ने प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग की है। हम इस मांग को निर्णायक मोड़ तक ले जाएंगे। उन्होंने संकेत दिया कि प्रधानमंत्री के इस्तीफे के लिए सरकार पर दबाव बनाने को लेकर भाजपा के पास कई विकल्प और रणनीति हैं जिसका खुलासा उचित समय पर पार्टी करेगी। 
लेकिन कांग्रेस ने बीजेपी के इस दांव की काट खोजनी शुरू कर दी है। यूपीए कोऑर्डिनेशन कमिटी की बुधवार शाम हुई बैठक में कांग्रेस के नेताओं ने बीजेपी लोकसभा सांसदों के संभावित इस्तीफे पर मंथन किया। बैठक में पार्टी के रणनीतिकारों का मानना था कि अगर बीजेपी के 114 लोकसभा सदस्य संसद से इस्तीफा देते हैं तो देश में मध्यावधि चुनाव नहीं बल्कि उपचुनाव होंगे। पार्टी की रणनीति के मुताबिक अगर बीजेपी अपनी सभी सीटें जीतती है तो भी सरकार की सेहत पर कोई फर्क नहीं पड़ेगा। लेकिन अगर कांग्रेस इन 114 सीटों में कुछ भी हासिल करती है तो अगले आम चुनावों के लिए कांग्रेस के पक्ष में माहौल बनने लगेगा। मतलब साफ है कि कांग्रेस को लगता है कि दोनों स्थितियों में बीजेपी को कोई खास फायदा नहीं होगा। 
इससे पहले कोल ब्लॉक बंटवारे पर सरकार पर दबाव बनाने के लिए भाजपा ने तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी से संपर्क किया, लेकिन वहां उसे निराशा हाथ लगी। संसद की कार्यवाही नहीं चलने देने पर भी उसे जद-यू जैसे मित्र दल से भी पूरा साथ नहीं मिल रहा। जबकि यूपीए की समन्वय समिति की बैठक में घटक दल प्रधानमंत्री के पक्ष में खड़े दिखे। सबने प्रधानमंत्री के इस्तीफे की मांग को खारिज कर दिया। हालांकि कोयला घोटाले के केंद्र में आए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के साथ कांग्रेस के सहयोगी दल संसद और उसके बाहर खुलकर सामने नहीं आ रहे। वैसे सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री ने मौका मिलने पर अपनी लड़ाई खुद लडऩे की तैयारी पूरी कर ली है। इसे देख ही बीजेपी के रणनीतिकारों ने संसदीय समितियों से बाहर आने और लोकसभा से सामूहिक इस्तीफे की रणनीति पर विचार करना शुरू किया था। 

यंग इंडिया अंडर-19 वर्ल्ड कप के फाइनल में

टाउन्सविले।। यंग इंडिया अंडर-19 वर्ल्ड प के  फाइनल में पहुंच गई है। बेहद रोमांचक सेमीफाइनल मैच में उसने न्यू जीलैंड को 9 रन से हरा दिया। भारत का मुकाबला फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से होगा। टॉस हार कर पहले बल्लेबाजी करने उतरी टीम इंडिया को सलामी बल्लेबाज प्रशांत चोपड़ा ने कप्तान उनमुक्त चंद के साथ मिल कर बेहतरीन शुरुआत दी। दोनों बल्लेबाजों के बीच पहले विकेट के लिए 51 रन की साझेदारी हुई। 
 
प्रशांत ने 5 चौकों और 1 छक्के की मदद से 104 गेंदों का सामना करते हुए 52 रन बनाए। उनमुक्त ने 5 चौकों की मदद से 31 रन बनाए।  प्रशांत चोपड़ा (52 रन) और बाबा अपराजित (44 रन) की शानदार पारियों की बदौलत भारत ने 9 विकेट पर 209 का स्कोर बनाया। इस औसत से स्कोर के बाद बोलर्स ने जान लड़ाकर बोलिंग कर न्यू जीलैंड को 9 विकेट पर 200 रन पर रोक दिया। भारत की तरफ से संदीप शर्मा, हरमीत और रविकांत ने 2-2 विकेट लिए, जबकि पासी, बाबा अपराजित ने एक-एक विकेट झटके। डेविडसन को पासी ने रविकांत के हाथों 6 रन पर कैच कराया, तो कार्टर 30 रन पर रविकांत का शिकार बने। हॉर्ने और यंग को हरमीत ने पविलियन की राह दिखाई। सेमीफाइनल में जीतने वाली टीम फाइनल में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ेगी।प्रशांत चोपड़ा ने 52 रन, बाबा अपराजित ने 44 रन और कप्तान उनमुक्त चंद ने 31 रन की उपयोगी पारियां खेलीं। कीवी टीम के लिए बेन हॉर्ने ने सर्वाधिक 3 विकेट चटकाए।भारत को पहला झटका कैप्टन उन्मुक्त चंद के रूप में लगा। वह 31 रन बनाकर आउट हुए। इसके बाद बाबा अपराजित ने मोर्चा संभाला। पाकिस्तान के खिलाफ क्वॉर्टर फाइनल में शानदार फिफ्टी जड़ने वाले अपराजित इस मैच में भी पूरे रंग में नजर आए।

बीसीसीआई ने सहारा इंडिया परिवार के नए रिटेल चेन ‘क्यू’ के विज्ञापन पर आपत्ति जताई


 बीसीसीआई ने सहारा इंडिया परिवार के नए रिटेल चेन ‘क्यू’ के विज्ञापन पर आपत्ति जताई है। इस विज्ञापन में सचिन तेंदुलकर को अंतिम संस्कार करते हुए दिखाए गया है। सचिन जब अंतिम संस्कार कर रहे होते हैं तब उनके पास डाइनिंग टेबल पर एक परिवार बैठा हुआ है। वहीं युवराज सिंह एक बच्चे के सामने कब्र खोद रहे हैं।सचिन और युवराज के अलावा इसमें टीम इंडिया के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी, वीरेंद्र सहवाग और विराट कोहली भी लोगों को मौत का डर दिखाते हुए दिख रहे हैं। विज्ञापन में दिखाया गया है कि यदि आप 'क्यू' से सामान नहीं खरीदते हैं तो आप असमय मौत का शिकार हो जाएंगे। गौरतलब है कि देश के नामी समूह सहारा परिवार ने 15 अगस्त से देश के कई राज्यों में नया रिटेल चेन शुरू किया है।भारतीय टीम क्रिकेट टीम के प्रायोजक सहारा ग्रुप और भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड एक बार फिर आमने-सामने है। इस बार भारतीय क्रिकेट के शीर्ष खिलाड़ियों को लेकर बनाए गए विज्ञापन को लेकर बोर्ड ने भौंहे चढ़ाई हुई हैं। बोर्ड ने सहारा से सचिन, युवराज, सहवाग, कोहली व धौनी पर फिल्माए गए इस विज्ञापन को तुरंत हटाने को कहा है। बोर्ड का मानना है कि यह विज्ञापन अच्छा संदेश नहीं दे रहा है।दरअसल सहारा ने क्यू शॉप के लिए बनाए गए इस विज्ञापन में सचिन तेंदुलकर को एक परिवार के खाने के टेबल के चारों ओर घूम कर अंतिम क्रिया करते दिखाया गया है। इसके अलावा युवराज को कब्र खोदते, कोहली को व्हील चेयर ले जाते और सहवाग को साधारण क्रिब को दवा कि क्रिब से बदलते दिखाया गया है। विज्ञापन के अंत में धौनी यह संदेश देते नजर आते हैं कि यदि आप सब अपने परिवार का ऐसा हश्र नहीं चाहते तो आपको सहारा क्यू शाप से ही सामान खरीदना चाहिए। दरअसल सहारा का दावा है कि उनकी क्यू शॉप में ग्राहकों को मिलावट रहित खाद्य पदार्थ मिलेंगे। इस विज्ञापन से यह संदेश भी जा रहा है कि यदि सहारा क्यू शॉप के अलावा आप कहीं अन्य जगह से समान खरीदेंगे तो आपका ऐसा ही हश्र हो सकता है।ऐसे में प्रसारण के कुछ समय बाद से ही इस विज्ञापन को लेकर आपत्तियां उठनी शुरू हो गई थीं। यहां तक कि सचिन तेंदुलकर भी महसूस करते हैं कि इस विज्ञापन को हटाया जाना चाहिए।इसके अलावा बीसीसीआई ने सहारा पर अनुबंध के नियमों का उल्लंघन का भी आरोप लगाया है। बीसीसीआई का कहना है कि अनुबंध के मुताबिक किसी भी विज्ञापन में तीन खिलाड़ियों से ज्यादा शामिल नहीं किए जा सकते लेकिन सहारा ने इस विज्ञापन में आठ खिलाड़ियों को दिखाया है।

सदनों को दोपहर 2 बजे तक के लिए स्थगित


नई दिल्ली। कोयला ब्लॉक आवंटन मामले संसद की कार्यवाही में आज फिर हंगामा ही हावी होता दिखाई दे रहा है। इसके पहले सुबह 11 बजे कार्यवाही शुरू होते ही बीजेपी के सासंदों ने प्रधानमंत्री से इस्तीफे की मांग पर जमकर हंगामा किया जिसके बाद दोनों ही सदनों को दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया था। सएजी) की रपट पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग दोहराते हुए विपक्ष ने लोकसभा एवं राज्य सभा में गुरुवार को भी जमकर हंगामा किया। इस कारण दोनों सदनों की कार्यवाही 2 बजे तक स्थगित करनी पड़ी है। संसद की कार्यवाही में आज फिर हंगामा ही हावी होता दिखाई दे रहा है। सुबह 11बजे लोकसभा की कार्यवाही शुरू होते ही भारतीय जनता पार्टी के सदस्यों ने शोरगुल शुरू कर दिया और वे अध्यक्ष के आसन के समक्ष जाकर नारेबाजी करने लगे। इसकी वजह से लोकसभाध्यक्ष मीरा कुमार ने सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित कर दी। राज्य सभा में भी ऐसा ही नजारा देखने को मिला जिसकी वजह से सभापति हामिद अंसारी को सदन की कार्यवाही 12 बजे तक स्थगित करनी पड़ी। वहीं संसद में जारी गतिरोध पर सरकार ने बीजेपी से किया संपर्क किया है। सरकार के प्रस्ताव पर बीजेपी ने सोमवार तक पत्ते खोलने की बात कही है।संसद की कार्यवाही शुरू होने से पहले गुरुवार को बीजेपी की बैठक हुई। इसके बाद पार्टी सूत्र ने बताया कि लोकसभा से सभी सांसदों के इस्तीफे की रिपोर्ट पूरी तरह से मनगढ़ंत है। पार्टी ने संसदीय समितियों और जेपीसी छोड़ने की बात से भी इनकार किया और कहा कि ऐसा कोई फैसला नहीं लिया गया है।भ्रष्टाचार पर सत्ताधारी गठबंधन यूपीए और मुख्य विपक्षी पार्टी बीजेपी के बीच तनातनी अब चरम पर पहुंच गई है। संसद में प्रधानमंत्री डॉ. मनमोहन सिंह के इस्तीफे की मांग पर दोनों में छिड़ी जंग के बीच 2जी स्पेक्ट्रम आवंटन घोटाले की जांच कर रही जेपीसी में भी कांग्रेस और बीजेपी में मोर्चा खुल गया है। जेपीसी से बीजेपी सांसदों के वॉकआउट के बाद कांग्रेस को डर सता रहा है कि मुख्य विपक्षी पार्टी दबाव बनाने के लिए लोकसभा से अपने सांसदों के सामूहिक इस्तीफे दिलवा सकती है। हालांकि, बीजेपी ने संसदीय समितियों और लोकसभा से उसके सासंदों के संभावित इस्तीफे की रिपोर्ट को खारिज कर दिया है।

राजस्थान में भारी बारिश, 20 लोगों की मौत

जयपुर।। राजस्थान के कई जिलों में पिछले कुछ दिनों से बारिश कहर बरपा रही है। जयपुर समेत कई इलाकों में मंगलवार आधी रात से शुरू हुई मूसलाधार बारिश से 20 लोग जान गंवा चुके हैं। घरों में पानी भरने से 20 हजार लोग बेघर हुए हैं। उन्हें सुरक्षित स्थानों पर भेजा गया है। सरकार ने मृतकों के परिजनों को डेढ़-डेढ़ लाख का मुआवजा देने का ऐलान किया है।
पिछले 30 सालों में जयपुर में हुई यह अब तक की सबसे तेज बारिश है। हालात सुधरने तक स्कूल-कॉलेजों को बंद कर दिया गया है। वहीं, अगले 48 घंटों में बारिश की संभावना को देखते हुए सेना और प्रशासन को अलर्ट कर दिया गया है। जयपुर में बारिश की वजह से हुई दुर्घटनाओं में 10 लोगों की जान चली गई, जबकि दौसा जिले में घर गिर जाने से दो लोगों की मौत हुई।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने राज्य के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से फोन पर हालात की जानकारी ली है। राज्य सरकार के प्रवक्ता ने यह जानकारी दी। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत ने प्रधानमंत्री को बताया कि राज्य में बाढ़ जैसे हालात नहीं हैं। लेकिन लगभग 10 इलाकों में 200 मिलीमीटर से बरसात हुई है। जिससे कई इलाकों में पानी भर गया है।  
पिंक सिटी जयपुर में कई लोगों को भारी बारिश की वजह से सुरक्षित स्थानों पर भेज दिया गया है। मौसम विभाग के मुताबिक, जयपुर में बुधवार सुबह तक 300 मिलीमीटर बारिश हुई। कहा जा रहा है कि जयपुर में करीब 3 दशक के बाद 300 मिमी बारिश दर्ज की गई है।

जिला अधिकारी (दक्षिण) जसवंत सिंह ने कहा कि लगातार बरसात की वजह से जवाहर नगर, अजमेर रोड और दुर्गा कॉलोनी जैसे निचले इलाकों में घरों में पानी भर गया है। ऐसे में लोगों को आसपास मौजूद स्कूलों में पहुंचाया गया है। जयपुर में जिला प्रशासन एनजीओ की मदद से प्रभावित परिवारों को खाना और मेडिकल सेवाएं उपलब्ध करवा रहे हैं।
मौसम विभाग ने अगले 48 घंटों के दौरान झुंझुनूं, सीकर, हनुमानगढ, जयपुर जिले के कई हिस्सों में तेज बारिश की चेतावनी को देखते हुए सभी अधिकारियों को सतर्क कर दिया गया है। जयपुर में राहत कार्य का काम देख रहे अतिरिक्त जिला कलेक्टर (दक्षिण) जसवंत सिंह के अनुसार बारिश से जवाहरनगर कच्ची बस्ती, भट्टा बस्ती, दुर्गा कॉलोनी अजमेर रोड समेत करीब 10 निचली कालोनियों में सैंकडों मकानों में पानी भरा हुआ है और लोगों को नजदीकी स्कूलों में भेज दिया गया है।

Monday, August 20, 2012

पाक को मात देकर सेमीफाइनल में पहुचा भारत


u 19 world cup pakistan all out at 136अंडर-19 वर्ल्ड कप के क्वार्टर फाइनल मुकाबले में भारत ने पाकिस्तान को एक विकेट से हराकर रोमांचक जीत दर्ज की है। इस जीत के साथ ही भारतीय टीम सेमीफाइनल में पहुंच गई। 137 रनों के लक्ष्य को भारत ने 48 ओवर में नौ विकेट खोकर पूरा कर लिया। अब 23 अगस्त को भारतीय टीम सेमीफाइनल में न्यूजीलैंड से भिड़ेगी। भारतीय टीम की शुरुआत अच्छी नहीं रही। महज सात रन के स्कोर पर दो बल्लेबाज पवेलियन लौट गए। पी चोपड़ा 4 रन बनाकर और कप्तान उन्मुक्त चंद बिना खाता खोले आउट हुए। हालांकि बी अपराजित ने 51 रनों की पारी खेलकर टीम को मजबूती दी। आखिर में हरमीत सिंह (13 नाबाद) और संदीप शर्मा (2 नाबाद) ने संयम भरी पारी खेलकर टीम को जीत दिलाई।  इससे पहले भारतीयों गेंदबाजों के आगे पाकिस्तानी खिलाड़ी बेबस नजर आए और 45.1 ओवर में पूरी टीम 136 रनों पर आउट हो गई। संदीप शर्मा और रवि ने बेहतरीन गेंदबाजी करते हुए तीन-तीन विकेट लिए।
पाकिस्तान की तरफ से सलामी बल्लेबाज बाबर आजम ही टिक कर खेल पाए और उन्होंने अर्द्धशतक लगाया। उमर वहीद ने 27 और एहसान आदिल ने 35 रनों की अहम पारी खेली। टूर्नामेंट में पाकिस्तानी टीम की यह पहली हार रही।

बढती मंहगाई दे रही है इस्पात मंत्री को खुशी

बढ़ती महंगाई से खुश हैं इस्पात मंत्री बेनी प्रसाद वर्मा नई दिल्ली: केंद्रीय इस्पात मंत्री एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता बेनी प्रसाद वर्मा ने सोमवार को एक विवादित बयान में कहा कि वह बढ़ रही महंगाई से बहुत खुश हैं।  अपने गृह जनपद बाराबंकी में संवाददाताओं से बातचीत में बेनी ने कहा, मैं महंगाई से बहुत खुश हूं, क्योंकि महंगाई से किसानों को फायदा हुआ है।बेनी ने कहा, आज दाल, चावल, गेहूं, तेल सहित सभी चीजें महंगी हो गई हैं, तो इसका फायदा किसानों को हो रहा है। मैं महंगाई से प्रसन्न हूं। इस बीच बेनी ने समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव पर कटाक्ष करते हुए कहा कि तीसरे मोर्चे के उदय का सपना देखने वाले मुलायम का ख्वाब कभी पूरा नहीं होगा। बेनी ने कहा, मुलायम सठिया गए हैं। केंद्र में सरकार बनाने का उनका सपना कभी पूरा नहीं होगा। उनके बयान से भड़के समाजवादी नेता मोहन सिंह ने कहा कि बेनी को सरकार से हटाओ, वरना समर्थन वापस।
मालूम हो कि शनिवार को मुलायम ने कहा था कि कई राज्यों में तीसरे मोर्चे को बढ़त हासिल होती दिख रही है, इसलिए भाजपा और कांग्रेस के पूर्ण बहुमत पाने की संभावना कम दिख रही है।
मुलायम ने यह भी कहा था कि अगले आम चुनाव में सपा यदि उत्तर प्रदेश में 60 सीटें लाने में कामयाब हो जाती है तो केंद्र में सपा के नेतृत्व वाली सरकार बनने से कोई नहीं रोक सकता।

राजीव गांधी की जयंती पर प्रेजिडेंट, पीएम ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली : राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने सोमवार को राष्ट्र की ओर से पूर्व प्रधानमंत्री स्वर्गीय राजीव गांधी की 68वीं जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की। वरिष्ठ नेताओं ने भी राजीव गांधी के समाधि स्थल वीरभूमि में पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। 
राजीव गांधी की पत्नी एवं कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी, उनकी पुत्री प्रियंका गांधी और पति रावर्ट वडेरा ने भी समाधिस्थल में पुष्प अर्पित करके श्रद्धांजलि दी। राजीव गांधी के पुत्र एवं कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी हालांकि प्रार्थना कार्यक्रम के दौरान नहीं दिखाई दिए।  रक्षा मंत्री एके एंटनी, लोकसभा स्पीकर मीरा कुमार, योजना आयोग के उपाध्यक्ष मोंटेक सिंह अहलूवालिया, प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री वी नारायणस्वामी ने भी समाधि स्थल में पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी। बाद में विद्यालय के छात्रों ने समाधि स्थल की ओर मार्च किया। श्वेत वस्त्र पहने हुए बच्चे सामुदायिक सद्भावना के प्रतीक स्वरूप हाथ में तिरंगा लिये हुये थे। पूरे कार्यक्रम के दौरान शास्त्रीय संगीत की मधुर ध्वनि बजाई जा रही थी। 
देश में सूचना तकनीक क्रांति के प्रणेता राजीव गांधी का जन्म 20 अगस्त 1944 को हुआ था। उन्होंने 1984 से 1989 तक देश के छठे प्रधानमंत्री के रूप में कार्य किया। 21 मई 1991 को तमिलनाडु में एक जनसभा को संबोधित करने के दौरान लिट्टे आतंकियों ने उनकी हत्या कर दी थी। 

शादी न होने की वजह से गीतिका ने दी जान

Geetika-Sharmaनई दिल्ली।। गीतिका शर्मा की आत्महत्या को लेकर अब कहा जा रहा है कि गोपाल कांडा से शादी का वादा पूरा न होते देखकर उसने जान दी। कांडा लंबे वक्त से अपनी दो बेटियों की शादी की दुहाई दे रहा था। इस दौरान तीन बार अबॉर्शन और शादी न होने से गीतिका जिंदगी से हताश हो चुकी थी। गोवा में अंकिता और नूपुर मेहता के हाथों पिटाई के बाद कराई गई एफआईआर वापस लेने का दबाव भी गीतिका पर था। अंकिता भी अपनी बेटी का पिता कांडा को बता रही थी, जिससे गीतिका परेशान थी।
गोपाल कांडा से पूछताछ के बाद पुलिस गीतिका शर्मा की सूइसाइड की यह वजह बता रही है। पुलिस ने बताया कि गोपाल कांडा ने एमडीएलआर एयरलाइंस में गीतिका की नौकरी लगने के बाद उससे शारीरिक संबंध बना लिए थे। 18 साल की गीतिका को कांडा ने अपनी दौलत और रुतबे से चकाचौंध कर दिया था।
कांडा के पूरे परिवार को उन दोनों के गहरे रिश्तों के बारे में जानकारी थी। रिश्ते इतने गहरे बन गए कि गीतिका कांडा से शादी करने के लिए कहने लगी। पुलिस सूत्रों ने बताया कि शादी के लिए कांडा ने कभी भी उससे इनकार नहीं किया। कांडा ने उससे हमेशा यही कहा कि वह अपनी दो बेटियों की शादी डेढ़-दो साल में करने के बाद गीतिका से शादी कर लेगा। इस वादे पर गीतिका को शुरुआत में तो भरोसा था, लेकिन गोवा में हुई घटनाओं से उसे झकझोर दिया।

Saturday, August 18, 2012

वीवीएस लक्ष्मण ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को कहा अलविदा

 भारतीय क्रिकेट के संकटमोचक और सबसे स्टाइलिश बल्लेबाज वीवीएस लक्ष्मण ने सभी को चौंकाते हुए शनिवार को तत्काल प्रभाव से अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने की घोषणा कर दी। लक्ष्मण के लिए माना जा रहा था कि वह अपने गृह शहर हैदराबाद में 23 अगस्त से न्यूजीलैंड के खिलाफ शुरू होने वाले पहले टेस्ट के बाद संन्यास ले लेंगे लेकिन उन्होंने संन्यास की घोषणा कर 16 वर्ष के अपने बेहतरीन करियर का समापन कर दिया। 1996 में अपना अंतरराष्ट्रीय करियर शुरू करने वाले 37 वर्षीय लक्ष्मण ने एक संवाददाता सम्मेलन में अपने संन्यास की घोषणा की। लक्ष्मण के संन्यास के साथ ही भारतीय बल्लेबाजी के फैबुलस फोर का तीसरा सदस्य भी खेल से अलविदा हो गया। सौरभ गांगुली और राहुल द्रविड़ पहले ही खेल से संन्यास ले चुके हैं और अब इस विशिष्ट ग्रुप के एकमात्र सदस्य सचिन तेंदुलकर ही टीम इंडिया में सक्रिय हैं। पहले यह माना जा रहा था कि लक्ष्मण न्यूजीलैंड के खिलाफ दो टेस्टों की सीरीज के बाद संन्यास लेंगे लेकिन फिर यह बात सामने आई कि वह न्यूजीलैंड के खिलाफ पहले टेस्ट के बाद संन्यास लेंगे लेकिन वेरी वेरी स्टाइलिश लक्ष्मण ने सबको हैरत में डालते हुए पहला टेस्ट शुरू होने से पांच दिन पूर्व की संन्यास की घोषणा कर दी।
इंग्लैंड और आस्ट्रेलिया दौरों में भारत की टेस्ट सीरीज में 0-4 की शर्मनाक पराजय के बाद सीनियर बल्लेबाजों पर उंगलियां उठाई जा रही थी। आस्ट्रेलिया दौरा समाप्त होने के बाद लक्ष्मण ने अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कहा और अब लक्ष्मण भी खेल से अलविदा हो गए। लक्ष्मण के संन्यास के साथ भारत की कलात्मक बल्लेबाजी का एक युग समाप्त हो गया।
लक्ष्मण के संन्यास की घोषणा करने के फैसले के पीछे भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) की तरफ से आ रही उन रिपोर्टों को जिम्मेदार माना जा रहा है जिनमें यह कहा गया था कि लक्ष्मण को इस सीरीज के लिए विदायी देने के तौर पर चुना गया है।
भारत के लिए कई यादगार पारियां खेलने वाले लक्ष्मण ने अपना करियर 1996 में दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ शुरू किया था। उनके खाते में 134 टेस्टों में 8781 रन हैं जिनमें 17 शतक और 56 अर्धशतक शामिल हैं। लक्ष्मण ने 86 वनडे में छह शतकों के साथ 2338 रन भी बनाए हैं। 

12 दिनों में हवा में लोकेशन बदलता रहा कांडा

gopal-kandaनई दिल्ली।। दिल्ली की एयरहोस्टेस गीतिक शर्मा सूइसाइड केस में आरोपी गोपाल गोयल कांडा ने सरेंडर कर दिया है, लेकिन पुलिस अभी कई सवालों के जवाब खोजने में लगी है। पता चला है कि 5 अगस्त को गीतिका की खुदकुशी के बाद पिछले 12 दिनों के दौरान कांडा ने लगातार हेलिकॉप्टर का इस्तेमाल किया। पुलिस पता लगा रहा ही कि यह हेलिकॉप्टर किसका था और इस दौरान कांडा कहां-कहां गए। गीतिका की पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से यह बात सामने आई थी कि मौत के 48 से 72 घंटे पहले भी उसके साथ फिजिकल रिलेशन बनाए गए थे। पुलिस को शक है कि शारीरिक संबंध बनाने वाला यह शख्स कांडा हो सकता है। इसलिए गीतिका की मौत से 2-3 दिन पहले कांडा कहां था, इसका जवाब भी पुलिस तलाश रही है।
सूत्रों के मुताबिक, कांडा की तलाश में जुटी एक टीम को भनक लगी है कि कांडा लगातार जगह बदलने के लिए प्राइवेट हेलिकॉप्टर भी इस्तेमाल कर रहा है। जांच की जा रही है कि हेलिकॉप्टर किसका है और किसने उसे किराए पर लिया था। पुलिस की एक टीम को पता चला था कि कांडा इस बीच गोवा भी गया था। समझा जा रहा है कि उसने वहां जाकर गीतिका के सुइसाइड नोट वाली अंकिता को अंडरग्राउंड कराया और वहां मौजूद हर संभव सबूत को खत्म करने की कोशिश की।
यह भी खबरें थीं कि मौत के कुछ ही दिन पहले गीतिका अपने भाई के फैशन शो के लिए मुंबई गई थी। तो क्या यह लास्ट फिजिकल रिलेशन मुंबई में बने थे या दिल्ली में और इस दौरान कांडा कहां था? सूत्रों के मुताबिक इस सवाल का जवाब जानने के लिए ट्रेवल रेकॉर्ड, फोन लोकेशन और ऐसी ही कई चीजों की छानबीन की जानी है। गीतिका के विसरा की भी जांच हुई है। जरूरत के हिसाब से कांडा का ब्लड सैंपल लिया जा सकता है। हो सकता है कि इसके लिए कोर्ट की मदद लेनी पड़े।

फरीद जकारिया की फिर से टाइम में वापसी

 National time cnn backs zakarias suspension back and reinstateपीटीआई ॥ वॉशिंगटन : मशहूर टाइम मैगजीन और सीएनएन ने शुक्रवार को भारतीय-अमेरिकी लेखक और पत्रकार फरीद जकारिया का निलंबन वापस ले लिया। गौरतलब है कि जकारिया पर साहित्यिक चोरी के आरोप लगे थे। सीएनएन और टाइम ने आरोपों की जांच के बाद अलग-अलग बयान जारी कर जकारिया का निलंबन वापस लिए जाने का ऐलान किया। 
जकारिया ने साहित्यिक चोरी की बात मानी थी। उन्होंने इसके लिए माफी भी मांगी थी और कहा था कि ऐसा उन्होंने जानबूझकर नहीं किया। इससे पहले वॉशिंगटन पोस्ट ने जकारिया से माफी मांगी थी। अखबार ने उन पर साहित्यिक चोरी का एक और आरोप लगाया था। सीएनएन और टाइम ने कहा कि फरीद का मशहूर कॉलम और शो द संडे टॉक अब फिर से शुरू हो जाएंगे। टाइम के बयान में कहा गया है, 'हमने टाइम के लिए लिखे गए फरीद जकारिया के हर कॉलम की गहन जांच की है। हम इस बात से पूरी तरह संतुष्ट हैं कि उनके हालिया स्तंभों में इस्तेमाल की गई भाषा के पीछे कोई मंशा नहीं थी। यह एक अलग तरह की घटना है जिसके लिए उन्होंने माफी मांग ली है।'  

संसद आई पूर्वोत्तर के लोगों के साथ

कर्नाटक: पूर्वोत्तर के लोगों का पलायन जारी, पांच गिरफ्तार  पूर्वोत्तर के लोग भयमुक्त होकर देश में कहीं भी रहें। उनकी रक्षा की जवाबदेही सरकार की है। सरकार इसे पूरी ताकत से निभाएगी। कुछ लोग देश को संकट में डालना चाहते हैं, लेकिन सरकार उनसे सख्ती से निपटेगी।  
बेंगलुरू और पुणे समेत कई शहरों से पलायन कर रहे पूर्वोत्तर के लोगों में विश्वास बनाए रखने के लिए शुक्रवार को संसद के दोनों सदनों ने पूर्वोत्तर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाई। सदन में सरकार ने आश्वासन दिया कि पूर्वोत्तर के लोगों की सुरक्षा की जाएगी और अफवाहें फैलाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। लोकसभा में जहां इस मसले पर लगभग दो घंटे तक चर्चा हुई, वहीं राज्यसभा में भी पूर्वोत्तर के लोगों के साथ एकजुटता दिखाने के लिए संकल्प पारित किया गया।  मामले की नजाकत को समझते हुए स्पीकर मीरा कुमार ने प्रश्नकाल स्थगित करके इस मसले पर चर्चा की इजाजत दी। चर्चा की शुरुआत लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने की। उन्होंने कहा कि दलगत भावना से उठकर पूर्वोत्तर के लोगों को यह संदेश देने की जरूरत है कि उन्हें भयभीत होने की जरूरत नहीं है। उन्होंने पूर्वोत्तर के लोगों के लिए हेल्पलाइन बनाने और पुलिस गश्त बढ़ाने की भी मांग की। कांग्रेस की ओर से निनांग एरिंग ने कहा कि अफवाहों की वजह से लोगों में दहशत है। अफवाह फैलाने वाले देश के दुश्मन हैं और इनसे कड़ाई से निपटा जाए। जेडीयू के शरद यादव ने कहा कि पूर्वोत्तर भारत का मुकुट है और इसकी रक्षा की जानी चाहिए। 
चर्चा में हस्तक्षेप करते हुए प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने पूर्वोत्तर के लोगों को आश्वस्त किया कि वे भयमुक्त होकर देश में कहीं भी रहें। उनकी रक्षा की जवाबदेही सरकार की है। सरकार इसे पूरी ताकत से निभाएगी। कुछ लोग देश को संकट में डालना चाहते हैं, लेकिन सरकार उनसे सख्ती से निपटेगी। शिवसेना के अनंत गीते ने पूर्वोत्तर को भारत से अलग करने की साजिश की आशंका जताते हुए कदम उठाने की मांग की।