कानून मंत्री का इस्तीफा CM ने किया नामंजूर : कर्नाटक
कर्नाटक के कानून मंत्री एस सुरेश कुमार ने नियमों का उल्लंघन
कर आवासीय भूखंड आवंटित कराने के आरोपों के सामने आने के बाद शनिवार को अपने पद से
इस्तीफा दे दिया, लेकिन मुख्यमंत्री डीवी सदानंद गौड़ा ने
इस्तीफा नामंजूर करते हुए कहा कि मंत्री की ओर से कोई अनियमितता नहीं हुई है। सुरेश कुमार ने नैतिक आधार पर गौड़ा को अपना इस्तीफा सौंपा और
बंगलुरु विकास प्राधिकरण को भी पत्र लिखकर आवंटित भूखंड वापस करने की बात कही। यह
भूखंड उन्हें बीएस येदियुरप्पा के शासनकाल में मुख्यमंत्री के विवेकाधीन कोटे के
तहत आवंटित किया गया था। कुमार पर आरोप है कि उनकी मां और बेटी समेत परिजनों के नाम एक घर और दो अन्य
सपंत्तियां होने के बावजूद नियमों का उल्लंघन करते हुए 4,000 वर्ग फुट की जगह आवंटित कराई। मंत्री की ओर से इस्तीफा सौंपे जाने के तत्काल बाद
गौड़ा ने कहा कि मुझे नहीं लगता कि सुरेश कुमार ने कोई अपराध किया है। विधायक होने
के नाते उन्हें विवेकाधीन कोटे के तहत जमीन आवंटित की गई थी। वह मंत्रिमंडल में
बने रहेंगे। गौड़ा ने बताया कि कुमार ने
भूखंड के आवंटन के बारे में उनसे बात की थी और बंगलुरु शहर की सीमाओं से बाहर
स्थित अपने परिजनों के स्वामित्व वाली संपत्तियों के बारे में भी बताया था। मुख्यमंत्री ने कहा कि कुमार
ने एक घर खरीदने के लिहाज से धन जुटाने के लिए उन संपत्तियों को बेच दिया था।
गौड़ा ने कहा कि आरोपों से दुखी होकर कुमार ने अपना इस्तीफा सौंपा है। कुमार को कर्नाटक की राजनीति
में स्वच्छ छवि वाले नेता के तौर पर देखा जाता है और उनके राजनीतिक विरोधी भी उनकी
इज्जत करते हैं।
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