रेलवे की तत्काल स्कीम हो सकती है बंद
नई दिल्ली.ट्रेन टिकट
रिजर्वेशन की तत्काल स्कीम खत्म हो सकती है। इस स्कीम पर एक तरह से दलालों का
कब्जा हो गया है। इसे लेकर हाल में मीडिया में काफी खबरें प्रकाशित हुई हैं। इसके
बाद हालात सुधारने को लेकर रेलवे में विचार चल रहा है। एक सुझाव यह स्कीम बंद
करने का भी आया है। हालांकि इस पर अमल आसान नहीं होगा, क्योंकि रेलवे को यात्रियों का गुस्सा
भी झेलना पड़ सकता है। इसलिए कुछ और विकल्पों पर विचार किया जा रहा है। संभव है
कि रेलवे तत्काल स्कीम के तहत टिकट कटाने वाले यात्रियों से बुकिंग के समय ही
पहचान पत्र मांगे और अचानक यात्रा का कारण पूछे। एक और प्रस्ताव यह है कि तत्काल रिजर्वेशन कराने वाले हर व्यक्ति
से पहचान पत्र मांगा जाए। अभी उसी व्यक्ति का पहचान पत्र दिखाना जरूरी होता है जो
यात्रा कर रहा होता है। एक विचार यह है कि तत्काल स्कीम के तहत बुकिंग की सुविधा काउंटर
से बंद कर केवल इंटरनेट तक ही सीमित कर दिया जाए। साथ ही, तत्काल टिकट बुक कराने का वक्त भी
बदल दिया जाए। रेल मंत्रालय से जुड़े सूत्रों का कहना है कि तत्काल स्कीम
में हो रही गड़बड़ी को रोकने के लिए उपायों को अंतिम रूप दिया जा रहा है और जल्द
ही इसे अमल में ला दिया जाएगा। पहले रेलवे ने एक फॉर्म पर दो यात्रियों को ही टिकट देने, बुकिंग के बाद यात्रियों के नाम
बदलने की इजाजत नहीं देने, तत्काल टिकट कैंसल कराने के
नियम कड़े करने जैसे कुछ कदम उठाए थे। पर ये उपाय
असर साबित हुए हैं।
एक नजर में
आईआरसीटीसी की वेबसाइट से रोजाना 3.5 लाख टिकट बुक होती है।
इसमें 1.5 लाख टिकट तत्काल की होती है।
सुबह 8 से 10 बजे के बीच 30 लाख लोग साइट पर आते हैं।
रेलवे की कुल टिकट बुकिंग में 45 % टिकट साइट के जरिए बुक होती है।
इस साल की गई कार्रवाई
अब तक 1502 लोग प्राक्सी टिकट में पकड़ाए।
100 अवैध दलाल पकड़ाए।
215 रेलवे कर्मचारी पकड़ में आए।
23 अवैध ट्रेवल एजेंट शिकंजे में आए।
648 दलाल टिकट बनवाते पकडें गए।
एक नजर में
आईआरसीटीसी की वेबसाइट से रोजाना 3.5 लाख टिकट बुक होती है।
इसमें 1.5 लाख टिकट तत्काल की होती है।
सुबह 8 से 10 बजे के बीच 30 लाख लोग साइट पर आते हैं।
रेलवे की कुल टिकट बुकिंग में 45 % टिकट साइट के जरिए बुक होती है।
इस साल की गई कार्रवाई
अब तक 1502 लोग प्राक्सी टिकट में पकड़ाए।
100 अवैध दलाल पकड़ाए।
215 रेलवे कर्मचारी पकड़ में आए।
23 अवैध ट्रेवल एजेंट शिकंजे में आए।
648 दलाल टिकट बनवाते पकडें गए।
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