नेता हजम कर रहे है रसोई गैस की सब्सिडी
चूल्हा मेरे
घर का बुझता रहा मगर, फुर्सत न थी निजाम को सेंकने से हाथ। इस देश की आम जनता का हाल भी कुछ
ऐसा ही है, जिसे पैसे देने के बावजूद रसोई गैस की किल्लत
से दो-चार होना पड़ता है। जबकि माननीयों को ठाठ से घर बैठे सिलेंडर पर सिलेंडर मिल
रहे हैं।
कोई साल भर में 88 ले चुका है तो कोई 80। उनकी खातिर गैस एजेंसियां भी जी-हुजूरी कर मनमाफिक समय पर सुविधा दे रही हैं। वहीं आम उपभोक्ता को कई हफ्ते तक सिलेंडर के आने की राह देखनी पड़ती है। इतने पर ही बात खत्म नहीं होती, कई माननीयों को दो गैस कनेक्शन की सुविधा भी उपलब्ध है। जबकि एक उपभोक्ता को केवल एक कनेक्शन देने का प्रावधान हरेक गैस एजेंसी कर रही ह। उपभोक्ता के पास एक से ज्यादा कनेक्शन होने की स्थिति में शेष कनेक्शन सरेंडर करने का निर्देश भी दिया जा रहा है। लेकिन यह सब नियम माननीयों पर लागू नहीं हो रहे हैं। इंडियन ऑयल के पारदर्शिता पोर्टल के मुताबिक देश के उपराष्ट्रपति के घर एक जून 2011 से 31 मई 2012 के बीच 171 सब्सिडी प्राप्त सिलेंडर भेजे गए हैं। वहीं, पेट्रोलियम राज्यमंत्री आरपीएन सिंह के घर 37 सिलेंडर गए हैं, जबकि शाहनवाज हुसैन के घर 56 सिलेंडर मुहैया कराए गए हैं। लेकिन माननीयों को रसोई गैस मुहैया कराने वाली यही गैस एजेंसियां आम आदमी को 21 दिन के पहले सिलेंडर देने को राजी नहीं हैं। इसके अलावा राजनाथ सिंह 80, विजय बहुगुणा 83, मुलायम सिंह यादव 58 और मायावती 46 सिलेंडर का सालाना उपयोग कर रही हैं। जेल में रहने के बावजूद ए राजा के नाम पर पिछले एक साल में 47 रीफिल सिलेंडर का आवंटन हो चुका है। खास बात यह भी है कि अब ज्यादातर मंत्रियों के घर में पाइपलाइन गैस कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध है। इसके बावजूद उनके यहां खपत होने वाले घरेलू गैस सिलेंडरों की संख्या सालाना 20 से ज्यादा है। यानी डीलर उन्हें 15 दिन से भी कम समय में रीफिल सिलेंडर उपलब्ध करा रहे हैं। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के पारदर्शिता पोर्टल में दर्ज सिलेंडर के ब्यौरे के मुताबिक उपराष्ट्रपति के पास दो कनेक्शन हैं। एक कनेक्शन पर पिछले एक साल में 88 सिलेंडर उपलब्ध कराए गए है। जबकि दूसरे कनेक्शन के जरिए 83 सिलेंडर की खपत उनके घर पर हो चुकी है। इस लिहाज से वे 58,853 रुपये का सब्सिडी लाभ भी ले चुके हैं। वहीं, आरपीएन सिंह ने पिछले एक साल में 12734 रुपये का सब्सिडी लाभ उठा चुके हैं।
कोई साल भर में 88 ले चुका है तो कोई 80। उनकी खातिर गैस एजेंसियां भी जी-हुजूरी कर मनमाफिक समय पर सुविधा दे रही हैं। वहीं आम उपभोक्ता को कई हफ्ते तक सिलेंडर के आने की राह देखनी पड़ती है। इतने पर ही बात खत्म नहीं होती, कई माननीयों को दो गैस कनेक्शन की सुविधा भी उपलब्ध है। जबकि एक उपभोक्ता को केवल एक कनेक्शन देने का प्रावधान हरेक गैस एजेंसी कर रही ह। उपभोक्ता के पास एक से ज्यादा कनेक्शन होने की स्थिति में शेष कनेक्शन सरेंडर करने का निर्देश भी दिया जा रहा है। लेकिन यह सब नियम माननीयों पर लागू नहीं हो रहे हैं। इंडियन ऑयल के पारदर्शिता पोर्टल के मुताबिक देश के उपराष्ट्रपति के घर एक जून 2011 से 31 मई 2012 के बीच 171 सब्सिडी प्राप्त सिलेंडर भेजे गए हैं। वहीं, पेट्रोलियम राज्यमंत्री आरपीएन सिंह के घर 37 सिलेंडर गए हैं, जबकि शाहनवाज हुसैन के घर 56 सिलेंडर मुहैया कराए गए हैं। लेकिन माननीयों को रसोई गैस मुहैया कराने वाली यही गैस एजेंसियां आम आदमी को 21 दिन के पहले सिलेंडर देने को राजी नहीं हैं। इसके अलावा राजनाथ सिंह 80, विजय बहुगुणा 83, मुलायम सिंह यादव 58 और मायावती 46 सिलेंडर का सालाना उपयोग कर रही हैं। जेल में रहने के बावजूद ए राजा के नाम पर पिछले एक साल में 47 रीफिल सिलेंडर का आवंटन हो चुका है। खास बात यह भी है कि अब ज्यादातर मंत्रियों के घर में पाइपलाइन गैस कनेक्शन की सुविधा उपलब्ध है। इसके बावजूद उनके यहां खपत होने वाले घरेलू गैस सिलेंडरों की संख्या सालाना 20 से ज्यादा है। यानी डीलर उन्हें 15 दिन से भी कम समय में रीफिल सिलेंडर उपलब्ध करा रहे हैं। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन के पारदर्शिता पोर्टल में दर्ज सिलेंडर के ब्यौरे के मुताबिक उपराष्ट्रपति के पास दो कनेक्शन हैं। एक कनेक्शन पर पिछले एक साल में 88 सिलेंडर उपलब्ध कराए गए है। जबकि दूसरे कनेक्शन के जरिए 83 सिलेंडर की खपत उनके घर पर हो चुकी है। इस लिहाज से वे 58,853 रुपये का सब्सिडी लाभ भी ले चुके हैं। वहीं, आरपीएन सिंह ने पिछले एक साल में 12734 रुपये का सब्सिडी लाभ उठा चुके हैं।
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