अजीम प्रेमजी ने कहा देश में नही है : नेता
देश की बिगड़ती आर्थिक सेहत और आईआईपी के ताजा आंकड़ों ने आम लोगों के
अलावा उद्योगपतियों की भी चिंताएं बढ़ा दी है। इन कारोबारी हस्तियों का मानना है
कि कहीं न कहीं राजनीतिक दिशाहीनता और फैसले लेने में देरी इसके लिए जिम्मेदार है।
विप्रो प्रमुख अजीम प्रेमजी और इंफोसिस के एन नारायण मूर्ति ने सरकार पर निशाना
साधा है। विप्रो के अध्यक्ष अजीम प्रेमजी ने कहा है कि भारत का कामकाज बिना
नेतृत्व के चल रहा है। विश्लेषकों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा है कि हम लोग
नेतृत्व विहीन राष्ट्र में काम कर रहे हैं। यदि हम इस स्थिति में सुधार नहीं करते
हैं तो देश कई साल के लिए पीछे चला जाएगा। इंफोसिस के सह-संस्थापक एन नारायण
मूर्ति ने भी केंद्र की संप्रग सरकार और खासतौर पर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की
कड़ी आलोचना की है। मोर्गन स्टैनली रिसर्च का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि
सरकार ने 2004 से 2011 के बीच बहुत
सारे आर्थिक सुधारों को लागू नहीं किया है। उन्होंने कहा है कि हमें
विश्वास था कि आर्थिक विकास के लिए सरकार सभी आवश्यक कदम उठाएगी क्योंकि हमारे देश
के मौजूदा प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने ही 1991 में आर्थिक
सुधारों को लागू किया था। उनकी वजह से ही दूसरे देशों को भी हमसे काफी उम्मीदें
थीं। उन्होंने
कहा है कि पिछले तीन चार माह से भारत की छवि पर संकट के बादल मंडरा रहे हैं। एक
भारतीय होने के कारण वह काफी दुखी हैं कि हम सभी इस देश के नागरिक हैं। इससे पहले
प्रेमजी ने पिछले साल अक्टूबर में भी देश के शासन प्रणाली की आलोचना की थी।
उन्होंने चेताया था कि सरकार में शामिल नेता निर्णय लेने में सक्षम नहीं हैं,
जिसका खामियाजा देश को भुगतना पड़ सकता है।
इस बीच विश्व बैंक ने भी मंगलवार को कहा था कि सरकार की नीतियों में अनिश्चितताओं, बढ़ते राजकोषीय घाटे और महंगाई के कारण 2012-13 में देश का आर्थिक विकास दर 6.9 फीसदी रहने का अनुमान है। साल 2011-12 में देश की आर्थिक विकास दर नौ सालों में सबसे कम 6.5 फीसदी रही।
इस बीच विश्व बैंक ने भी मंगलवार को कहा था कि सरकार की नीतियों में अनिश्चितताओं, बढ़ते राजकोषीय घाटे और महंगाई के कारण 2012-13 में देश का आर्थिक विकास दर 6.9 फीसदी रहने का अनुमान है। साल 2011-12 में देश की आर्थिक विकास दर नौ सालों में सबसे कम 6.5 फीसदी रही।
No comments:
Post a Comment