भारत को एक बार फिर दहलाना चाहता था :हमजा
लश्कर-ए-ताइबा का खूंखार आतंकी अबू हमजा उर्फ सैयद जबीउद्दीन
उर्फ अबू जुंदल इस भारत में किसी बड़े आतंकवादी हमले की तैयारी कर रहा था। इसके
लिए हमजा आतंकियों की भर्ती कर रहा था। लश्कर ने हमजा को साल के अंत में भारत में
एक बड़े हमले के लिए फंड जुटाने के काम पर लगा रखा था।
दिल्ली पुलिस ने हमजा को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। हमजा का शिकंजे में आना 26/11 की जांच में सुरक्षा एजेंसियों के लिए दूसरी बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। हमजा ने ही मुंबई हमले को अंजाम देने वाले 10 आतंकियों को हिंदी बोलना सिखाया था। हमजा ने पूछताछ में कबूला है कि हमले के दौरान वह पाकिस्तान के कराची स्थित कंट्रोल रूम से 10 आतंकियों के लगातार संपर्क में था और उन्हें निर्देश दे रहा था। महाराष्ट्र के बीड में आईटीआई की ट्रेनिंग ले चुका अबू हमजा 2002 के गुजरात दंगों के बाद प्रतिबंधित संगठन सिमी के संपर्क में आया था। बाद में वह लश्कर-ए-ताइबा में शामिल हो गया, जहां उसका कद तेजी से बढ़ा। हमजा ने पूछताछ में अपने कुछ ऐसे पाकिस्तानी साथियों के नामों का खुलासा भी किया है जो वहां की सरकार की नुमाइंदगी कर रहे हैं। मुंबई हमले में पाकिस्तान की करतूतों की पोल खोलने वाले इस खुलासे को भारतीय एजेंसियां पुख्ता करने में जुटी हैं। जुंदल को सऊदी अरब से डिपोर्ट करने के बाद 21 जून को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया। उसी दिन कोर्ट में पेश कर उसे 15 दिन की पुलिस रिमांड पर ले लिया गया। पूछताछ में जुंदल ने यह भी कबूला है कि 26/11 के हमले के बाद वह पाकिस्तान से सऊदी अरब चला गया था। वहां वह लश्कर में युवकों की भर्ती करता था और हिंदी सिखाया करता था। ताकि वक्त आने पर उन्हें भारत विरोधी कार्रवाई में शामिल किया जा सके। वहां हिंदी सिखाने की आड़ में वह लश्कर के इशारे पर पैसे लाने और पहुंचाने का काम भी कर रहा था। 30 वर्षीय जुंदल पाकिस्तानी पासपोर्ट पर रियासत अली के नाम से वहां रह रहा था। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि खुफिया एजेंसियों को शक है कि हमजा ने जिन पाकिस्तानी सरकारी नुमाइंदों के नाम बताए हैं, वे लोग वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े हैं। यह नाम आईएसआई के एजेंट मेजर इकबाल और मेजर समीर अली से अलग हैं। अगर हमजा का दावा सही है तो यह साफ है कि 26/11 हमले में आईएसआई के दो ही नहीं बल्कि कई अधिकारी शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि जुंदल की आवाज के नमूने की जांच से साफ संकेत मिल गया है कि वह उन पांच लोगों में शामिल था, जो 26/11 हमले के दौरान मुंबई के 10 हमलावर आतंकवादियों को कराची कंट्रोल रूम से निर्देश दे रहे थे। कंट्रोल रूम में जुंदल की मौजूदगी की बात गिरफ्तार आतंकी अजमल कसाब ने भी कही थी। जुंदल ने साफ तौर पर यह भी स्वीकारा है कि उसने लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर जकी उर रहमान लखवी के साथ मिल कर मुंबई हमले की साजिश रची थी। जुंदल सऊदी अरब में रहने के दौरान भी लखवी से सीधे संपर्क में था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी जुंदल को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। एनआईए ने जमात उद दावा के सरगना हाफिज सईद और लखवी सहित इस साजिश में शामिल दस लोगों के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में चार्जशीट दायर कर रखी है। महाराष्ट्र के बीड जिले का मूल निवासी जुंदल दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात में आतंकी मामलों में शामिल है। बातचीत के टेपों के मुताबिक मुंबई के 10 हमलावरों को निर्देश देते हुए जुंदल ने ‘प्रशासन’ जैसे हिंदी के शब्द भी इस्तेमाल भी किए थे। उसने आतंकियों से कहा था कि वे अपनी पाकिस्तानी पहचान छिपा लें और खुद हैदराबाद के तोली चौक के डेक्कन मुजाहिदीन गुट का आतंकी बताएं। उसने यह भी कहा था कि वे मीडिया से कहें कि ये हमला तो सिर्फ एक ट्रेलर है, पिक्चर तो अभी बाकी है। 2006 में अबू जुंदल महाराष्ट्र पुलिस के शिकंजे से बच निकला था, तब पुलिस ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 10 एके 47 राइफलें और अन्य गोला बारूद बरामद किया था। इसके बाद जुंदल भाग कर पाकिस्तान चला गया था। अबू जुंदल की सुरक्षा एजेंसियों को 43 महीनों से तलाश थी। जुंदल ने अपने कम से कम दस अलग नाम रख रखे थे। जामा मसजिद ब्लास्ट में गिरफ्तार एक आतंकी ने उसके सऊदी अरब में होने की जानकारी दी थी, जिसके आधार पर उसकी गिरफ्तारी हुई। जुंदल कुछ समय बांग्लादेश में रहा था। सूत्रों के मुताबिक जुंदल की गिरफ्तारी में विदेशी खुफिया एजेंसियों की भी मदद ली गई। भारत के आग्रह पर इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया था जिसमें वह हथियारों, विस्फोटकों के इस्तेमाल और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोपी था।
दिल्ली पुलिस ने हमजा को दिल्ली एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया था। हमजा का शिकंजे में आना 26/11 की जांच में सुरक्षा एजेंसियों के लिए दूसरी बड़ी कामयाबी माना जा रहा है। हमजा ने ही मुंबई हमले को अंजाम देने वाले 10 आतंकियों को हिंदी बोलना सिखाया था। हमजा ने पूछताछ में कबूला है कि हमले के दौरान वह पाकिस्तान के कराची स्थित कंट्रोल रूम से 10 आतंकियों के लगातार संपर्क में था और उन्हें निर्देश दे रहा था। महाराष्ट्र के बीड में आईटीआई की ट्रेनिंग ले चुका अबू हमजा 2002 के गुजरात दंगों के बाद प्रतिबंधित संगठन सिमी के संपर्क में आया था। बाद में वह लश्कर-ए-ताइबा में शामिल हो गया, जहां उसका कद तेजी से बढ़ा। हमजा ने पूछताछ में अपने कुछ ऐसे पाकिस्तानी साथियों के नामों का खुलासा भी किया है जो वहां की सरकार की नुमाइंदगी कर रहे हैं। मुंबई हमले में पाकिस्तान की करतूतों की पोल खोलने वाले इस खुलासे को भारतीय एजेंसियां पुख्ता करने में जुटी हैं। जुंदल को सऊदी अरब से डिपोर्ट करने के बाद 21 जून को दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया। उसी दिन कोर्ट में पेश कर उसे 15 दिन की पुलिस रिमांड पर ले लिया गया। पूछताछ में जुंदल ने यह भी कबूला है कि 26/11 के हमले के बाद वह पाकिस्तान से सऊदी अरब चला गया था। वहां वह लश्कर में युवकों की भर्ती करता था और हिंदी सिखाया करता था। ताकि वक्त आने पर उन्हें भारत विरोधी कार्रवाई में शामिल किया जा सके। वहां हिंदी सिखाने की आड़ में वह लश्कर के इशारे पर पैसे लाने और पहुंचाने का काम भी कर रहा था। 30 वर्षीय जुंदल पाकिस्तानी पासपोर्ट पर रियासत अली के नाम से वहां रह रहा था। गृह मंत्रालय के अधिकारी ने अमर उजाला को बताया कि खुफिया एजेंसियों को शक है कि हमजा ने जिन पाकिस्तानी सरकारी नुमाइंदों के नाम बताए हैं, वे लोग वहां की खुफिया एजेंसी आईएसआई से जुड़े हैं। यह नाम आईएसआई के एजेंट मेजर इकबाल और मेजर समीर अली से अलग हैं। अगर हमजा का दावा सही है तो यह साफ है कि 26/11 हमले में आईएसआई के दो ही नहीं बल्कि कई अधिकारी शामिल थे। सूत्रों ने बताया कि जुंदल की आवाज के नमूने की जांच से साफ संकेत मिल गया है कि वह उन पांच लोगों में शामिल था, जो 26/11 हमले के दौरान मुंबई के 10 हमलावर आतंकवादियों को कराची कंट्रोल रूम से निर्देश दे रहे थे। कंट्रोल रूम में जुंदल की मौजूदगी की बात गिरफ्तार आतंकी अजमल कसाब ने भी कही थी। जुंदल ने साफ तौर पर यह भी स्वीकारा है कि उसने लश्कर के ऑपरेशनल कमांडर जकी उर रहमान लखवी के साथ मिल कर मुंबई हमले की साजिश रची थी। जुंदल सऊदी अरब में रहने के दौरान भी लखवी से सीधे संपर्क में था। राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) भी जुंदल को रिमांड पर लेकर पूछताछ करेगी। एनआईए ने जमात उद दावा के सरगना हाफिज सईद और लखवी सहित इस साजिश में शामिल दस लोगों के खिलाफ दिल्ली की पटियाला हाउस अदालत में चार्जशीट दायर कर रखी है। महाराष्ट्र के बीड जिले का मूल निवासी जुंदल दिल्ली, महाराष्ट्र और गुजरात में आतंकी मामलों में शामिल है। बातचीत के टेपों के मुताबिक मुंबई के 10 हमलावरों को निर्देश देते हुए जुंदल ने ‘प्रशासन’ जैसे हिंदी के शब्द भी इस्तेमाल भी किए थे। उसने आतंकियों से कहा था कि वे अपनी पाकिस्तानी पहचान छिपा लें और खुद हैदराबाद के तोली चौक के डेक्कन मुजाहिदीन गुट का आतंकी बताएं। उसने यह भी कहा था कि वे मीडिया से कहें कि ये हमला तो सिर्फ एक ट्रेलर है, पिक्चर तो अभी बाकी है। 2006 में अबू जुंदल महाराष्ट्र पुलिस के शिकंजे से बच निकला था, तब पुलिस ने महाराष्ट्र के औरंगाबाद में 10 एके 47 राइफलें और अन्य गोला बारूद बरामद किया था। इसके बाद जुंदल भाग कर पाकिस्तान चला गया था। अबू जुंदल की सुरक्षा एजेंसियों को 43 महीनों से तलाश थी। जुंदल ने अपने कम से कम दस अलग नाम रख रखे थे। जामा मसजिद ब्लास्ट में गिरफ्तार एक आतंकी ने उसके सऊदी अरब में होने की जानकारी दी थी, जिसके आधार पर उसकी गिरफ्तारी हुई। जुंदल कुछ समय बांग्लादेश में रहा था। सूत्रों के मुताबिक जुंदल की गिरफ्तारी में विदेशी खुफिया एजेंसियों की भी मदद ली गई। भारत के आग्रह पर इंटरपोल ने उसके खिलाफ रेड कार्नर नोटिस भी जारी किया था जिसमें वह हथियारों, विस्फोटकों के इस्तेमाल और आतंकी गतिविधियों में शामिल होने का आरोपी था।
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