'कौन होगा देश का अगला राष्ट्रपति ?
'तय होगा सोनिया ममता की मुलाकात के बाद'
रायसीना
हिल्स की दौड़ में प्रणब मुखर्जी की दावेदारी अब ममता बनर्जी और सोनिया गांधी की
बुधवार को होने वाली मुलाकात पर लगी है। इस बैठक में पहली बार सोनिया गांधी
राष्ट्रपति चुनाव के लिए कांग्रेस उम्मीदवार का नाम औपचारिक रूप से ममता के सामने
रखेंगी। माना जा रहा है कि सोनिया और ममता की मुलाकात शाम 4.30 बजे होगी। माना जा रहा है कि ममता बनर्जी और
मुलायम सिंह यादव की ‘हां’
के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी प्रणब की उम्मीदवारी का
औपचारिक ऐलान करने के लिए यूपीए की बैठक बुला सकती हैं। कांग्रेस की कोशिश है कि 15
जून तक प्रणब की उम्मीदवारी का ऐलान किया जा सके। ममता की ओर से
कोई अड़चन खड़ी होने की स्थिति में राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी का ऐलान आगे खिसक
सकता है। बहरहाल सोनिया गांधी के बुलावे पर मंगलवार की शाम दिल्ली
पहुंची ममता ने सपा अध्यक्ष मुलायम सिंह यादव से मुलाकात कर कांग्रेस की धड़कनें
बढ़ा दी। ममता-मुलायम की साझी रणनीति पर कांग्रेस की नजर है। ममता ने बैठक के बाद
कहा कि वह सोनिया से बुधवार को मुलाकात के बाद दुबारा मुलायम सिंह यादव से
मिलेंगी। राष्ट्रपति चुनाव के लिए गोटियां बिछाने
के साथ साथ उपराष्ट्रपति पद के लिए भी जोर आजमाइश शुरू हो गई है। ममता-मुलायम की
बैठक में इस सिलसिले में भी बातचीत हुई। बैठक से मिले संकेतों के मुताबिक
उपराष्ट्रपति पद के लिए ममता-मुलायम अल्पसंख्यक या पिछड़ा कार्ड चल सकते हैं।
कोलकाता से दिल्ली पहुंची ममता और मुलायम सिंह यादव
की मुलाकात से साफ हो गया कि राष्ट्रपति चुनाव में दोनों ही असली किंगमेकर हैं।
मंगलवार को कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के फोन पर गुजारिश करने के बाद ममता
दिल्ली पहुंची। मगर सीधे मुलायम सिंह यादव के घर पहुंचकर उन्होंने कांग्रेस को
कड़ा संदेश दिया है।
उन्होंने जाहिर कर दिया है कि वह आसानी से कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन नहीं देने वाली। यहीं नहीं उनसे पीछा छुड़ाकर सपा का हाथ थामने की बात पर कांग्रेस अमल करे, इससे पहले ही दीदी ने मुलायम सिंह के साथ तालमेल बैठा लिया है।
सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी ने मुलाकात में यह जानने की कोशिश की है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस ने सपा के सामने क्या प्रस्ताव रखा है। साथ ही मुलायम सिंह ने भी ममता से कांग्रेस की मंशा के बारे में जानकारी ली। दरअसल, दोनों नेताओं ने सोनिया गांधी से होने वाली बैठक से पहले अपनी रणनीति को सिरे चढ़ाया कि आखिर कांग्रेस के सामने क्या बात रखी जाए।
ममता की खेमेबाजी को देखकर कांग्रेस ने भी मुलायम को साधने की कोशिश कर ली है। सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी ने भी सपा मुखिया से मुलाकात करने का संदेश भिजवाया है। सोनिया बुधवार को ममता के अलावा सपा मुखिया से भी मिल सकती हैं। यह मुलाकातें निर्णायक साबित हो सकती हैं। कांग्रेस के लिए राष्ट्रपति चुनाव की घड़ी संकट का सबब बनती दिख रही है। ममता ने दांव पेंच के इस खेल में कांग्रेस को पछाड़ने की कोशिश की है।
उन्होंने जाहिर कर दिया है कि वह आसानी से कांग्रेस के उम्मीदवार को समर्थन नहीं देने वाली। यहीं नहीं उनसे पीछा छुड़ाकर सपा का हाथ थामने की बात पर कांग्रेस अमल करे, इससे पहले ही दीदी ने मुलायम सिंह के साथ तालमेल बैठा लिया है।
सूत्रों के मुताबिक ममता बनर्जी ने मुलाकात में यह जानने की कोशिश की है कि राष्ट्रपति चुनाव को लेकर कांग्रेस ने सपा के सामने क्या प्रस्ताव रखा है। साथ ही मुलायम सिंह ने भी ममता से कांग्रेस की मंशा के बारे में जानकारी ली। दरअसल, दोनों नेताओं ने सोनिया गांधी से होने वाली बैठक से पहले अपनी रणनीति को सिरे चढ़ाया कि आखिर कांग्रेस के सामने क्या बात रखी जाए।
ममता की खेमेबाजी को देखकर कांग्रेस ने भी मुलायम को साधने की कोशिश कर ली है। सूत्रों के मुताबिक सोनिया गांधी ने भी सपा मुखिया से मुलाकात करने का संदेश भिजवाया है। सोनिया बुधवार को ममता के अलावा सपा मुखिया से भी मिल सकती हैं। यह मुलाकातें निर्णायक साबित हो सकती हैं। कांग्रेस के लिए राष्ट्रपति चुनाव की घड़ी संकट का सबब बनती दिख रही है। ममता ने दांव पेंच के इस खेल में कांग्रेस को पछाड़ने की कोशिश की है।
अभी तक कांग्रेस की ओर से प्रणब मुखर्जी ही उम्मीदवार के तौर पर
सामने आ रहे हैं। प्रणब के नाम पर ममता की रजामंदी को लेकर सवाल कायम हैं। क्योंकि
ममता ने राष्ट्रपति पद के लिए अपनी पसंद के तौर पर जो तीन नाम गोपाल गांधी, मीरा कुमार और अब्दुल कलाम सुझाए थे
उसमें प्रणब का नाम नहीं था। मगर यह भी माना जा रहा कि ममता के लिए बंगाली बाबू
प्रणब दा के नाम का सीधे विरोध करना भी आसान नहीं है। यूपीए की योजना 15 तारीख को सभी दलों की बैठक बुलाकर प्रणब की उम्मीदवारी का ऐलान करने की
है क्योंकि 16 से 23 जून तक
प्रधानमंत्री मेक्सिको और ब्राजील की यात्रा पर रहेंगे। इसीलिए यदि 15 जून तक उम्मीदवारी का सस्पेंस खत्म नहीं हुआ, तो
फिर 24 तारीख के बाद ही इसका ऐलान हो पाएगा। इसी लिहाज से
14 जून की प्रणब मुखर्जी की काबुल यात्रा स्थगित करा दी
गई है।
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