प्रणव के नामांकन के समय दिखी काग्रेस की
ताकत
'भाजपा के लिए जया ने बढाई मुश्किलें'
नई दिल्ली। प्रणब मुखर्जी ने गुरुवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए यूपीए उम्मीदवार
के रूप में नामांकन दाखिल कर दिया। नामांकन के दौरान प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, यूपीए चीफ सोनिया गांधी, राहुल गांधी के अलावा
मुलायम सिंह, लालू यादव, राम विलास
पासवान, फारुख अब्दुला, टी आर बालू
सहित कई नेता मौजूद रहे। जिस वक्त प्रणब मुखर्जी ने नामांकन दाखिल किया तो गठबंधन
दल के सभी नेताओं ने फार्म को हाथ लगाकर उनके प्रति अपने समर्थन का संकेत दिया। इस
मौके पर कांग्रेस शासित सभी राज्यों के मुख्यमंत्री भी मौजूद थे। कांग्रेस ने प्रणब को समर्थन दे रहे सभी दलों के नेताओं को साथ रख कर एक
तरह से ताकत जताने की कवायद की और ममता बनर्जी को संदेश देने की कोशिश भी की।
तृणमूल प्रणब की उम्मीदवारी के हक में नहीं थी। प्रणब के नामांकन के दौरान पार्टी
का कोई नेता मौजूद नहीं था। नामांकन भरने के बाद
प्रणब मुखर्जी ने कहा कि बड़ी संख्या में पार्टियां उनका सपोर्ट कर रही हैं।
इसमें सपा और बसपा जैसे दल शामिल हैं। कई ऐसे दल भी हैं, जो
यूपीए में शामिल नहीं हैं लेकिन मुझे सपोर्ट कर रही हैं। इनमें जेडीयू, शिवसेना दल हैं। मैं इन सभी लोगों का शुक्रिया करता हूं। उधर, भाजपा समर्थित उम्मीदवार पीए संगमा भी आज ही नामांकन दाखिल करने वाले
हैं। लेकिन उन्हें एक झटका लगने के संकेत हैं। ऐसी खबर आ रही है कि एआईएडीएमके
चीफ जयललिता ने उनके समर्थन को लेकर राय बदल ली है। बताया जा रहा है कि जया
ने लालकृष्ण आडवाणी को फोन कर इसके संकेत दिए हैं। भाजपा संगमा के साथ है,
जबकि एनडीए में उसके साथी दल जेडी-यू और शिवसेना प्रणब को
समर्थन दे रहे हैं। संगमा के नामांकन दाखिल करने के
समय बीजद के चीफ नवीन पटनायक मौजूद रहेंगे। पटनायक ने कहा कि संगमा बीजद के
उम्मीदवार हैं। हमने सबसे पहले उनकी उम्मीदवारी का ऐलान किया था। बाद में अन्य
दलों ने उन्हें समर्थन दिया।
प्रणब
के राष्ट्रपति पद के लिए दौड़ में शामिल हो जाने के बाद मनमोहन सिंह और कांग्रेस
के लिए उनकी जगह भरने की चुनौती है। मनमोहन सिंह फिलहाल खुद वित्त मंत्री का काम
संभाल रहे हैं। उन्हें जल्दी ही नियुक्त करना होगा, जबकि नेता सदन का चयन करने के लिए अभी कांग्रेस अध्यक्ष के पास थोड़ा वक्त
है।
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