दादा ने
रायसीन जाने के लिए : काग्रेस को कहा अलविदा
नई
दिल्ली। देश के अगले राष्ट्रपति के रूप में तय माने जा रहे प्रणब मुखर्जी ने
कांग्रेस को अलविदा कह दिया। लंबे अरसे से कांग्रेस के कद्दावर नेता और पार्टी के
संकटमोचक के रूप में अहमियत रखने वाले प्रणब को सोमवार यहां कांग्रेस वर्किग कमेटी
ने विदाई दी। प्रणब को संगठन और सरकार से जुड़े सभी दायित्वों से मुक्ति दे दी गई।
काग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने प्रणब का आभार प्रकट किया और कहा कि प्रणब के
बिना कांग्रेस की कल्पना करना थोड़ा मुश्किल भरा लग रहा है, लेकिन खुशी है कि वे देश के राष्ट्रपति के रूप में देश को नेतृत्व प्रदान
करेंगे। सोनिया ने कहा कि प्रणब की कमी उन्हें और पार्टी को शिद्दत से महसूस होगी।
सोनिया ने प्रणब की बतौर पार्टी कार्यकर्ता लंबे और अहम योगदान की जमकर तारीफ की।
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने कहा प्रणब की कमी हम सभी को बहुत अखरेगी। बैठक के बाद कांग्रेस की ओर से जर्नादन द्विवेदी ने प्रेस कांफ्रेंस
में बताया कि प्रणब 28 जून को राष्ट्रपति पद के लिए पर्चा दाखिल करेंगे।
मंगलवार को उन्हें विलमंत्रालय में विदाई दी जाएगी। यूपीए के राष्ट्रपति पद के
प्रत्याशी के रूप में प्रणब को विपक्षी उम्मीदवार पीए संगमा से राष्ट्रपति चुनाव
में चुनौती मिलेगी।इंदिरा गांधी के समय से कांग्रेस के सबसे कद्दावर नेता रहे प्रणब ने
कांग्रेस सरकारों में अहम पदों पर कार्य किया। उन्होंने बतौर विल मंत्री आठ बजट
पेश किए और अपनी बुद्धिमत्त व सूझबूझ के लिए वे विरोधी दलों के लिए भी सम्माननीय
बने रहे। इस बैठक में प्रस्ताव पारित कर पार्टी के प्रति मुखर्जी के चार दशकों के
योगदान की सराहना की गई। मुखर्जी 1978 में
कांग्रेस कार्यसमिति के सदस्य और खजांची बने। 1987-89 के बीच
वह पार्टी के आर्थिक सलाहकार प्रकोष्ठ के अध्यक्ष भी रहे। उन्हें 1984,
1991, 1996 और 1998 के आम चुनावों में
कांग्रेस चुनाव प्रचार अभियान समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया। प्रणब की विदाई के
लिए आयोजित की गई इस विशेष बैठक में कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह नहीं दिखाई दिए।
दिग्गी ने नदारद होने को लेकर चर्चाओं का दौर गर्म रहा। माना जा रहा है कि पिछले
दिनों उन्हें अपनी बयानबाजी के लिए सतर्क रहने की जो सीख दी गई थी, मामला उसी से जुड़ा हुआ है। सूत्रों का कहना है कि दिग्गी खुद को पार्टी से
साइडलाइन हुआ मान रहे हैं। यही कारण है कि वे इतने अहम अवसर पर ग्वालियर में बने
रहे।
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