'प्रणब की विदाई के बाद राहुल
के स्वागत की तैयारी'
नई दिल्ली। कांग्रेस
महासचिव राहुल गांधी को केंद्र सरकार में शामिल करवाने के लिए एक बार फिर से
लामबंदी शुरू हो गई है। इस बार इसकी शुरूआत विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने की। कृष्णा
की माने तो देश की समस्याओं से अब राहुल गांधी ही छुटकारा दिलवा सकते हैं। एसएम
कृष्णा का कहना है कि मैं उन लोगों में से एक हूं, जो यह मानते हैं कि राहुल
गांधी को सरकार में शामिल होकर उन समस्याओं से निजात दिलाना चाहिए, जो देश के सामने है। विदेश मंत्री कहते हैं कि प्रणब मुखर्जी के बाद वित्त
मंत्रालय खाली पड़ा है। ऐसे में राहुल गांधी को मंत्री बनाना चाहिए। यूपीए की ओर से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार प्रणब मुखर्जी 19 जुलाई को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के लिए नामांकन कर चुके हैं।
मुखर्जी अब तक सिर्फ कांग्रेस को ही नहीं बल्कि केंद्र सरकार को भी मौके बे मौके
पर मुसीबतों से निकालते रहे हैं। वित्त
मंत्री के पद से इस्तीफा देने के बाद यह पद अभी खाली है। ऐसे में कांग्रेस का एक
तबका राहुल को इस पद पर बैठे हुए देखना चाहता है। इसी तरह वीरभद्र सिंह के इस्तीफे
के बाद भी मंत्री पद की एक और कुर्सी खाली हुई है। हिमाचल प्रदेश की एक अदालत ने वीरभद्र
सिंह तथा उनकी पत्नी प्रतिभा सिंह के खिलाफ सोमवार को ही भ्रष्टाचार के आरोप तय
किए थे। इससे
पहले खुद प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंत्रिमंडल विस्तार का संकेत दे चुके हैं।
फिलहाल वित्त मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी प्रधानमंत्री के पास ही है। जबकि
वीरभद्र सिंह के मंत्रालय का प्रभाग विज्ञान व तकनीकी मंत्री विलासराव देशमुख को
दिया गया है। दूसरी
ओर, नई दिल्ली के गुरुद्वारा रकब रोड पर स्थित बंगला नंबर 15 पर भी सक्रियता बढ़ गई है। यहीं से प्रणब मुखर्जी को राष्ट्रपति पद
के तौर पर लांच किया गया था। अब यह राष्ट्रपति चुनाव की पोलिंग के लिए यूपीए
का केंद्रीय अभियान कार्यालय बन चुका है। केंद्र
सरकार के कई वरिष्ठ मंत्री और कांग्रेस नेता पवन बंसल हर शाम यहां आते हैं और
घंटों इस वार रूम का जायजा लेते हैं। इसे लोकसभा चुनाव के दौरान बनाए गए वार रूम
की तर्ज पर विकसित किया जा रहा है। यहां की दीवारों को कैलेंडरों और बड़े बडे
ग्रॉफिक्स के चार्ट से ढंक दिया गया है। इसमें प्रणब मुखर्जी के कार्यक्रम
की तारीख के अलावा दिन और स्थान भी लिखे गए हैं। इसका प्रमुख कॉडिनेटर मप्र के
वरिष्ठ नेता सुरेश पचौरी को बनाया गया है। नए कम्प्यूटर, फैक्स
मशीनों को इस ऑफिस में लगाया गया है। वहीं, प्रणब
मुखर्जी अपने पक्ष में अधिक से अधिक वोटों के जुगाड़ में दक्षिण भारत की यात्रा पर
हैं। तीस जून से दो जुलाई की यात्रा पर गए मुखर्जी का पहला पड़ाव चेन्नई रहेगा।
इसके बाद वो डीएमके प्रमुख एम करुणानिधि से मिलने उनके घर जाएंगे। वो तमिलनाडु के
कई क्षेत्रीय दल के नेताओं से भी मुलाकात करेंगे। एक जुलाई को हैदराबाद से वो
बैंगलोर चले जाएंगे और दो की रात को मुखर्जी मुंबई के लिए रवाना हो जाएंगे।
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