Friday, September 7, 2012

विदेश मंत्री एसएम कृष्‍णा की पाकिस्‍तान यात्रा

 भारतीय विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा अपनी पाकिस्तानी समकक्ष हिना रब्बानी खार से मुलाकात के लिए आज इस्लामाबाद रवाना होने वाले हैं। कृष्णा की तीन दिवसीय पाकिस्तान यात्रा आज से शुरू हो रही है। भारत के विदेश सचिव रंजन मथाई और उनके पाकिस्तानी समकक्ष जलील अब्बास जिलानी की वार्ता शुक्रवार को ही होगी, जबकि दोनों देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक शनिवार को होगी। वार्ता में वीजा नियमों पर चर्चा शीर्ष एजेंडे में शामिल होने की उम्मीद है। हालांकि दोनों पक्षों ने अभी इस पर सहमति नहीं दी है। पाकिस्तान के गृहमंत्री रहमान मलिक ने कहा है कि विदेश मंत्री एस.एम. कृष्णा की पाकिस्तान यात्रा में वीजा प्रणाली उदार बनाने संबंधी अहम और व्यावहारिक फैसले लिए जा सकते हैं। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान कराची में भारतीय वाणिज्य दूतावास का कार्यालय खोले जाने का स्वागत करेगा।इस यात्रा को लेकर भारत ने साफ कर दिया है कि आतंकवाद, खासकर 26/11 मुम्बई आतंकवादी हमला दोनों पक्षों के बीच वार्ता का `महत्वपूर्ण मुद्दा` होगा। कृष्णा ने यात्रा से पूर्व पाकिस्तान को इस बात के लिए भी आगाह किया है कि 26/11 जैसे और हमले हुए तो पाकिस्तान को इसकी कीमत चुकानी पड़ेगी।दोनों पक्षों की वार्ता में जिन अन्य मुद्दों पर चर्चा की सम्भावना है, उनमें विश्वास बहाली के उपाय तथा कैदियों की रिहाई और व्यापार एवं सीमा से सम्बंधित मुद्दे भी शामिल हैं। पाकिस्तान के साथ वार्ता में भारत उस फर्जी एसएमएस के मुद्दे को भी उठा सकता है, जिसके कारण बेंगलुरु तथा अन्य शहरों से बड़ी संख्या में पूर्वोत्तर के लोगों का पलायन हुआ।इस यात्रा से उम्मीदों के बारे में पूछे जाने पर भारतीय विदेश मंत्री कृष्णा ने कहा, `भारत और पाकिस्तान के बीच लंबित मुद्दों को आतंक और हिंसा मुक्त माहौल में वार्ता के जरिए हल करने के लिए मैं अपने साथ सरकार और भारत के लोगों के गंभीर इरादों के संदेश को लेकर जाऊंगा।` विदेश मंत्री ने इस बात का जिक्र किया कि तेहरान में गुटनिरपेक्ष शिखर सम्मेलन से इतर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह और पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी की मुलाकात ने सही तरह की पृष्ठभूमि तैयार की है। वर्ष 2010 के बाद कृष्णा की पाकिस्तान की यह दूसरी यात्रा होगी।
भारत के विदेश मंत्री एसएम कृष्‍णा की पाकिस्‍तान यात्रा से पहले, पाकिस्‍तानी विदेश मंत्री हिना रब्‍बानी खार ने कहा है कि भारत से बेहतर संबंध बनाने और द्विपक्षीय मुद्दे सुलझाने के लिए ही यह कदम उठाया गया हैं। भारत को तरजीही देश का दर्जा देने की घोषणा ने दोनों देशों के बीच के संबंधों को सामान्‍य करने के लिए एक नई गति दी है। दोनों ही विदेश मंत्री मंत्री भारत-पाकिस्तान संयुक्त आयोग की एक बैठक की अध्यक्षता भी करेंगे। आयोग ने 2006 और 2007 में बैठकें की थीं। गौरतलब है कि 2008 के मुंबई हमलों के बाद दो साल के अंतराल पर भारत और पाकिस्तान ने पिछले साल अपनी शांति प्रक्रिया को बहाल किया था। 

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