चुनाव
के एक साल पहले FRI तो टिकट नहीं
नई दिल्ली।। चुनाव से एक साल पहले तक किसी गंभीर अपराध में
चार्जशीट का सामना कर रहे व्यक्ति को चुनाव लड़ने से रोका जा सकता है। इनमें रेप, मर्डर, डकैती और किडनैपिंग जैसे मामले शामिल हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त एस. वाई.
कुरैशी ने बताया कि यह प्रस्ताव केंद्र सरकार ने चुनाव आयोग को दिया है। इससे पहले,
आयोग ने ही छह महीने पहले रिपोर्ट दर्ज होने और कोर्ट से आरोप तय
होने पर चुनाव लड़ने से रोक लगाने का प्रस्ताव सरकार को दिया था। कुरैशी का कहना
है कि विंटर सेशन में चुनाव सुधार पर फैसला नहीं होने से हमें निराशा हुई है,
जबकि कानून मंत्री सलमान खुर्शीद ने विश्वास दिलाया था कि
पार्टियों की फंडिंग और अपराधियों को चुनाव लड़ने से रोकने के प्रस्ताव इसी सेशन
में पास कर दिए जाएंगे। चुनाव सुधार में यही दोनों सबसे अहम मुद्दे हैं। सरकार
कहती है कि अपराधियों को रोकने पर आम सहमति नहीं बन रही। यह स्वाभाविक है, क्योंकि हर पार्टी में ऐसे लोग होते हैं।
कुरैशी ने कहा, 'कोर्ट एक स्वतंत्र संस्था है। वह न्यायिक नजरिए से ही आरोप तय करती है। भले ही वह पहली नजर के आरोप हों, लेकिन उस पर भी आरोपी को चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए। समय सीमा चाहे कोई भी हो, लेकिन शुरुआत जरूर होनी चाहिए।'
कुरैशी ने कहा, 'कोर्ट एक स्वतंत्र संस्था है। वह न्यायिक नजरिए से ही आरोप तय करती है। भले ही वह पहली नजर के आरोप हों, लेकिन उस पर भी आरोपी को चुनाव लड़ने से रोका जाना चाहिए। समय सीमा चाहे कोई भी हो, लेकिन शुरुआत जरूर होनी चाहिए।'
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