Friday, December 30, 2011

बजट सेशन में लाएंगे लोकपाल बिल : सरकार

नई दिल्ली।। लोकपाल बिल के लटकने के साथ ही अब इस पर आरोप-प्रत्यारोप शुरू हो गया है। जहां विपक्ष कह रहा है कि आधी रात को लोकतंत्र की हत्या की गई, वहीं सरकार कह रही है कि विपक्ष की वजह से ही राज्यसभा से लोकपाल बिल पास नहीं हो पाया। इस बीच सरकार ने भरोसा दिलाया है कि लोकपाल बिल को निश्चित रूप से बजट सेशन में राज्यसभा से पास कराने की कोशिश की जाएगी। 

 
संसदीय कार्यमंत्री पवन बंसल ने कहा कि बिल पास हो सकता था लेकिन यह बीजेपी की वजह से लटक गया। उन्होंने कहा कि बीजेपी की मंशा थी ही नहीं कि यह बिल पारित हो सके। जानबूझकर ज्यादा संशोधन इसलिए लाए गए ताकी लोकपाल बिल पास नहीं हो सके। बंसल ने सफाई दी कि अगर संशोधित बिल भी आता तो भी वह अगले सेशन में ही जाता। 

 
कार्मिक राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने यहां कहा, 'हम इसे निश्चित तौर पर मार्च में बजट सेशन में लाएंगे। हमें विपक्षी दलों द्वारा लाए गए 187 संशोधनों का अध्ययन करना है क्योंकि अधिकतर संशोधन एक-दूसरे से मिलते जुलते हैं। कुछ संशोधन केवल एक हिस्से से संबधित हैं, पूरे खंड से नहीं। कुछ में पूरे विधयेक को ही हटाने की मांग की गई है।' उन्होंने कहा कि संशोधनों का अध्ययन करने के बाद सरकार इस बात पर विचार करेगी कि क्या स्वीकार करना है और क्या खारिज करना है और फिर विपक्षी दलों से बातचीत करेंगे। आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी अगर इसे लोकतंत्र का काला दिन मानती है तो अरुण जेटली को सिर्फ 10 मिनट बोलना चाहिए था। 
कार्मिक राज्य मंत्री वी. नारायणसामी ने यहां कहा, 'हम इसे निश्चित तौर पर मार्च में बजट सेशन में लाएंगे। हमें विपक्षी दलों द्वारा लाए गए 187 संशोधनों का अध्ययन करना है क्योंकि अधिकतर संशोधन एक-दूसरे से मिलते जुलते हैं। कुछ संशोधन केवल एक हिस्से से संबधित हैं, पूरे खंड से नहीं। कुछ में पूरे विधयेक को ही हटाने की मांग की गई है।' उन्होंने कहा कि संशोधनों का अध्ययन करने के बाद सरकार इस बात पर विचार करेगी कि क्या स्वीकार करना है और क्या खारिज करना है और फिर विपक्षी दलों से बातचीत करेंगे। आरोपों का जवाब देते हुए उन्होंने कहा कि बीजेपी अगर इसे लोकतंत्र का काला दिन मानती है तो अरुण जेटली को सिर्फ 10 मिनट बोलना चाहिए था। 

कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह ने सरकार का बचाव करते हुए कहा कि आधी रात के बाद राज्यसभा की कार्यवाही का विस्तार करना संभव नहीं था। उन्होंने सुबह ट्वीट किया, 'चर्चा वाले दिन शाम छह बजे तक 187 संशोधन दिए गए और वे भी एक-दूसरे के विरोधाभासी हैं। सदन की कार्यवाही का विस्तार करना राज्यसभा के अधिकार क्षेत्र में नहीं है।' उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के पास समय है और उसे आम सहमति की कोशिश करते हुए मजबूत लागू करने योग्य लोकपाल विधेयक पारित करना चाहिए। 

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