राज्यसभा में भी आसान नही
होगा सरकार का रास्ता
लंच के बाद
पेश किया जा सकता है राज्यसभा मे लोकपाल बिल
लोकसभा
में संविधान संशोधन विधेयक पर किरकिरी होने के बाद सरकार केलिए राज्यसभा में
लोकपाल बिल की राह आसान नजर नहीं आ रही है। बसपा, सपा और आरजेडी की अनुपस्थिति के कारण संविधान
संशोधन बिल लोकसभा में पारित नहीं हो सका। राज्य सभा यानी उच्च सदन में लोकपाल बिल
आज लंच के
बाद लाया जा सकता है इस बात कॆ आसय
सरकार ने दिए है। लेकिन यहां कांग्रेस और उसकेयूपीए गठबंधन को बहुमत हासिल नहीं
है। 245 सदस्यों
वाले सदन में कांग्रेस, एनसीपी, द्रमुक, तृणमूल कांग्रेस, लोजपा और रालोद को मिलाकर
कुल 93 सदस्य
हैं।
सरकार को बाहर से समर्थन कर रही पार्टियों में सपा के 5, बसपा के18 और राजद केचार सदस्य हैं। इनके कुल मतों की संख्या 27 है। लेकिन ये तीनों लोकसभा में लोकपाल पर मतदान के दौरान सदन से बाहर चली गई थीं। हालांकि इनकी गैरमौजूदगी का बहुत मतलब नहीं था क्योंकि लोकपाल बिल केलिए साधारण बहुमत की जरूरत थी और ये ध्वनिमत से पारित भी हो गया। लोकसभा में इन तीनों पार्टियों के42 सांसदों की अनुपस्थिति केचलते संविधान संशोधन बिल पारित नहीं हो सका क्योंकि इसके लिए विशेष बहुमत की जरूरत थी।
अगर ये तीनों पार्टियां राज्यसभा में भी वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहती हैं तो सरकार केलिए बड़ी मुश्किल हो जाएगी। भारतीय जनता पार्टी पहले ही लोकपाल पर अनेक आपत्तियां जता चुकी है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी केनेताओं का कहना है कि वे कल सुबह इस मुद्दे पर दोबारा विचार करेंगे। पार्टी को लोकपाल में अल्पसंख्यक कोटे, लोकपाल केढांचे और सीबीआई के नियंत्रण को लेकर कई ऐतराज हैं।
सरकार को बाहर से समर्थन कर रही पार्टियों में सपा के 5, बसपा के18 और राजद केचार सदस्य हैं। इनके कुल मतों की संख्या 27 है। लेकिन ये तीनों लोकसभा में लोकपाल पर मतदान के दौरान सदन से बाहर चली गई थीं। हालांकि इनकी गैरमौजूदगी का बहुत मतलब नहीं था क्योंकि लोकपाल बिल केलिए साधारण बहुमत की जरूरत थी और ये ध्वनिमत से पारित भी हो गया। लोकसभा में इन तीनों पार्टियों के42 सांसदों की अनुपस्थिति केचलते संविधान संशोधन बिल पारित नहीं हो सका क्योंकि इसके लिए विशेष बहुमत की जरूरत थी।
अगर ये तीनों पार्टियां राज्यसभा में भी वोटिंग के दौरान अनुपस्थित रहती हैं तो सरकार केलिए बड़ी मुश्किल हो जाएगी। भारतीय जनता पार्टी पहले ही लोकपाल पर अनेक आपत्तियां जता चुकी है। हालांकि भारतीय जनता पार्टी केनेताओं का कहना है कि वे कल सुबह इस मुद्दे पर दोबारा विचार करेंगे। पार्टी को लोकपाल में अल्पसंख्यक कोटे, लोकपाल केढांचे और सीबीआई के नियंत्रण को लेकर कई ऐतराज हैं।
No comments:
Post a Comment