लोकपाल पर लोकसभा में गरमागरम बहस जारी है। सदन में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज ने आरोप लगाया कि यह बिल खामियों से भरा है और सरकार के विचार इस बिल को लेकर साफ नहीं हैं . ऐसा बिल लाकर सरकार ने देश के संघीय ढांचे पर आघात कर रही है . स्वराज ने अल्पसंख्यकों के आरक्षण का मुद्दा उठाया तो सत्ता पक्ष के लोगों ने हंगामा किया और स्पीकर को कई बार हस्तक्षेप करना पड़ा उन्होंने कहा कि देश का बंटवारा भी धर्म के आधार पर हुआ था जिसके परिमाण हमारे सामने हैं। खुद पीएम मनमोहन सिंह ने भी इस त्रासदी को महसूस किया है। इस पर बीच में दखल देते हुए लालू प्रसाद ने कहा कि बीजेपी देश का बंटवारा चाहती है। सुषमा ने लालू को जवाब देते हुए कहा, ‘लालूजी, सरकार दोनों तरफ से फायदे में रही और आपका हिस्सा लूट लिया।’ इससे पहले केंद्रीय मंत्री वी नारायणसामी ने बहस के लिए लोकपाल बिल सदन पेश किया .और सरकार का पक्ष रखा . शुरू में राजद प्रमुख लालू प्रसाद यादव ने उन्हें बोलने से रोका। लेकिन सामी ने बिल के बारे में मजबूती से सरकार का पक्ष रखा। आक्रामक तेवर में दिख रहे सामी ने कहा कि यह बिल किसी भी तरह कमजोर नहीं है और टीम अन्ना व सभी राजनीतिक दलों से बातचीत कर तैयार किया गया है। नारायण सामी ने कहा कि लोकपाल बिल संसद की भावना के अनुरूप है और लोकपाल बेंच तथा चयन समिति में 50 फीसदी आरक्षण की व्यवस्था की गई है। उन्होंने टीम अन्ना को निशाने पर लेते हुए कहा कि सिविल सोसायटी के सदस्यों से चर्चा करके ही लोकपाल बिल तैयार किया गया है। यदि कोई यह कहता है कि यह बिल कमजोर है तो इसका मतलब है कि उसने यह बिल पढ़ा ही नहीं है। इससे पहले केंद्रीय मंत्री प्रणब मुखर्जी, सलमान खुर्शीद, नारायण सामी और पवन बंसल की लालू और सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के साथ संसद भवन स्थित मुखर्जी के कमरे में एक अहम बैठक हुई जिसमें 'फ्लोर मैनेजमेंट' पर चर्चा हुई। इस बैठक में लालू-मुलायम ने इस बात को लेकर विरोध जताया कि सरकार लोकपाल बिल पर बहस के लिए पूरा समय नहीं दे रही है। इस समस्या के समाधान के लिए पवन बंसल आनन-फानन में पीएम मनमोहन सिंह से मिलने गए।
पीएम ने यह बिल पारित होने का पूरा भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि यदि भरोसा नहीं होता तो बिल लाते ही नहीं। विपक्ष के वार की काट के लिए प्रधानमंत्री भी तैयार हैं और खबर है कि वह भी बहस में दखल देंगे।
संसद में सरकार और विपक्ष की तरफ से बहस करने वाले नेताओं का पैनल तय हो गया है। कपिल सिब्बल, संदीप दीक्षित, मीनाक्षी नटराजन, गिरिजा व्यास और विजय बहुगुणा सरकार का पक्ष करेंगे वहीं मुख्य विपक्षी दल भाजपा से सुषमा स्वराज, यशवंत सिन्हा और कीर्ति आजाद पार्टी का पक्ष रखेंगे। भाजपा और वामदलों ने विधेयक में संशोधन के नोटिस दिए हैं। सरकार ने विरोधियों के संशोधन प्रस्तावों को गिराने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस ने बहस के दौरान अपने सांसदों को संसद में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है। कांग्रेस ने कहा है कि लोकपाल बिल पारित कराने की जिम्मेदारी सभी पार्टियों पर है.
पीएम ने यह बिल पारित होने का पूरा भरोसा जताया है। उन्होंने कहा कि यदि भरोसा नहीं होता तो बिल लाते ही नहीं। विपक्ष के वार की काट के लिए प्रधानमंत्री भी तैयार हैं और खबर है कि वह भी बहस में दखल देंगे।
संसद में सरकार और विपक्ष की तरफ से बहस करने वाले नेताओं का पैनल तय हो गया है। कपिल सिब्बल, संदीप दीक्षित, मीनाक्षी नटराजन, गिरिजा व्यास और विजय बहुगुणा सरकार का पक्ष करेंगे वहीं मुख्य विपक्षी दल भाजपा से सुषमा स्वराज, यशवंत सिन्हा और कीर्ति आजाद पार्टी का पक्ष रखेंगे। भाजपा और वामदलों ने विधेयक में संशोधन के नोटिस दिए हैं। सरकार ने विरोधियों के संशोधन प्रस्तावों को गिराने की तैयारी कर ली है। कांग्रेस ने बहस के दौरान अपने सांसदों को संसद में मौजूद रहने के लिए व्हिप जारी कर दिया है। कांग्रेस ने कहा है कि लोकपाल बिल पारित कराने की जिम्मेदारी सभी पार्टियों पर है.
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