Thursday, December 29, 2011


       
  लोकपाल बिल पर आज राज्यसभा मे होगा फैसला

 लोकसभा से पास होने के बाद लोकपाल बिल बुधवार को राज्यसभा में पेश हो गया। गुरुवार को बहस के बाद इस पर वोटिंग होने की उम्मीद है। राज्यसभा में यूपीए सरकार को बहुमत नहीं है। सरकार के कुछ सहयोगी दलों और दूसरे छोटे राजनीतिक दलों का इस मामले पर रुख अभी तक साफ नहीं है। ऐसी स्थिति में बिल का भविष्य क्या होगा इस बारे में ठीक-ठीक अंदाजा लगाना मुश्किल है । इस लिहाज से गुरुवार को राज्यसभा में सरकार की अहम परीक्षा होगी। संविधान विशेषज्ञों ने कहा कि अब तक जिस तरह से घटनाक्रम घटे हैं उससे मामला पेचीदा भी हो सकता है। अब तक के संसदीय इतिहास में ऐसे बेहद कम मौके रहे हैं जब राज्यसभा में सरकार किसी बिल को पास कराने के दौरान पराजित हुई हो या फिर बिल को पास कराने के संयुक्त सत्र तक बुलाने की नौबत तक गई हो। अंतिम बार ऐसा एनडीए की सरकार के साथ हुआ जब वह पोटा को राज्यसभा से पास नहीं करा पाई थी
संविधान विशेषज्ञों  ने कहा कि अभी जो स्थिति है उसमें सबसे ज्यादा संभावना संयुक्त सत्र की ही दिखती है। अगर राज्यसभा ने बिल में एक भी संशोधन को मंजूरी दे दी तो फिर मुश्किल हो सकती है। एक ही कानून के लिए दोनों सदन की अलग-अलग अनुशंसा नहीं हो सकती है। लोकसभा के निवर्तमान सेकेटरी जनरल पी. डी. टी. अचारी ने कहा कि संसदीय इतिहास में यह सबसे नाजुक मौका है। कई विकल्प खुले हुए हैं। 

 राज्यसभा में अगर लोकसभा से पास लोकपाल बिल में कुछ संशोधन को मंजूरी मिल गई तो फिर क्या होगा? 
- अगर राज्यसभा लोकसभा से पास बिल में कोई संशोधन करती है तो फिर उसे नए सिरे से पास करने के लिए लोकसभा में भेजना होगा। अगर वहां मंजूरी मिल गई तो फिर बिल पास माना जाएगा। दूसरे विकल्प के रूप में संयुक्त सत्र में दोनों सदन को साथ मिलकर मंजूरी देनी होगी। 
 अगर बहुमत के अभाव में राज्यसभा में लोकपाल बिल पारित नहीं हो सका तो? 
- तब सरकार के पास एकमात्र विकल्प संसद का संयुक्त सत्र बुलाना ही रह जाएगा 
- लोकपाल को संवैधानिक दर्जा देने वाले बिल का अब क्या होगा? 
- फिलहाल उसे अब इस सत्र में नहीं लाया जा सकता है। अगले सत्र में उसे अलग से पेश करना होगा। अगर इस बिल को मंजूरी मिली को लोकपाल बिल को फिर संशोधित करना होगा जिसमें इसके संवैधानिक दर्जा होने संबंधी बातों को शामिल करना होगा 
संयुक्त सत्र में बहुमत की संख्या कैसे तय होती है? 

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लोकसभा और राज्यसभा के दोनों संख्या को मिलाने के बाद सामान्य बहुमत। मौजूद स्थिति में लोकसभा के 543 और राज्यसभा के 243 सीट को मिलाकर 786 होती है जिसमें बहुमत के लिये 393 सांसदों की जरूरत होगी।

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