ठाणे ने ली 6 की जान तमिलनाडु से आगे निकला
चेन्नै।। बंगाल की खाड़ी से चले समुद्री तूफान 'ठाणे' तमिलनाडु और केंद्रशासित प्रदेश पुडुचेरी में जबर्दस्त तबाही मचाई है। कुड्डालूर जिले में 5 और पुडुचेरी में एक व्यक्ति की मौत हो गई। कुड्डालूर का राज्य के नजदीकी जिलों से संपर्क कट गया है। उत्तरी तमिलनाडु, पुडुचेरी और दक्षिण आंध्र प्रदेश तट के पास के इलाके में समुद बेहद अशांत है और मछुआरों से समुद्र में नहीं उतरने को कहा गया है।
एक अधिकारी ने बताया कि दीवार ढहने और बिजली का झटका लगने की घटनाओं में कुड्डालूर में पांच लोगों की मृत्यु हो गई। पुडुचेरी के वानरमपेट गांव में मकान गिरने से 45 वर्षीय व्यक्ति की मौत हो गई। दक्षिणी तमिलनाडु में ट्रेन सेवा बुरी तरह प्रभावित हुई है। उनमें से ज्यादातर ट्रेनें देरी से चलीं या नजदीकी स्टेशनों पर रुकी रहीं। वहीं चेन्नै से कुवैत और मलयेशिया समेत दूसरे इंटरनैशनल रूट्स के लिए उड़ानें रद्द कर दी गईं।
पुडुचेरी के डीएम एस. बी. दीपक कुमार ने कहा कि केंद्र शासित प्रदेश में बचाव अभियान पूरे जोर-शोर से चल रहा है। उखड़े हुए पेड़ों को सड़कों से हटाया जा रहा है।
क्षेत्रीय मौसम कार्यालय में यहां बताया, 'दक्षिण-पश्चिमी बंगाल की खाड़ी से उठा काफी तेज चक्रवातीय तूफान ठाणे और आगे पश्चिम की ओर बढ़ा। सुबह साढ़े छह और साढ़े सात बजे के आस पास कुड्डालूर और पुडुचेरी के बीच उत्तरी तमिलनाडु तट को पार कर गया।' यह कुड्डालोर के 30 किलोमीटर पश्चिम और पुडुचेरी के 35 किलोमीटर दक्षिण-पश्चिम में केंद्रित रहा। हवा की गति इस दौरान 140 किलोमीटर प्रति घंटे दर्ज की गई।
एक मौसम बुलेटिन में बताया गया, 'इसके प्रभाव के तहत अगले 12 घंटे के दौरान उत्तर तटीय तमिलनाडु और पुडुचेरी में ज्यादातर स्थानों पर वर्षा होगी, जबकि कुछ स्थानों पर मूसलाधार वर्षा होगी।' बुलेटिन में यह भी बताया गया कि अगले 12 घंटे के दौरान दक्षिण तटीय आंध्र प्रदेश में मूसलाधार वर्षा होने की संभावना है, जबकि रायलसीमा, उत्तरी केरल और दक्षिण कर्नाटक में अगले 24 घंटे के दौरान मूसलाधार वर्षा हो सकती है।
तमिलनाडु का कुड्डालोर जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है। सड़कें क्षतिग्रस्त हो गई हैं जिससे बचाव दल को साइक्लोन प्रभावित गांवों तक पहुंचने में मुश्किलें आ रही हैं। इन बचाव दलों में राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल और दमकल एवं अग्निशमन सेवाएं शामिल हैं। डीएम अमुतावल्ली ने बताया कि संचार लाइनें अब भी प्रभावित हैं। वहीं, मछुआरों के 5000 से अधिक मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं।
एक अधिकारी ने बताया कि कुड्डालोर-चिदंबरम मार्ग पर करीब 400 पेड़ उखड़ गए हैं। इसके कारण ट्रैफिक रुक गया है। खदान पानी में डूब जाने की वजह से लिग्नाइट नेवेली कॉरपोरेशन में बिजली के उत्पादन पर असर पड़ा है। आधिकारिक सूत्रों ने बताया कि पुडुचेरी का तमिलनाडु में विल्लुपुरम और कुड्डालोर के पड़ोसी जिलों से संपर्क टूटा हुआ है, क्योंकि आंधी के प्रभाव के कारण कई पेड़ सड़क पर गिरे हुए हैं।
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