भारत- जापान रिश्तो से 'चीन' नाखुश
पेइचिंग।। भारत और जापान के बीच बढ़ती नजदीकियों से चीन में बेचैनी है।
जापान द्वारा हथियारों के निर्यात पर दशकों से लगा बैन हटाने और भारत के साथ रक्षा
सहयोग गहरा करने जैसे कदमों को चीन के सरकारी मीडिया ने चिंता का कारण बताया है।
चाइना डेली के मुताबिक, भारत और जापान के बीच 15 बिलियन डॉलर का मुद्रा विनिमय समझौता हुआ है। इसके अलावा, जापानी कंपनियां अब अमेरिका के अलावा दूसरे देशों के साथ भी हथियारों के विकास पर काम कर सकेंगी। जापान और भारत की नौसेनाएं अगले साल अपना पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास भी कर सकती हैं। अखबार ने जापान, भारत और अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय वार्ता का भी जिक्र किया है। चाइना डेली ने पेइचिंग स्थित चाइना इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल स्टडीज के रिसर्चर शी यिनहॉन्ग के हवाले से कहा कि जापान द्वारा सैन्य ताकत बढ़ाने की कोशिशों से पूरे एशिया में खतरनाक संकेत जाएंगे।
शंगहाई स्थित इंस्टिट्यूट फॉर इंटरनैशनल स्टडीज में साउथ एशिया रिसर्च डिपार्टमेंट के डायरेक्टर झाओ गानचेंग ने दावा किया कि भारत और जापान के बीच हथियार समझौते से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है। राजनीतिक सुरक्षा के लिहाज से जापान, अमेरिका और भारत जैसे देशों से जुड़कर चीन का मुकाबला करना चाहता है।
चाइना डेली के मुताबिक, भारत और जापान के बीच 15 बिलियन डॉलर का मुद्रा विनिमय समझौता हुआ है। इसके अलावा, जापानी कंपनियां अब अमेरिका के अलावा दूसरे देशों के साथ भी हथियारों के विकास पर काम कर सकेंगी। जापान और भारत की नौसेनाएं अगले साल अपना पहला संयुक्त सैन्य अभ्यास भी कर सकती हैं। अखबार ने जापान, भारत और अमेरिका के बीच त्रिपक्षीय वार्ता का भी जिक्र किया है। चाइना डेली ने पेइचिंग स्थित चाइना इंस्टिट्यूट ऑफ इंटरनैशनल स्टडीज के रिसर्चर शी यिनहॉन्ग के हवाले से कहा कि जापान द्वारा सैन्य ताकत बढ़ाने की कोशिशों से पूरे एशिया में खतरनाक संकेत जाएंगे।
शंगहाई स्थित इंस्टिट्यूट फॉर इंटरनैशनल स्टडीज में साउथ एशिया रिसर्च डिपार्टमेंट के डायरेक्टर झाओ गानचेंग ने दावा किया कि भारत और जापान के बीच हथियार समझौते से एशिया-प्रशांत क्षेत्र में तनाव बढ़ सकता है। राजनीतिक सुरक्षा के लिहाज से जापान, अमेरिका और भारत जैसे देशों से जुड़कर चीन का मुकाबला करना चाहता है।
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