रसूखदारों का अड्डा बना हुआ है झुंझुनु का खेतान अस्पताल
डॉक्टरों की हड़ताल का आज आठवां दिन
झुंझुनु,राजस्थान। राजस्थान के सरकारी अस्पतालों में कार्यरत डॉक्टर अपनी कुछ
मांगों को लेकर पिछले आठ दिनों से हड़ताल पर हैं। डॉक्टरों की हड़ताल का सीधा असर
आम जनता पर पड़ रहा है। सरकारी अस्पतालों में आमतौर पर वैसे ही काफी भीड़ रहती है
और ऊपर से कड़ाके की ठण्ड के चलते मरीज़ों की संख्या में काफी बढ़ोतरी हुई है, ऐसे
में सभी डॉक्टरों के एक साथ हड़ताल पर चले जाने से आम लोग बेहाल हो रहे हैं।डॉक्टरों
की हड़ताल के कारण झुंझुनु ज़िले में भी इलाज की कमी से कई मरीज़ों की मौत भी हो चुकी
है और कई लोगों की हालत चिंताजनक बनी हुई है।इसके बावजूद हड़ताल ख़त्म होने के कोई
आसार नहीं आ रहें हैं। हड़ताल तोड़ने की दिशा में न तो सरकारी पक्ष की तरफ से किसी
प्रकार की कोई गंभीरता दिखाई जा रही है और न ही मरीज़ों की हालत देखकर डॉक्टरों को
दया आ रही है।
गौरतलब है कि हड़ताली डॉक्टरों को नेताओं का पूरा संरक्षण
मिला हुआ है जिसके कारण वे पिछले 12 सालों से एक ही जगह पर जमे हुए हैं, लेकिन
इसके बावजूद उन्होने अपने नेताओं की हड़ताल तोड़ने की अपील भी ठुकरा दी।
सूत्रों के मुताबिक यहां के डॉक्टर अपने यहां आने वाले
मरीज़ों को अपने घरों पर या उसके आसपास अपने ही लोगों से खुलवाई गई दवा की दुकानों
से ऊंचे दामों पर दवा खरीदने को मजबूर करते हैं तथा सरकारी आदेशों के बावजूद भी
मोटे कमीशन के चक्कर में जेनरीक दवाइंया नहीं लिखते हैं।
इन सबके बावजूद राजस्थान के राज्य चिकित्सा मंत्री डॉ. राजकुमार शर्मा गृह ज़िले में चिकित्सा महक़में में बदलाव कर पाने में क्यों नाकाम
हो रहे हैं ये सवाल आम जनता के मन में उठना स्वाभाविक ही है।
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