Wednesday, February 1, 2012


 दासो को मिला 126 लड़ाकू विमानों का सौदा
भारत के सबसे बड़े रक्षा सौदे का ठेका फ्रांस की कंपनी दासो राफेल ने हासिल कर लिया है। दासो ने यूरोपीय कंपनी ईएडीएस को पछाड़ कर 126 बहुउद्देशीय लड़ाकू विमानों के लिए अरबों डॉलर के इस सौदे की बाजी जीत ली। सूत्रों ने बताया कि दासो सबसे कम कीमत पर विमान देने की पेशकश करने वाली कंपनी रही। अब इस कंपनी के साथ भारत की रक्षा खरीद प्रक्रिया के तहत डील की जाएगी। सौदे के लिए अंतिम दौड़ में दासो और यूरोप की ईएडीएस ही शामिल थीं। ईएडीएस अपने यूरोफाइटर विमान के साथ सौदे के लिए होड़ में थी। सूत्रों ने बताया कि दासो के अधिकारियों को उनकी कंपनी के विमान आपूर्ति का ठेका हासिल करने की जानकारी मंगलवार सुबह दे दी गई। दामों पर आगे की बातचीत अगले 10-15 दिनों में होने की उम्मीद है। हालांकि डील पर हस्ताक्षर अगले वित्त वर्ष में ही हो पाएंगे। डील के लिए जारी की गई आरएफपी के मुताबिक सौदा हासिल करने वाली कंपनी को 126 में से 18 विमानों की आपूर्ति सौदे पर हस्ताक्षर होने के 36 महीनों के अंदर वायुसेना को करनी होगी। बाकी विमान बंगलूरू स्थित एचएएल की यूनिट में ही बनाए जाएंगे। 126 विमानों के सौदे के लिए शुरुआत में इस होड़ में यूरोफाइटर और दासो राफेल समेत छह कंपनियां शामिल थीं। इनमें अमेरिका के एफ-16 और एफ-18 विमान और रूस के मिग-35 भी होड़ में थे। स्वीडन की साब का ग्रिपेन भी था। लेकिन पिछले साल अप्रैल में अंतिम राउंड में केवल दासो और ईएडीएस ही पहुंच सकीं। वायुसेना ने विमान चुनने के लिए सभी कंपनियों के विमानों की खूबियों और खामियों की गहन समीक्षा की। 

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