'अब चुनावी शिकायतो को भी कोर्ट मे भेजने की तैंयारी'
कानपुर।। रोड शो के दौरान धारा-144 का उल्लंघन करने पर राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने से कांग्रेस का पारा चढ़ गया है। पार्टी के सीनियर नेता दिग्विजय सिंह कहा कि जिला प्रशासन द्वारा दर्ज एफआईआर को रद्द करवाने के लिए पार्टी हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाएगी। उन्होंने कहा कि प्रशासन ने राहुल के रोड शो को मिली लोकप्रियता के कारण मुख्यमंत्री मायावती के इशारे पर केस दर्ज किया है।राहुल गांधी और 40 अन्य लोगों के खिलाफ दर्ज एफआईआर में प्रशासन द्वारा किसी को गिरफ्तार किए जाने के बारे में पूछने पर सिंह ने कहा, 'हम कानून का पालन करेंगे और अगर किसी की गिरफ्तारी होती है तो हमें कोई आपत्ति नहीं है।' उन्होंने कहा कि राहुल के रोड शो में किसी भी तरह से आचार संहिता का उल्लंघन नहीं किया गया है और न ही उन्हें चुनाव आयोग से नोटिस मिला है। सिंह ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि धारा-144 का उल्लंघन किसी भी तरह से चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन नहीं है। उनके मुताबिक, जिला प्रशासन को 16 फरवरी को राहुल गांधी के प्रस्तावित रोड शो और रूट की जानकारी दे दी गई थी। 18 फरवरी को कांग्रेस को जिला प्रशासन ने सूचित किया कि शिवरात्रि के कारण इतना बड़ा रूट संभव नहीं है, तो स्थानीय कांग्रेस इकाई ने बदला हुआ रूट दे दिया। इसके बाद जिला प्रशासन राहुल गांधी की सुरक्षा में लगी एसपीजी से बातचीत करता रहा, लेकिन पार्टी की स्थानीय इकाई को कोई सूचना नहीं दी और न ही रोड शो के बारे में मना किया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी कानून समझते हैं और उन्होंने कानून का कोई उल्लंघन नहीं किया है। दिग्विजय सिंह ने कहा कि राहुल गांधी के रोड शो को जनता द्वारा हाथोंहाथ लिया जा रहा है और पार्टी को जबरदस्त बढ़त पूरे प्रदेश में मिल रही है, इसलिए मुख्यमंत्री मायावती के इशारे पर जिला प्रशासन ने यह कार्रवाई की है। कांग्रेस पार्टी इसकी निंदा करती है और इस एफआईआर को रद्द कराने के लिए हाई कोर्ट जाएगी। उन्होंने कहा,'प्रशासन ने धारा-144 के उल्लंघन के मामले में एफआईआर दर्ज कराई है। आचार संहिता के उल्लंघन का नोटिस केंद्रीय चुनाव आयोग देता है और आयोग ने अभी इस मामले में राहुल गांधी या कांग्रेस पार्टी को कोई भी नोटिस नहीं दिया है, क्योंकि किसी भी तरह का आचार संहिता का उल्लंघन हुआ ही नहीं है।' सिंह से पूछा गया कि क्या चुनाव आयोग कांग्रेस के खिलाफ कुछ ज्यादा आक्रामक तेवर दिखा रहा है, तो उन्होंने कहा कि कांग्रेस को आयोग के कार्यकलाप पर कोई आपत्ति नहीं है। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी चुनाव आयोग का सम्मान करती है और वह तो आयोग के अधिकारों को और बढ़ाकर उसे अधिक मजबूत करना चाहती है। उन्होंने कहा लेकिन चुनाव आयोग को कांग्रेस के साथ-साथ अन्य पार्टियों एसपी, बीएसपी और बीजेपी को भी देखना चाहिए कि वे उत्तर प्रदेश में क्या कर रही हैं। सोमवार को रोड शो के बाद कानपुर जिला प्रशासन ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी, इस रोड शो के आयोजक शहर कांग्रेस के अध्यक्ष महेश दीक्षित और 40 अन्य के खिलाफ कैंट पुलिस स्टेशन में धारा-144 का उल्लंघन करने के लिए आईपीसी की धारा-188, 283 और 290 के तहत मामला दर्ज कराया था।
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में विधानसभा के चुनाव चल रहे हैं। चुनाव प्रचार के दौरान हाल ही केंद्रीय कानून मंत्री सलमान खुर्शीद के बयान को आचार संहिता का उल्लंघन माना गया। आयोग ने कानून मंत्री को नोटिस भी भेजा। मामला महामहिम राष्ट्रपति से होते हुए पीएमओ तक पहुंच गया। फिर इसके बाद आयोग ने लगभग उसी तरह के बयान पर एक और केंद्रीय मंत्री को आचार संहिता के उल्लंघन मामले में नोटिस भेजा।गौरतलब है कि आदर्श चुनाव आचार संहिता को कानूनी आधार देने को लेकर पहले भी मांग उठती रही है। 2001 में सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की सुनवाई में कहा था कि आयोग को आचार संहिता लागू करने का हक है, लेकिन चुनाव की घोषणा अधिसूचना जारी किए जाने की तिथि से तीन सप्ताह पहले की जानी चाहिए, उससे ज्यादा पहले नहीं। वहीं, बीजेपी नेता मुख्तार अब्बास नकवी का कहना है कि आदर्श चुनाव आचार संहिता का पालन होना चाहिए। चुनाव लोकतंत्र का पर्व है। अगर आचार संहिता में सुधार करने की जरूरत हो तो इसको करना चाहिए। बीजेपी विपक्ष में हैं। लेकिन कोई रोड शो करता है तो उसके विरोध में नहीं।
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