Sunday, December 25, 2011

चुनावों की तारीख में कोई बदलाव नहीं होगा ... कुरैशी , मुख्या चुनाव आयुक्त

मुख्य चुनाव आयुक्त एसवाई कुरैशी ने पांच राज्यों के लिए घोषित विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम में किसी बदलाव से इनकार कर दिया है. कुरैशी उत्तराखंड के मुख्यमंत्री बीसी खंडूरी द्वारा चुनाव कार्यक्रम पर उठाए गए सवालों को ध्यान में रखकर बदलाव की संभावना से जुड़े सवालों का जवाब दे रहे थे. खंडूरी ने जनवरी में उत्तराखंड में बारिश और बर्फबारी से चुनाव पर असर पड़ने की आशंका जताई थी.
कुरैशी ने कहा कि चुनाव कार्यक्रम को अंतिम रूप देने से पहले कई विषयों को ध्यान में रखा गया. पांच राज्यों के लिए चुनाव तारीखें घोषित करने के एक दिन बाद उन्होंने कहा, ‘घोषित हो चुकीं तारीखों में बदलाव का कोई सवाल नहीं है. हमने सभी बातों को ध्यान में रखा है.’उत्तराखंड के मुख्यमंत्री की आपत्तियों पर कुरैशी ने कहा कि इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि फरवरी में बारिश या बर्फबारी नहीं होगी. उन्होंने कहा, ‘हम परीक्षाओं की वजह से मार्च को नहीं छूते हैं. फरवरी के दूसरे पक्ष में पहले के मुकाबले ज्यादा बर्फबारी होती है.’सीईसी ने कहा कि अगर कोई प्राकृतिक आपदा या कोई और मामला होता है तो चुनाव कार्यक्रम में बदलाव हो सकता है.
बहुजन समाज पार्टी ने आधिकारिक रूप से चुनाव कार्यक्रम पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है लेकिन माना जा रहा है कि उत्तर प्रदेश की सत्तारूढ पार्टी को फरवरी में चुनाव को लेकर आपत्ति है. चूंकि राज्य विधानसभा का कार्यकाल अगले साल 20 मई को पूरा होगा. कुरैशी ने स्वीकार किया कि ऐसी अटकलें हैं कि उत्तर प्रदेश में चुनाव तारीखों को लेकर आपत्ति है.उन्होंने कहा, ‘हमारे पास एक महीने के अंदर बदलाव का विकल्प है और हम विशेष मतदान केन्द्रों के लिए चुनाव तारीखें तय कर सकते हैं.’ इससे पहले आयुक्त ने शनिवार को उत्तर प्रदेश में सत्तारूढ पार्टी को आश्चर्यचकित कर दिया था, जहां सरकार ने जल्दी चुनाव के लिए परीक्षाएं पहले आयोजित कराने की योजना बनाई थी. कहा जा रहा है कि बसपा अप्रैल में चुनाव कराने के पक्ष में थी.उन्होंने कहा, ‘निश्चित रूप से यह अटकल है. उन्होंने ऐसा (सरकार या सत्तारूढ पार्टी) बिल्कुल भी नहीं कहा है. संभवत: वे संवेदनशील हैं और वे समझते हैं.’उत्तराखंड, पंजाब और मणिपुर की विधानसभाओं का कार्यकाल क्रमश: 12, 14 और 15 मार्च को समाप्त हो रहा है जबकि गोवा विधानसभा का कार्यकाल 14 जून को पूरा होगा. कुरैशी ने कहा कि जिसे भी थोड़ा बहुत पता है, वे समझेंगे कि जिन राज्यों में आस-पास चुनाव होने वाले थे, आयोग ने इन राज्यों के चुनाव को एक साथ आयोजित किया है.उन्होंने कहा, ‘हमें मार्च तक चुनाव संपन्न करना है. इसमें कोई रहस्य या विज्ञान नहीं छुपा है. यह बहुत सामान्य है. किसी अटकल की जरूरत नहीं है.’



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