Monday, March 19, 2012


  अनशन पर डटे स्वामी सानंद का जहाज में बैठने से इन्कार
नई दिल्‍ली. गंगा नदी पर बांध बनाए जाने की विरोध में अन्‍न, जल त्‍याग करने वाले स्‍वामी ज्ञानस्वरूप सानंद की हालत बेहद खराब हो गई है। वाराणसी के अस्‍पताल में इलाज कराने से मना करने के बाद स्‍वामी को नई दिल्‍ली के एम्‍स अस्‍पताल में भर्ती कराने की तैयारी है। उन्‍हें एयर एम्‍बुलेंसके जरिये वाराणसी से नई दिल्‍ली लाया जा रहा है लेकिन वह एयरपोर्ट पर ही घंटों से अड़े हुए हैं। पर्यावरण वैज्ञानिक और आईआईटी कानपुर में प्रोफेसर रहे 77 साल के जी डी अग्रवाल उर्फ स्‍वामी सानंद की हालत बिगड़ने के बाद उन्‍हें वाराणसी स्थित शिवप्रसाद गुप्‍त अस्‍तपाल में भर्ती कराना पड़ा था लेकिन उन्‍होंने डिप निकाल दिया। स्वामी जी के स्वास्थ्य की जांच की गई तो उनका स्वास्थ्य सामान्य से काफी निम्नतम स्तर पर पाया गया। ब्लड प्रेशर174/77, पल्स रेट 81 और वजन घट कर 47.5 किलो पहुंच गया है। सीने में भी कुछ दिक्कतें पाई गईं लिहाजा उन्‍हें आईसीयू में शिफ्ट करने की जरूरत पड़ी।उन्‍हें रविवार को बीएचयू अस्‍पताल के आईसीयू में शिफ्ट किया गया। लेकिन उन्‍होंने वहां भी इलाज कराने से मना कर दिया। बीएचयू में पुलिस प्रशासन की मौजूदगी के बीच स्वामीजी की इच्छा के खिलाफ फिर से डिप लगा कर उनका उपचार शुरू किया गया। लेकिन हालत बिगड़ने के बाद एम्‍स लाने की तैयारी हुई।स्‍वामी सानंद को आमरण अनशन पर बैठे हुए एक महीने से अधिक का वक्‍त हो गया है। पहले उन्‍होंने अन्‍न का त्‍याग किया फिर 9 मार्च को उन्‍हें पानी पीना भी छोड़ दिया। स्‍वामी सानंद बीते तीन सालों में तीसरी बार अनशन पर बैठे हैं। उनकी जिद है कि जब तक केंद्र सरकार गंगा पर बांध नहीं बनाए जाने के बारे में सरकार को कोई ठोस फैसला नहीं लेती, तब तक वह अन्‍न-जल ग्रहण नहीं करेंगे। पीएम मनमोहन सिंह के दूत के तौर पर केंद्रीय मंत्री श्रीप्रकाश जायसवाल भी हाल में स्‍वामी सानंद से मिले लेकिन बैठक में कोई नतीजा नहीं निकल सका और गतिरोध जारी है। गौरतलब है कि श्रीप्रकाश जायसवाल नेशनल गंगा रिवर बेसिन अथॉरिटी के चेयरमैन भी हैं।   
 

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