Friday, March 23, 2012


'पीएम ने बुलाई लोकपाल पर एक सर्वदलीय बैठक'
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की लोकपाल विधेयक पर चर्चा के लिए आज बुलाई गई सर्वदलीय बैठक चल रही है। बैठक में राज्यसभा के सभी पार्टियों के सांसद शिरकत कर रहे हैं। बिल लोकसभा से पास हो चुका है और राज्यसभा में इस पर बहस हो चुकी है। ये बैठक राजनीतिक दलों में आपसी सहमति बनाने के लिए हो रही है। ये सर्वदलीय बैठक 7आरसीआर पर चल रही है। उन्होंने बैठक में कहा कि हमारी सरकार कारगर लोकपाल कानून बनाएगी। बैठक में बीजेपी सांसद अरुण जेटली, बीएसपी सांसद सतीश चंद्र मिश्र, वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी, गृह मंत्री पी. चिदंबरम, एचआरडी मंत्री कपिल सिब्बल, एलजेपी प्रमुख रामविलास पासवान, वाम दल के सीताराम येचुरी, कानून मंत्री सलमान खुर्शीद, एनसीपी के तारीक अनवर मौजूद हैं। गौरतलब है कि बीजेपी ने सरकार पर इस मसले पर गंभीर नहीं होने का आरोप लगाया है तो कांग्रेस इसे आम सहमति बनाने की कोशिश कह रही है। सरकार पहले भी इस मुद्दे पर दो बार सर्वदलीय बैठक बुला चुकी है, लेकिन नतीजा सिफर ही रहा है। इन बैठकों के बाद भी सरकार राज्यसभा में इस बिल को पास नहीं करवा पाई। खासतौर पर सीबीआई की स्वायत्तता, लोकपाल को हटाने का प्रावधान, राज्य में लोकायुक्तों की नियुक्ति को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच सहमति नहीं बन पाई। हालांकि लोकायुक्तों की नियुक्ती के प्रावधान पर विपक्ष एकमत है और उसका कहना कि केन्द्र सरकार, राज्यों के अधिकार का हनन कर रही है यानि लोकसभा और फिर राज्यसभा में संशोधनों पर पार्टियों का रुख साफ हो चुका है। अगर सरकार राज्यसभा में बिल पास करवाने के लिए कोई बीच का रास्ता अपनाना चाहती है तो वो सदन में भी हो सकता है। सरकार राज्यसभा में अल्पमत में है और आरोप है कि पिछली बार संशोधनों पर वोट करवाने से पहले ही सदन के भीतर हंगामा हो गया। वैसे, सरकार का तर्क है कि बैठक का असली मकसद बिल पर आए संशोधनों पर ही चर्चा करना है। राज्यसभा में बिल पर हुई चर्चा के दौरान 187 संशोधन आए थे।
माना जा रहा है कि अन्ना हजारे और बाबा रामदेव के एक मंच पर आने के बाद सरकार हरकत में आने को मजबूर हुई है।

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