Monday, March 19, 2012


  'त्रिवेदी मुद्दे पर विपक्ष ने सरकार को घेरा'
नई दिल्ली. दिनेश त्रिवेदी का रेल मंत्री के तौर पर इस्तीफा देने का मामला अभी ठंडा नहीं पड़ा है। सोमवार को त्रिवेदी के इस्तीफे को लेकर लोकसभा में हंगामे के बाद केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी ने कहा है कि प्रधानमंत्री को रविवार रात त्रिवेदी का इस्तीफा मिला है। सोमवार को रेल मंत्रालय से जुड़े सवालों के जवाब केंद्रीय वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी देंगे। इससे पहले लोकसभा में विपक्ष ने सरकार पर हमला बोलते हुए कहा कि सत्ता पक्ष त्रिवेदी के इस्तीफे पर अपना रुख साफ करे। विपक्ष ने प्रणब मुखर्जी पर पिछले हफ्ते सदन को गलत जानकारी देने का भी आरोप लगाया। मुख्य विपक्षी दल बीजेपी ने मांग रखी कि प्रधानमंत्री संसद को उन घटनाओं का सिलसिलेवार ब्योरा दें, जिसके तहत त्रिवेदी को इस्तीफा देना पड़ा। लोकसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए बीजेपी के नेता यशवंत सिन्हा ने कहा, 'प्रधानमंत्री कैबिनेट का मुखिया होता है। उनके पास किसी को भी मंत्रालय सौंपने का अधिकार होता है। लेकिन उनकी यह जिम्मेदारी भी बनती है कि वह संसद में भी जानकारी साझा करें। हम लोगों को सभी चीजें अखबारों के जरिए मालूम चल रही हैं। त्रिवेदी खुद संसद में मौजूद हैं, उन्हें भी अपनी स्थिति सदन में स्पष्ट करनी चाहिए। वामदलों की ओर से गुरुदास दासगुप्ता ने इस मुद्दे पर कहा, 'पर्दे के पीछे ड्रामा चल रहा है। संसद का सत्र जारी है और हमें यह नहीं मालूम है कि क्या हो रहा है।' वहीं, राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव ने इस मुद्दे पर कहा, 'विचित्र है, विचित्र है।' दूसरी तरफ, रविवार रात दिल्ली पहुंचीं ममता बनर्जी सोमवार को तृणमूल के सभी सांसदों के साथ बैठक करेंगी। इसमें दिनेश त्रिवेदी भी शामिल होंगे। इस बैठक से पहले ही त्रिवेदी ने खुद को तृणमूल का अनुशासित 'सिपाही' बताकर अपना रुख नरम कर लिया है। माना जा रहा है कि इस बैठक में त्रिवेदी को लेकर पार्टी के भीतर चल रही कशमकश पर मंथन होगा। जहां तृणमूल संसदीय दल के नेता सुदीप बंदोपाध्याय के नेतृत्व में पार्टी का एक बड़ा धड़ा त्रिवेदी पर अनुशासनात्मक कार्रवाई चाहता है वहीं, कबीर सुमन जैसे नेता त्रिवेदी का समर्थन कर रहे हैं। कबीर सुमन ने बीते शनिवार को दिनेश का समर्थन करते हुए ममता बनर्जी को यह नसीहत दे दी थी कि उन्हें सरकार को काम करने का मौका देना चाहिए। उन्होंने कहा था, 'काश वे (ममता)  भारत सरकार को मौका देतीं। अगर वे कोलकाता से चीजें तय करने की कोशिश करेंगी तो यह अजीब होगा।गौरतलब है कि बैरकपुर से लोकसभा सांसद दिनेश त्रिवेदी ने रेल बजट में किराए में बढ़ोतरी का ऐलान किया था। लेकिन उनके इस फैसले का उनकी ही पार्टी के नेताओं ने विरोध करना शुरू कर दिया था। पार्टी सुप्रीमो ममता बनर्जी के अलावा भी कई नेताओं ने त्रिवेदी को रेल मंत्री के पद से हटाने की मांग शुरू कर दी थी, जिसके बाद रविवार को खुद त्रिवेदी ने इस्तीफा देने की बात मीडिया को बताई।   

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