Wednesday, March 21, 2012


'सरकारी स्कूलों को बताया नक्सलियों का शिविर'
जयपुर. आर्ट ऑफ लिविंग के प्रणेता श्रीश्री रविशंकर ने कहा है कि जिन प्रांतों में नक्सलवाद और हिंसा है, वहां आदर्श विद्यालय नहीं पहुंचे हैं। यदि ऐसी जगहों पर आदर्श विद्यालय खुल जाएं तो वहां कोई बच्चा उद्दंड नहीं होगा। आध्‍यात्मिक गुरु ने कहा, 'सरकार को कोई स्‍कूल नहीं चलाना चाहिए। ऐसे स्‍कूलों के बच्‍चे हिंसक और नक्‍सली स्‍वभाव के होते हैं। सरकारी स्कूलों में बच्चों में आदर्श की कमी है। सरकारी स्कूल बंद कर देने चाहिए।श्री श्री मंगलवार को यहां अंबाबाड़ी स्थित आदर्श विद्या मंदिर में आदर्श शिक्षा परिषद समिति के रजत जयंती समारोह में बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि यदि नींव मजबूत हो तो आदर्श भी मजबूत होते हैं। उन्होंने कहा कि जीवन की धारा के लिए लक्ष्य ही आदर्श की धारा है। यही आदर्श हमारे पूर्वजों ने हमें दे रखा है, जिसमें मजबूती हो। ऐसी शिक्षण संस्थाएं और बढ़नी चाहिए। इंसान में 25% संस्कार ईश्वर की देन होते हैं, 25% अध्यापक देता है, 25% माता-पिता और 25% दोस्तों द्वारा दिए होते हैं। जिनके पास विद्या है, उनका हर जगह सम्मान होता है।इससे पहले समारोह की शुरुआत सरस्वती वंदना से हुई। इस मौके पर भामाशाह राकेश खंडेलवाल, निरंजन लाल गुप्ता, रामावतार, रघुनाथ, राम निवास शर्मा, हनुमान प्रसाद, शंकरलाल खूंटेटा, श्याम लाल जींदगर और कबड्डी में अंतर्राष्ट्रीय स्वर्णपदक विजेता शालिनी पाठक को सम्मानित किया गया। समारोह में मुख्य अतिथि एआरजी ग्रुप के चेयरमैन आत्माराम गुप्ता, विशिष्ट अतिथि यतींद्र कुमार शर्मा, भारतीय शिक्षा समिति अध्यक्ष रामेश्वर प्रसाद खंडेलवाल व डॉ. बनवारी लाल नाटिया ने श्रीश्री का सम्मान किया।


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