'जागीर कोर का जलवा जेल मे भी बरकरार'
कपूरथला।। 5 साल कैद की सजा काटने जेल पहुंचीं पंजाब की पूर्व कैबिनेट मंत्री बीबी जागीर कौर के रसूख के सामने प्रशासन चरण वंदना करता नजर आया। पटियाला जेल से कपूरथला जेल में शिफ्ट होने के लिए वह अपनी निजी गाड़ी से गईं। कपूरथला जेल पहुंचते ही पुलिसवालों में उनके पैर छूने की प्रतिस्पर्धा जैसी शुरू हो गई। पुलिसवाले यह भी भूल गए कि जागीर कौर वहां पर एक अपराधी की हैसियत से गई हैं और वे खुद वर्दी पहने हुए हैं। शुक्रवार को स्पेशल सीबीआई कोर्ट ने जागीर कौर को 5 साल की सजा सुनाई। उन्हें अपनी बेटी हरप्रीत कौर के जबरन अबॉर्शन, अपहरण और उन्हें बंधक बनाकर रखने का दोषी पाया गया, हालांकि जागीर कौर को हत्या के आरोप से बरी कर दिया गया। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (एसजीपीसी) की अध्यक्ष रह चुकीं जागीर पर अदालत ने 5 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया। इस मामले में 3 और लोगों - कौर धेसी, परमजीत सिंह और निशान सिंह - को आपराधिक साजिश रचने का दोषी पाया गया। तीनों पर 5-5 हजार रुपये का जुर्माना लगाया गया। एक और आरोपी सत्या देवी को सभी इल्जामों से बरी कर दिया गया, जबकि संजीव कुमार की सुनवाई के दौरान मौत हो गई थी। हरप्रीत की मौत 12 साल पहले रहस्यमयी परिस्थितियों में हुई थी। 20-21 अप्रैल 2000 की रात हरप्रीत को फगवाड़ा से लुधियाना के क्रिस्चन मेडिकल कॉलेज ऐंड हॉस्पिटल लाया जा रहा था। रास्ते में ही रहस्यमयी हालात में उनकी मौत हो गई थी। हरप्रीत की लाश का पोस्टमॉर्टम नहीं कराया गया। इसके पीछे यह वजह बताई गई कि उनकी मौत बुखार, उलटी और पानी की कमी के चलते हुई है। जल्दबाजी में 21 अप्रैल 2000 को कपूरथला स्थित बेगोवाल गांव में हरप्रीत का अंतिम संस्कार कर दिया गया। हरप्रीत की मौत के कुछ दिन बाद बेगोवाल निवासी कमलजीत सिंह ने हरप्रीत के पति होने का दावा किया। कमलजीत सिंह ने यह भी कहा कि वह अजन्मे बच्चे के पिता हैं। 27 अप्रैल 2000 को वह पंजाब और हरियाणा हाई कोर्ट गए। 9 जून 2000 को हाई कोर्ट ने सीबीआई को मामले की जांच का आदेश दिया था।
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