ममता के आगे फिर झुकी सरकार बढा किराया लिया वापस
आखिरकार ममता बनर्जी की जिद के सामनेसरकार झुक ही गई। ममता के भरोसेमंद और सरकार केनए रेलमंत्री मुकुल रॉय ने लोकसभा में रेल बजट पर बहसके दौरान लोकल , जनरल, स्लीपर और थर्ड एसी केकिरायों में प्रस्तावित बढ़ोतरी वापस लेने की घोषणा की।अब सिर्फ फर्स्ट और सेकंड एसी के किरायों में बढ़ोतरीहोगी। पहले सेजो अनुमान लगाया जा रहा था, वही हुआ। रेलबजट 2012-13 पर लोकसभा में हुई चर्चा के जवाब मेंरॉय ने जनरल , लोकल , स्लीपर , एसी चेयरकार औरएसी -3 के किरायों में प्रस्तावित बढ़ोतरी को वापस लेनेकी घोषणा की। उन्होंने कहा कि इन श्रेणियों का उपयोगदेश के गरीब और मिडिल क्लास के लोग करते हैं। भाड़ाबढ़ने से उनके ऊपर आर्थिक बोझ बढ़ जाएगा। हम इनसभी श्रेणियों में भाड़ा बढ़ोतरी वापस लेते हैं। साथ हीउन्होंने कहा कि फर्स्ट और सेकंड एसी का उपयोग समाजका संपन्न तबका करता है , जो बढ़े हुए भाड़े का बोझ झेलने में सक्षम है , ऐसे में इन श्रेणियों के बढ़े हुए भाड़े कोवापस लेने की जरूरत नहीं। रेल मंत्री ने रेलवे के लिए संसाधन जुटाने के उद्देश्य सेआक्रामक अभियान चलाने की बात कही। साथ ही कहा किरेलवे स्टेशनों एवं ट्रेनों में सुरक्षा तथा साफ सफाई कोएजेंडे में शीर्ष पर रखा जाएगा। गौरतलब है कि इस रेल बजट को पूर्व रेल मंत्री दिनेश त्रिवेदी ने पेश किया था , जिसमें सभी श्रेणियों के यात्रीकिरायों में बढ़ोतरी का प्रस्ताव किया गया था। तृणमूल कांग्रेस ने इस बढ़ोतरी का विरोध किया था और तृणमूलप्रमुख ममता बनर्जी के दबाव में त्रिवेदी को रेल मंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। रेल बजट पर चर्चा कीशुरुआत के दिन 20 मार्च की सुबह ही नए रेल मंत्री के रूप में रॉय को शपथ दिलाई गई और उन्होंने ही चर्चा काजवाब दिया। इस मुद्दे पर जानकारों का कहना है कि किराया वापस लेने से होने वाले नुकसान की भरपाई सरकार करे औरबजटीय सहायता को 24 हजार करोड़ से बढ़ाकर 27 हजार करोड़ करे। उनका कहना है कि अगर सरकार ऐसानहीं करती है तो किसी योजना के लिए तय राशि में से कटौती करनी होगी। ऐसा भी हो सकता है कि इसके चलते कोई नई परियोजना रोकी जाए या फिर किसी का काम रोका जाए।
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