Saturday, March 31, 2012


पाकिस्तान बजाय भारत पर जता रहा है 'अमेरिका भरोसा'
वॉशिंगटन. पाकिस्तान से परेशान अमेरिका अब भारत का सीधे तौर पर इस्तेमाल करने की योजना पर विचार कर रहा है। अफगानिस्तान में आतंक के खिलाफ युद्ध में जुटे नाटो सैनिकों के लिए रसद पहुंचाने का काम बारास्ता पाकिस्तान होता रहा है। लेकिन पिछले कई महीनों से पाकिस्तान में अमेरिकी विरोध की आवाज़ें तेज होने के कारण कई रूट बंद कर दिए गए हैं। पाकिस्तान की संसदीय समिति रास्ता खोलने पर विचार कर रही है। लेकिन इसमें लग रहे समय से अमेरिका की बेचैनी बढ़ती जा रही है। यही वजह है कि अमेरिका के रणनीतिकार भारत के रास्ते अफगानिस्तान में रसद पहुंचाने की योजना पर भी विचार कर रहे हैं। अमेरिकी फौज के एक जनरल लेफ्टिनेंट जनरल फ्रैंक पैंटर ने अमेरिका संसद की समिति को बताया है कि अगर पाकिस्तान नाटो की गाड़ियों के लिए अपने रास्ते नहीं खोलता है तो उनके देश को भारत और नॉर्दर्न डिस्ट्रिब्यूशन नेटवर्क पर निर्भर रहना होगा। हालांकि, जनरल ने यह भी कहा कि ये दोनों विकल्प काफी महंगे साबित होंगे।  लेकिन सवाल यह है कि क्या भारत अपनी जमीन का इस्तेमाल अमेरिका के आतंक विरोधी युद्ध के लिए करने देगा? यह सवाल इसलिए उठ रहा है कि 2001 में अमेरिका पर हुए आतंकवादी हमले के बाद अफगानिस्तान में जंग शुरू होने पर भारत ने अमेरिका को सार्वभौमिकता का हवाला देते हुए अपनी जमीन के इस्तेमाल से दो टूक मना कर दिया था। तब अमेरिका भारत की हवाई पट्टियों का इस्तेमाल करना चाहता था। गौरतलब है कि पिछले साल नवंबर में अमेरिकी सैनिकों के ऑपरेशन में 24 पाकिस्तानी सैनिकों की मौत के बाद पाकिस्तान में अमेरिका का जबर्दस्त विरोध शुरू हो गया था। इस कार्रवाई से नाराज पाकिस्तान सरकार ने नाटो के सप्लाई रूट बंद कर दिया था।

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