'ऋषि का डबल गेम टैट्रा को भी लगाया चूना'
मुंबई/नई दिल्ली. आर्मी चीफ रिश्वत मामले में सीबीआई ने ट्रक आपूर्ति करने वाली कंपनी वैक्ट्रा समूह के चेयरमैन और एनआरआई व्यापारी रविंद्र कुमार ऋषि को समन जारी कर पूछताछ के लिए बुलाया है। रवि ऋषि भारतीय मूल के ब्रिटिश हैं। टैट्रा कंपनी पर मालिकाना हक वैक्ट्रा समूह का ही है। पिछले कुछ दिनों ने यह व्यापारी टैट्रा डील में किसी तरह की गड़बड़ी से इनकार करता रहा है लेकिन ‘डीएनए’ के पास इस व्यापारी के खिलाफ पिछले साल चेक गणराज्य में दर्ज हुए आपराधिक मुकदमे की कॉपी मौजूद है।शिकायत में आरोप लगाया गया है कि रवि ने टैट्रा चेक (टैट्रा ट्रकों के लिए उपकरण बनाने वाली मूल कंपनी) के बोर्ड में रहते हुए अपने पद का दुरुपयोग किया जिससे टैट्रा सिपॉक्स (यूके) लिमिटेड अनफिट पाए गए ट्रकों को लागत मूल्य से कम दर पर बेच सके। इसके बाद टैट्रा सिपॉक्स ने मुनाफे पर भारत की बीईएमएल को ये ट्रक बेच दिए। इस वजह से टैट्रा चेक को भारी घाटा (270 मिलियन चेक मुद्रा) हुआ क्योंकि ट्रकों की बिक्री से मुनाफा तो रवि की कंपनी को हो रहा था। सिपॉक्स को 1994 में रवि की कंपनी वेक्ट्रा ग्रुप का हिस्सा बना लिया गया था। आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने सीबीआई को लिखित शिकायत सौंप दी है। जनरल सिंह ने इस शिकायत में रिश्वत के मामले का ब्योरा दिया है, मगर रिश्वत की रकम का जिक्र नहीं किया है। सीबीआई ने इस मामले में सेना, रक्षा मंत्रालय, बीईएमएल और यूके की टैट्रा सिपॉक्स कंपनी के अज्ञात अधिकारियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सीबीआई की एफआईआर के मुताबिक इस मामले में 13.27 करोड़ का चूना लगा है। सीबीआई ने शुक्रवार को दिल्ली और बेंगलुरू के चार स्थानों पर छापे मारे। इस बीच, लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह सुहाग को सीबीआई ने क्लीन चिट दे दी है। सूत्रों के मुताबिक, लेफ्टिनेंट जनरल दलबीर सिंह के खिलाफ तृणमूल सांसद अंबिका चौधरी की शिकायत की कैबिनेट सचिवालय पहले ही जांच कर चुका है। कैबिनेट सचिवालय की जांच में सांसद के आरोपों में तथ्य नहीं पाए गए थे। सूत्रों के मुताबिक सीबीआई ने सिर्फ जांच का हवाला देते हुए दलबीर सिंह के खिलाफ जांच बंद कर दी। आर्मी चीफ ने तृणमूल सांसद की शिकायत सीबीआई को बढ़ाई थी।
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