'रामदेव ने जनरल वीके सिंह को दिया साथ आने का निमंत्रण'
नई दिल्ली.योग गुरु बाबा रामदेव ने सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को न्योता देते हुए कहा है कि रिटायर होने के बाद वे उनके साथ काले धन और भ्रष्टाचार की लड़ाई लड़ें। पटना में अपने उत्पादों को लॉन्च करते हुए योग गुरु ने मीडिया से कहा, 'मैं सेना प्रमुख को आमंत्रित करता हूं कि वे नौकरी पूरी करने के बाद मेरे अभियान में शामिल हों।'
बाबा रामदेव ने कहा कि जो लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं, वे उनके अभियान को मजबूती देंगे। तनाव और चिंता से छुटकारा पाने के लिए बाबा रामदेव ने जनरल को योग शिविर में भी हिस्सा लेने की सलाह दी। दूसरी तरफ, सेना की दो टुकड़ियों के दिल्ली की ओर कूच करने की खबर पर आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने पहली बार आज मुंह खोला है। नेपाल दौरे पर गए जनरल ने अखबार में छपी खबर पर एक दिन बाद प्रतिक्रिया देते हुए इस रिपोर्ट को 'स्टुपिड' करार दिया है। सेना प्रमुख ने कहा कि सरकार और सेना पर कीचड़ उछालने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस खबर के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इस बीच, 16-17 जनवरी की रात कथित तौर पर सेना की दो टुकड़ियों के दिल्ली की ओर आने से केंद्र सरकार में मची खलबली की खबर के मास्टर माइंड सरकार में ही शामिल एक मंत्री हैं। अंग्रेजी अखबार 'द संडे गार्जियन' ने सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है।अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि मंत्री अपने करीबी रिश्तेदार के जरिए रक्षा से जुड़े सामानों की खरीद फरोख्त करने वाली लॉबी से जुड़े हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये लॉबी सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के खिलाफ है।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'बुधवार को छपी खबर के पीछे भी यही मंत्री है। मंत्री को उम्मीद थी कि खबर छपने के बाद राजनीतिक बिरादरी जनरल वीके सिंह के खिलाफ हो जाएगी। साथ ही खबर से यह उम्मीद भी थी कि राजनीतिक बिरादरी पाकिस्तान जैसे हालात बनने की आशंका को देखते हुए एकजुट हो जाएंगे।' लेकिन अखबार ने आगे लिखा, 'सवालों के घेरे में मौजूद मंत्री ने प्रधानमंत्री और मनमोहन सिंह और रक्षा मंत्री की तरफ से आए जवाब को लेकर गलत अनुमान लगा लिया। मंत्री को लगता था कि सेना प्रमुख से तनावपूर्ण रिश्ते को देखते हुए प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री खबर पर टिप्पणी करने से इनकार कर देंगे। लेकिन वास्तविकता में दोनों सामने आए और खबर का पुरजोर खंडन किया।' दूसरी तरफ, बुधवार को सेना के दिल्ली कूच करने की खबर छापने वाले अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने गुरुवार को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रक्षा मामलों की संसदीय स्थायी समिति रक्षा सचिव की सफाई से संतुष्ट नहीं है। इस बीच, रक्षा मामलों की स्थायी समिति के दो सदस्यों-नरेश गुजराल और असादुद्दीन ओवेसी ने सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को तलब करने की मांग की है।
बाबा रामदेव ने कहा कि जो लोग भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ रहे हैं, वे उनके अभियान को मजबूती देंगे। तनाव और चिंता से छुटकारा पाने के लिए बाबा रामदेव ने जनरल को योग शिविर में भी हिस्सा लेने की सलाह दी। दूसरी तरफ, सेना की दो टुकड़ियों के दिल्ली की ओर कूच करने की खबर पर आर्मी चीफ जनरल वीके सिंह ने पहली बार आज मुंह खोला है। नेपाल दौरे पर गए जनरल ने अखबार में छपी खबर पर एक दिन बाद प्रतिक्रिया देते हुए इस रिपोर्ट को 'स्टुपिड' करार दिया है। सेना प्रमुख ने कहा कि सरकार और सेना पर कीचड़ उछालने की कोशिश हो रही है। उन्होंने कहा कि जो लोग इस खबर के लिए जिम्मेदार हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जानी चाहिए। इस बीच, 16-17 जनवरी की रात कथित तौर पर सेना की दो टुकड़ियों के दिल्ली की ओर आने से केंद्र सरकार में मची खलबली की खबर के मास्टर माइंड सरकार में ही शामिल एक मंत्री हैं। अंग्रेजी अखबार 'द संडे गार्जियन' ने सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है।अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि मंत्री अपने करीबी रिश्तेदार के जरिए रक्षा से जुड़े सामानों की खरीद फरोख्त करने वाली लॉबी से जुड़े हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये लॉबी सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के खिलाफ है।
रिपोर्ट में कहा गया है, 'बुधवार को छपी खबर के पीछे भी यही मंत्री है। मंत्री को उम्मीद थी कि खबर छपने के बाद राजनीतिक बिरादरी जनरल वीके सिंह के खिलाफ हो जाएगी। साथ ही खबर से यह उम्मीद भी थी कि राजनीतिक बिरादरी पाकिस्तान जैसे हालात बनने की आशंका को देखते हुए एकजुट हो जाएंगे।' लेकिन अखबार ने आगे लिखा, 'सवालों के घेरे में मौजूद मंत्री ने प्रधानमंत्री और मनमोहन सिंह और रक्षा मंत्री की तरफ से आए जवाब को लेकर गलत अनुमान लगा लिया। मंत्री को लगता था कि सेना प्रमुख से तनावपूर्ण रिश्ते को देखते हुए प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री खबर पर टिप्पणी करने से इनकार कर देंगे। लेकिन वास्तविकता में दोनों सामने आए और खबर का पुरजोर खंडन किया।' दूसरी तरफ, बुधवार को सेना के दिल्ली कूच करने की खबर छापने वाले अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने गुरुवार को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रक्षा मामलों की संसदीय स्थायी समिति रक्षा सचिव की सफाई से संतुष्ट नहीं है। इस बीच, रक्षा मामलों की स्थायी समिति के दो सदस्यों-नरेश गुजराल और असादुद्दीन ओवेसी ने सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को तलब करने की मांग की है।
नरेश गुजराल संसदीय समिति के अध्यक्ष सतपाल महाराज को चिट्ठी लिखने की तैयारी में हैं। इस चिट्ठी में गुजराल यह मांग कर सकते हैं कि जनरल सिंह से इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट पर सफाई मांगे जाने के अलावा देश की रक्षा तैयारियों पर प्रधानमंत्री को लिखी गई चिट्ठी के 'लीक' होने पर भी उनका पक्ष पूछा जाना चाहिए। बुधवार को संसदीय समिति के सामने पेश हुए रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा ने उन आरोपों का खंडन किया है जिसमें कहा जा रहा है कि सेना की दो टुकड़ियों के दिल्ली की तरफ आने को लेकर सरकार ने उन्हें मलेशिया दौरे को बीच में छोड़कर वापस आने को कहा था। शर्मा ने सफाई दी कि वे इसलिए भारत लौटे थे कि अगले दिन सेना प्रमुख के उम्र विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में सुना जाने वाला था।
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