'केन्द्रीय मंत्री के इशारे पर किया था सेना ने कूच'
नई दिल्ली. 16-17 जनवरी की रात कथित तौर पर सेना की दो टुकड़ियों के दिल्ली की ओर आने से केंद्र सरकार में मची खलबली की खबर के मास्टर माइंड सरकार में ही शामिल एक मंत्री हैं। अंग्रेजी अखबार 'द संडे गार्जियन' ने सूत्रों के हवाले से यह दावा किया है। अखबार ने सूत्रों के हवाले से दावा किया है कि मंत्री अपने करीबी रिश्तेदार के जरिए रक्षा से जुड़े सामानों की खरीद फरोख्त करने वाली लॉबी से जुड़े हुए हैं। रिपोर्ट में कहा गया है कि ये लॉबी सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह के खिलाफ है। रिपोर्ट में कहा गया है, 'बुधवार को छपी खबर के पीछे भी यही मंत्री है। मंत्री को उम्मीद थी कि खबर छपने के बाद राजनीतिक बिरादरी जनरल वीके सिंह के खिलाफ हो जाएगी। साथ ही खबर से यह उम्मीद भी थी कि राजनीतिक बिरादरी पाकिस्तान जैसे हालात बनने की आशंका को देखते हुए एकजुट हो जाएंगे।' लेकिन अखबार ने आगे लिखा, 'सवालों के घेरे में मौजूद मंत्री ने प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री की तरफ से आए जवाब को लेकर गलत अनुमान लगा लिया। मंत्री को लगता था कि सेना प्रमुख से तनावपूर्ण रिश्ते को देखते हुए प्रधानमंत्री और रक्षा मंत्री खबर पर टिप्पणी करने से इनकार कर देंगे। लेकिन वास्तविकता में दोनों सामने आए और खबर का पुरजोर खंडन किया।' दूसरी तरफ, बुधवार को सेना के दिल्ली कूच करने की खबर छापने वाले अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने गुरुवार को प्रकाशित अपनी रिपोर्ट में कहा है कि रक्षा मामलों की संसदीय स्थायी समिति रक्षा सचिव की सफाई से संतुष्ट नहीं है। इस बीच, रक्षा मामलों की स्थायी समिति के दो सदस्यों-नरेश गुजराल और असादुद्दीन ओवेसी ने सेना प्रमुख जनरल वीके सिंह को तलब करने की मांग की है। नरेश गुजराल संसदीय समिति के अध्यक्ष सतपाल महाराज को चिट्ठी लिखने की तैयारी में हैं। इस चिट्ठी में गुजराल यह मांग कर सकते हैं कि जनरल सिंह से इंडियन एक्सप्रेस में छपी रिपोर्ट पर सफाई मांगे जाने के अलावा देश की रक्षा तैयारियों पर प्रधानमंत्री को लिखी गई चिट्ठी के 'लीक' होने पर भी उनका पक्ष पूछा जाना चाहिए। बुधवार को संसदीय समिति के सामने पेश हुए रक्षा सचिव शशिकांत शर्मा ने उन आरोपों का खंडन किया है जिसमें कहा जा रहा है कि सेना की दो टुकड़ियों के दिल्ली की तरफ आने को लेकर सरकार ने उन्हें मलेशिया दौरे को बीच में छोड़कर वापस आने को कहा था। शर्मा ने सफाई दी कि वे इसलिए भारत लौटे थे कि अगले दिन सेना प्रमुख के उम्र विवाद का मामला सुप्रीम कोर्ट में सुना जाने वाला था। लेकिन शशिकांत शर्म बैठक के बाद संसदीय समिति के एक सदस्य ने कहा, 'वह (रक्षा सचिव) वकील नहीं है। ऐसे वापस लौटने का क्या मतलब है?' खबर में बताया गया है कि ओवेसी ने रक्षा सचिव और तीनों सेनाओं के उप प्रमुखों से पूछा कि अगर सेना की टुकड़ियों की मूवमेंट रूटीन थी तो उन्हें वापस क्यों भेजा गया? समिति में शामिल सदस्यों ने सेना और रक्षा मंत्रालय से संसदीय समिति की 9 अप्रैल की अगली बैठक में पूरे मामले पर सफाई मांगी है। समिति में शामिल एक कांग्रेसी सांसद ने कहा, 'हमने कई सवाल पूछे। लेकिन रक्षा सचिव ने कहा कि वह किसी अख़बार की खबरप्रतिक्रिया नहीं दे सकते हैं, लेकिन यह जवाब नहीं है।'
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