'निर्मल बाबा का सच्च सवाल पूछने पर देते थे दस हजार रूपयें'
नागपुर। अजीबोगरीब उपाय बता कर लोगों की किसी भी तरह की समस्याएं सुलझाने का दावा करने वाले निर्मल बाबा की मुसीबतें बढ़ती लग रही हैं। उनके खिलाफ जहां एक के बाद एक शिकायतें दर्ज हो रही हैं, वहीं अब उन्हें खुले आम चुनौती भी दी गई है। अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति का कहना है कि निर्मल बाबा दैविक शक्ति का दावा करके लोगों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। समिति ने निर्मल बाबा को भुजा हुआ पापड़ फोड़कर दिखाने की चुनौती दी है। यहां जारी बयान में समिति के कार्याध्यक्ष उमेश चौबे व हरीश देशमुख ने आरोप लगाया कि निर्मल बाबा का दैविक शक्ति का दावा खोखला, निराधार व धार्मिक प्रवृत्ति के कट्टरपंथी लोगों के लिए मानसिक रूप से गुमराह करने वाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीवी चैनलों पर नकली भक्तों को पेश कर बाबा अपनी वाहवाही कराते हैं। समागम में आनेवालों से मोटी रकम ली जाती है। समिति देवधर्म विरोधी नहीं है, लेकिन ढोंगियों को चुनौती देकर बेनकाब करती रही है। यदि बाबा के पास वास्तव में चमत्कारिक शक्तियां हैं, तो बाबा भुजा हुआ पापड़ फोड़ कर दिखा दें। समिति 15 लाख रु. से बाबा को पुरस्कृत करेगी। समिति ने टीवी चैनलों पर चल रहे इन विज्ञापनों पर पाबंदी लगाने की मांग केंद्र सरकार से की है।अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति का कहना है कि निर्मल बाबा दैविक शक्ति का दावा करके लोगों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। समिति ने निर्मल बाबा को भुजा हुआ पापड़ फोड़कर दिखाने की चुनौती दी है। यहां जारी बयान में समिति के कार्याध्यक्ष उमेश चौबे व हरीश देशमुख ने आरोप लगाया कि निर्मल बाबा का दैविक शक्ति का दावा खोखला, निराधार व धार्मिक प्रवृत्ति के कट्टरपंथी लोगों के लिए मानसिक रूप से गुमराह करने वाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीवी चैनलों पर नकली भक्तों को पेश कर बाबा अपनी वाहवाही कराते हैं। समागम में आनेवालों से मोटी रकम ली जाती है। समिति देवधर्म विरोधी नहीं है, लेकिन ढोंगियों को चुनौती देकर बेनकाब करती रही है। यदि बाबा के पास वास्तव में चमत्कारिक शक्तियां हैं, तो बाबा भुजा हुआ पापड़ फोड़ कर दिखा दें। समिति 15 लाख रु. से बाबा को पुरस्कृत करेगी। समिति ने टीवी चैनलों पर चल रहे इन विज्ञापनों पर पाबंदी लगाने की मांग केंद्र सरकार से की है।उधर, लखनऊ और रायपुर में बाबा के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई गई है। रायपुर के डीडी नगर थाने में दर्ज शिकायत में टीवी चैनलों में दिखाए जा रहे 'थर्ड आई निर्मल बाबा' कार्यक्रम में लोगों की समस्याओं का समाधान करने का दावा करने वाले निर्मल बाबा पर पाखंडी होने का आरोप लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि बाबा लोगों को अनर्गल उपाय बतलाकर उनके साथ धोखाधड़ी करके फीस के रूप में मोटी रकम वसूलते हैं। बाबा के बताए उपाय खोखले और भोलेभाले लोगों को गुमराह करने वाले हैं।शिकायत दर्ज कराने वाले रविशंकर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष योगेन्द्र शंकर शुक्ला ने प्रेस वार्ता कर कहा कि चैनलों में निर्मल बाबा को ईश्वर का अवतार व दुखों का हरण करने वाले बाबा के रूप में प्रचारित किया जा रहा है। वे लोगों को बताते हैं कि समस्याएं सुलझाने के लिए भजिया, समोसा खाएं या महंगे जूते पहने, महंगा पर्स जेब में रखें या नोटों की गड्डी तिजोरी में रखें। घर में शिवलिंग न रखें। ऐसे ही अनेक उपाय पूर्ण रूप से खोखले हैं और इनसे समस्या का समाधान नहीं होता बल्कि लोगों में अंधविश्वास जैसी भावना पनपती है। उन्होंने कहा कि शिवलिंग को घर में न रखने की सलाह से उनकी धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है। वे बरसों से शंकर के भक्त हैं और उनके जैसे अनेक लोग आहत हुए हैं। लखनऊ के गोमती नगर थाने में भी ऐसी ही शिकायत दर्ज हुई है।
उधर, कई टीवी सीरियल में काम कर चुकी जूनियर आर्टिस्ट निधि के हवाले से भी मीडिया में खबर आई है कि निर्मल बाबा प्रारंभिक दिनों में ठगी का धंधा चमकाने के लिए ठग नोएडा की फिल्म सिटी स्थित एक स्टूडियो में अपने प्रोग्राम की शूटिंग करवाते थे। उसमें बाबा के सामने जो लोग अपनी समस्या हल होने का दावा करते थे, वे लोग असली न होकर जूनियर आर्टिस्ट हुआ करते थे। निधि ने बताया कि उन जूनियर आर्टिस्टों की लिस्ट में उसका भी नाम था।निधि का कहना है कि निर्मल बाबा सवाल पूछने के लिये उसे 10 हजार रुपये देते थे। बाबा की पोल खोलते हुए निधि कहती हैं कि शुरू के दो महीने तक निर्मल बाबा ने अपने ही आदमियों और जूनियर आर्टिस्टों से प्रश्न पुछवाया।
उधर, कई टीवी सीरियल में काम कर चुकी जूनियर आर्टिस्ट निधि के हवाले से भी मीडिया में खबर आई है कि निर्मल बाबा प्रारंभिक दिनों में ठगी का धंधा चमकाने के लिए ठग नोएडा की फिल्म सिटी स्थित एक स्टूडियो में अपने प्रोग्राम की शूटिंग करवाते थे। उसमें बाबा के सामने जो लोग अपनी समस्या हल होने का दावा करते थे, वे लोग असली न होकर जूनियर आर्टिस्ट हुआ करते थे। निधि ने बताया कि उन जूनियर आर्टिस्टों की लिस्ट में उसका भी नाम था।निधि का कहना है कि निर्मल बाबा सवाल पूछने के लिये उसे 10 हजार रुपये देते थे। बाबा की पोल खोलते हुए निधि कहती हैं कि शुरू के दो महीने तक निर्मल बाबा ने अपने ही आदमियों और जूनियर आर्टिस्टों से प्रश्न पुछवाया।
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