'बंगारू लक्ष्मण घूस मामले में दोषी करार'
सीबीबाई की विशेष अदालत ने घूस मामले में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय
अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को दोषी करार दिया है। लक्ष्मण पर एक लाख रुपए घूस लेने का
आरोप था। सजा का ऐलान शनिवार को किया जाएगा। यह मामला साल 2001 में तहलका न्यूज पोर्टल की ओर से किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा है। इस
स्टिंग ऑपरेशन में लक्ष्मण को हथियारों के सौदागरों के हथियारों की सिफारिश करने
के लिए धन लेते हुए दिखाया गया था।दरअसल सौदागरों के तौर पर उनसे मिले पत्रकारों ने मुलाकात की थी जो
रक्षा मंत्रालय की ओर से की जाने वाली सेना के हथियारों की खरीद-फरोख्त के संबंध
में मिले थे। इस पोर्टल ने 13 मई, 2001 को स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी किया था।इससे पहले रोहिणी अदालत ने आईपीसी की धारा-9 भ्रष्टाचार
निरोधक कानून-1988 के तहत आरोप तय कर दिए थे। रोहिणी अदालत
स्थित विशेष सीबीआई जज विनोद कुमार ने फैसले में कहा कि आरोपी पर मुकदमा चलाने के
प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। आरोपी की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि
बंगारू पर जिस कंपनी (एमएस, वेस्ट एंड इंटरनेशनल, लंदन) से रिश्वत लेने का आरोप है वह कंपनी है ही नहीं।आरोपी ने किसी भी सेना अधिकारी को कंपनी से डील करने की इजाजत नहीं
दी और न ही डील हुई जिससे भ्रष्टाचार का मामला नहीं बनता। यदि रिश्वत लेने पर आरोप
तय किए गए हैं तो जिन दो लोगों ने रिश्वत दी है, उनके खिलाफ
भी मुकदमा चलाया जाए क्योंकि रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध है।इसके बाद विशेष सीबीआई जज ने कहा कि यह जरूर है कि स्टिंग करने वाले
तहलका ने मामले के खुलासे के लिए जो तरीका अपनाया वह गलत हो सकता है। लेकिन उसके
पीछे का उद्देश्य गलत नहीं था। यदि स्टिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती
है तो कोई भी भ्रष्टाचार को सामने लाने की कोशिश नहीं करेगा। इसलिए मामले में
अदालत स्वतः संज्ञान लेकर तहलका के अनिरुद्ध बहल और मैथ्यू सैम्युअल के खिलाफ
मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दे सकती।
तहलका पोर्टल के सदस्य लंदन स्थित एमएस वेस्ट एंड इंटरनेशनल कंपनी के नाम पर तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण से मिले और रक्षा सौदा दिलाने के लिए कंपनी के पक्ष में काम करने के लिए कहा। आरोप है कि इसके बदले में बंगारू लक्ष्मण को 5 जनवरी-01 को उनके निवास स्थान स्थित कार्यालय में एक लाख रुपये मैथ्यू सैम्युअल ने दिए जिसे उन्होंने स्वीकार किया।
23 दिसंबर-2000 से लेकर 7 जनवरी-2001 तक कई बैठक हुई थीं। तहलका ने यह काम नवंबर-99 से ही शुरू कर दिया था। तहलका ने इस टेप को 13 मार्च-2001 को सार्वजनिक कर दिया। मामला तूल पकड़ने के बाद जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया था।
तहलका पोर्टल के सदस्य लंदन स्थित एमएस वेस्ट एंड इंटरनेशनल कंपनी के नाम पर तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण से मिले और रक्षा सौदा दिलाने के लिए कंपनी के पक्ष में काम करने के लिए कहा। आरोप है कि इसके बदले में बंगारू लक्ष्मण को 5 जनवरी-01 को उनके निवास स्थान स्थित कार्यालय में एक लाख रुपये मैथ्यू सैम्युअल ने दिए जिसे उन्होंने स्वीकार किया।
23 दिसंबर-2000 से लेकर 7 जनवरी-2001 तक कई बैठक हुई थीं। तहलका ने यह काम नवंबर-99 से ही शुरू कर दिया था। तहलका ने इस टेप को 13 मार्च-2001 को सार्वजनिक कर दिया। मामला तूल पकड़ने के बाद जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया था।
No comments:
Post a Comment