'भारत ने की हफिज मामले में अमेरिका के फैसले का किया स्वागत'
नई दिल्ली।। अमेरिका ने मुम्बई हमलों के सरगना और पाकिस्तान स्थित आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज मोहम्मद सईद पर करीब 50 करोड़ रुपए (एक करोड़ अमेरिकी डॉलर) के इनाम की घोषणा की है। भारत ने यह कहकर इसका स्वागत किया कि इससे लश्कर-ए-तैयबा और इसके सरपरस्तों को यह सख्त संदेश जाएगा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकजुट है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि सोमवार देर रात अमेरिकी सरकार ने रिवॉर्ड्स फॉर जस्टिस (न्याय के लिए पुरस्कार) कार्यक्रम के तहत ऐसी सूचना के लिए एक करोड़ अमेरिकी डॉलर तक के इनाम की घोषणा की, जिससे सईद की गिरफ्तारी और दोषसिद्धि हो सके। सईद की वित्तीय मदद करने वाले और उसके रिश्तेदार हाफिज अब्दुल रहमान मक्की पर 10 करोड़ रुपए (20 लाख अमेरिकी डॉलर) तक का इनाम घोषित किया गया है। विदेश मंत्री एसएम कृष्णा ने कहा, 'भारत रिवॉर्ड्स फॉर जस्टिस प्रोग्राम के तहत अमेरिकी अधिसूचना का स्वागत करता है। इससे मुम्बई हमलों के षड्यंत्रकारियों को न्याय के कठघरे में लाने और आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई के लगातार प्रयासों के प्रति भारत और अमेरिका की प्रतिबद्धता का पता चलता है।' उन्होंने कहा, 'इससे लश्कर ए तैयबा और इसके सदस्यों तथा सरपरस्तों को भी कड़ा संकेत जाता है कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में अंतरराष्ट्रीय समुदाय एकजुट है।' कृष्णा ने यह भी कहा कि मुम्बई हमलों का मास्टरमाइंड सईद पाकिस्तान में कहीं 'सुरक्षित रह रहा है।' अमेरिका लश्कर-ए-तैयबा और जमात-उद-दावा, दोनों को विदेशी आतंकवादी संगठन मानता है और हाफिज मोहम्मद सईद और अब्दुल रहमान मक्की को व्यक्तिगत तौर पर भी आतंकी गतिविधियों के लिए अपने कानून के तहत नामित कर रखा है। हफीज मोहम्मद सईद उन चार आतंकवादियों में से एक है, जिन पर अमेरिका ने एक करोड़ डालर के इनाम की घोषणा की है। सईद अफगान तालिबान प्रमुख मुल्ला उमर जैसे उन चार आतंकी सरगनाओं की सूची में शामिल है, जिन पर अमेरिका ने एक करोड़ अमेरिकी डॉलर तक का इनाम घोषित किया है। इन चार आतंकवादियों से ज्यादा इनाम की राशि सिर्फ अलकायदा प्रमुख आयमन अलजवाहिरी पर ही है। अमेरिका ने न्याय के लिए इनाम कार्यक्रम के तहत जवाहिरी पर 2.5 करोड़ डॉलर की इनामी राशि घोषित की है। कृष्णा ने कहा कि हाल के वर्षों में भारत और अमेरिका ने भारत के पड़ोस से उभर रही आतंकी चुनौतियों की प्रकृति पर पारस्परिक समझ को गहरा किया है। विदेश मंत्री ने कहा, 'अमेरिका जो दुनियाभर में इन सभी आतंकवादियों पर नजर रखता है, उसे सईद पर भी अपनी नजर रखनी चाहिए थी। मैं हमेशा जोर देता रहा हूं कि वह मुम्बई हमले का मास्टरमाइंड था। इन सभी आतंकियों और साजिशकर्ताओं को माफ नहीं किया जा सकता और उन्हें न्याय के कठघरे में लाया जाना होगा और हम यही पाकिस्तान से मांग कर रहे हैं।' विदेश मंत्रालय के बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष इस बात पर सहमत हैं कि लश्कर-ए-तैयबा सहित सभी आतंकी संगठनों को शिकस्त दी जानी चाहिए और उन्होंने पाकिस्तान तथा अफगानिस्तान के भीतर मौजूद आतंकवादियों के पनाहगाहों तथा आधारभूत ढांचे को उखाड़ फेंकने का आह्वान किया है। मंत्रालय ने यह भी कहा कि भारत और अमेरिका ने आतंकवाद विरोधी संयुक्त कार्य समूह, आतंकवाद विरोधी सहयोग पहल, गृह सुरक्षा वार्ता और खुफिया तथा कानून प्रवर्तन एजेंसियों के बीच सूचनाओं के नियमित आदान प्रदान के जरिए आतंकवाद के खिलाफ अपने सहयोग को
मजबूत किया है।
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