Saturday, April 28, 2012


4 साल की सजा और 1 लाख का जुर्माना लक्ष्मण को
नई दिल्‍ली.  तहलका कांड में दोषी करार दिए गए भाजपा के पूर्व अध्‍यक्ष बंगारू लक्ष्‍मण को आज सीबीआई की विशेष अदालत ने 4 साल के सश्रम कारावास के साथ ही एक लाख रुपये के जुर्माना की सज़ा सुनाई है। अदालत ने फैसला सुनाते हुए कहा कि समाज में 'सब चलता है' के रवैये के चलते भ्रष्टाचार फैलता जा रहा है। बंगारू लक्ष्मण के वकील ने अदालत के फैसले पर निराशा जाहिर करते हुए कहा है कि वे इसके खिलाफ अपील करेंगे।  इससे पहले सीबीआई ने अदालत से लक्ष्मण को पांच साल की सजा देने का आग्रह किया था। वहीं, लक्ष्‍मण ने अदालत से गुहार लगाई कि उन्‍होंने पहली बार कोई अपराध किया है और उनकी दो बाईपास सर्जरी हो चुकी हैं। उनके स्‍वास्‍थ्‍य और उम्र को देखते हुए नरमी का रूख अपनाया जाए। लेकिन अदालत ने लगता है कि उनकी यह दलील नहीं मानी है। अदालत ने शुक्रवार को दोषी ठहराया था। 11 साल पुराने इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के तत्‍कालीन अध्‍यक्ष पर आरोप था कि उन्‍होंने एक फर्जी रक्षा सौदे में हथियारों के नकली सौदागरों से रिश्‍वत ली। चार अप्रैल को एडीशनल सेशन जज कंवलजीत अरोड़ा ने सीबीआई के वकीलों और अभियुक्‍त पक्ष की दलीलें सुनने के बाद फैसला सुरक्षित कर लिया था। सीबीआई के अनुसार बंगारू 2001 में एक न्‍यूज पोर्टल तहलका के स्टिंग 'ऑपरेशन वेस्टएंड' में कैमरे में रिश्‍वत लेते हुए पकड़े गए। इसमें पत्रकारों ने ब्रिटेन की एक हथियार कंपनी के एजेंट बन कर उनसे मुलाकात की और भारतीय सेना के लिए थर्मल इमेजर्स की खरीद के बदले रिश्‍वत देने की पेशकश की। इन वीडियो सीडी को 13 मार्च 2001 में जारी किया गया था। 
 स्टिंग ऑपरेशन की मदद से पत्रकारिता को नया आयाम देने वाले इस मामले के सामने आने के बाद बंगारू लक्ष्‍मण को तत्‍कालीन सत्‍तारूढ़ पार्टी भाजपा के अध्‍यक्ष पद से इस्‍तीफा देना पड़ा था। हालांकि, लक्ष्मण आज भी बीजेपी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के सदस्य हैं।
 

Friday, April 27, 2012


'बंगारू लक्ष्मण घूस मामले में दोषी करार'
सीबीबाई की विशेष अदालत ने घूस मामले में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण को दोषी करार दिया है। लक्ष्मण पर एक लाख रुपए घूस लेने का आरोप था। सजा का ऐलान शनिवार को किया जाएगा। यह मामला साल 2001 में तहलका न्यूज पोर्टल की ओर से किए गए एक स्टिंग ऑपरेशन से जुड़ा है। इस स्टिंग ऑपरेशन में लक्ष्मण को हथियारों के सौदागरों के हथियारों की सिफारिश करने के लिए धन लेते हुए दिखाया गया था।दरअसल सौदागरों के तौर पर उनसे मिले पत्रकारों ने मुलाकात की थी जो रक्षा मंत्रालय की ओर से की जाने वाली सेना के हथियारों की खरीद-फरोख्त के संबंध में मिले थे। इस पोर्टल ने 13 मई, 2001 को स्टिंग ऑपरेशन का वीडियो जारी किया था।इससे पहले रोहिणी अदालत ने आईपीसी की धारा-9 भ्रष्टाचार निरोधक कानून-1988 के तहत आरोप तय कर दिए थे। रोहिणी अदालत स्थित विशेष सीबीआई जज विनोद कुमार ने फैसले में कहा कि आरोपी पर मुकदमा चलाने के प्रथम दृष्टया पर्याप्त साक्ष्य मौजूद हैं। आरोपी की ओर से पेश अधिवक्ता ने कहा कि बंगारू पर जिस कंपनी (एमएस, वेस्ट एंड इंटरनेशनल, लंदन) से रिश्वत लेने का आरोप है वह कंपनी है ही नहीं।आरोपी ने किसी भी सेना अधिकारी को कंपनी से डील करने की इजाजत नहीं दी और न ही डील हुई जिससे भ्रष्टाचार का मामला नहीं बनता। यदि रिश्वत लेने पर आरोप तय किए गए हैं तो जिन दो लोगों ने रिश्वत दी है, उनके खिलाफ भी मुकदमा चलाया जाए क्योंकि रिश्वत लेना और देना दोनों अपराध है।इसके बाद विशेष सीबीआई जज ने कहा कि यह जरूर है कि स्टिंग करने वाले तहलका ने मामले के खुलासे के लिए जो तरीका अपनाया वह गलत हो सकता है। लेकिन उसके पीछे का उद्देश्य गलत नहीं था। यदि स्टिंग करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की जाती है तो कोई भी भ्रष्टाचार को सामने लाने की कोशिश नहीं करेगा। इसलिए मामले में अदालत स्वतः संज्ञान लेकर तहलका के अनिरुद्ध बहल और मैथ्यू सैम्युअल के खिलाफ मुकदमा चलाने की अनुमति नहीं दे सकती।
तहलका पोर्टल के सदस्य लंदन स्थित एमएस वेस्ट एंड इंटरनेशनल कंपनी के नाम पर तत्कालीन भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बंगारू लक्ष्मण से मिले और रक्षा सौदा दिलाने के लिए कंपनी के पक्ष में काम करने के लिए कहा। आरोप है कि इसके बदले में बंगारू लक्ष्मण को 5 जनवरी-01 को उनके निवास स्थान स्थित कार्यालय में एक लाख रुपये मैथ्यू सैम्युअल ने दिए जिसे उन्होंने स्वीकार किया।
23 दिसंबर-2000 से लेकर 7 जनवरी-2001 तक कई बैठक हुई थीं। तहलका ने यह काम नवंबर-99 से ही शुरू कर दिया था। तहलका ने इस टेप को 13 मार्च-2001 को सार्वजनिक कर दिया। मामला तूल पकड़ने के बाद जांच का जिम्मा सीबीआई को सौंप दिया गया था।

Wednesday, April 25, 2012


'न्याय तो मिल गया पर 25 साल के दर्द का मलाल रहेगा'
बोफोर्स तोप दलाली मामले में अमिताभ बच्चन को क्लीन चिट मिलने के बाद जया बच्चन ने ईश्वर का शुक्रिया अदा किया है। जया बच्चन ने कहा कि आखिर सच्चाई सामने आ ही गई। पर 25 साल में बच्चन परिवार को जो मानसिक त्रासदी झेलनी पड़ी, इसका जवाब कौन देगा।
उल्लेखनीय है कि स्वीडन के पूर्व पुलिस प्रमुख स्टेन लिंडस्ट्रोम ने दावा किया है कि इस मामले में कई भारतीय संस्‍थाओं और निर्दोष लोगों को फंसाया गया था। राजीव गांधी के दोस्तों को बेवजह इस मामले में घसीटा गया। स्टेन का इशारा अमिताभ बच्चन की ओर है।


'350 करोड की दलाली हुई थी हेलीकांप्टर डील में'
इटली में डिफेंस डील में हुए घोटालों की जांच की आंच भारत तक पहुंच गई है। इटली की कंपनी अगस्टा वेस्टलैंड पर आरोप लगा है कि वीवीआईपी के इस्तेमाल के लिए भारत को बेचे गए 12 हेलिकॉप्टर के लिए उसने 350 करोड़ रुपये से ज्यादा की दलाली  दी है।
कंपनी 3546 करोड़ रुपये में भारत को 12 हेलिकॉप्टर देगी। इटली के ला रिपब्लिका समेत कई प्रमुख अखबारों के मुताबिक, जांचकर्ताओं ने इस सिलसिले में स्विट्जरलैंड के कंसल्टेंट गिडो राल्फ हाश्के के स्विस ऑफिस में छापा भी मारा है। पूरे मामले का खुलासा तब हुआ, जब हेलिकॉप्टर कंपनी के एक पूर्व शीर्ष अधिकारी ने बताया कि भारत से डील कराने की जिम्मेदारी उसे सौंपी गई थी।  62 वर्षीय हाश्के भारतीय डिफेंस बिजनेस सर्किल में जाना-पहचाना चेहरा हैं। अक्सर वह भारत आते रहते हैं और यहां डिफेंस सेक्टर की कार्यप्रणाली से अच्छी तरह वाकिफ हैं। सेबी के रिकॉर्ड के मुताबिक, हाश्के सन् 2009 में एमार एमजीफ के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर में थे। हालांकि, बाद में व्यक्तिगत कारणों से उन्होंने डायरेक्टर के पद से इस्तीफा दे दिया था। कहा जाता है कि हाश्के के पास अमेरिका और स्विट्जरलैंड, दोनों देशों की नागरिकता है। 
फरवरी 2010 में लगाई गई बोली में अगस्टा वेस्टलैंड्स एडब्ल्यू 101 हेलिकॉप्टर ने सिकोर्सिकी के एस-92 सुपरहॉक को पछाड़ दिया था। ये 12 हेलिकॉप्टर प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति और दूसरे वीवीआईपी द्वारा इस्तेमाल किए जाने हैं। इसकी सप्लाई अगले साल होनी है।

Monday, April 23, 2012


'सैक्स स्कैंडल में नाम आने के बाद सिंघवी ने दिया पद से इस्तीफा'
नयी दिल्‍ली . सेक्‍स स्‍कैंडल में नाम आने के बाद सुप्रीम कोर्ट के वकील और कांग्रेस के वरिष्‍ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने  संसद की स्‍थाई समिति के अध्‍यक्ष और कांग्रेस के प्रवक्ता पद से त्‍यागपत्र दे दिया है। सिंघवी कानून एवं न्‍याय पर बनी समिति के अध्‍यक्ष थे ।   गौरतलब है कि सिंघवी का नाम हाल ही के दिनों में एक विवादित सेक्‍स  सीडी में सामने आया था । इस मामले में हाईको्र्ट ने सीडी के मीडिया में प्रसारण पर रोक लगा दी थी लेकिन इस इंटरनेट पर आने से नही रोका जा सका । 



'अब 14 केंद्रीय मंत्री टीम अन्ना के निशाने पर'
भ्रष्टाचार के खिलाफ आंदोलन को आगे बढ़ाने के पहले टीम अन्ना ने उन 14 केंद्रीय मंत्रियों को नोटिस भेजने और उनके खिलाफ आरोपों पर उनसे स्पष्टीकरण मांगने का फैसला किया जिन्हें उन्होंने भ्रष्ट माना है। टीम अन्ना की कोर समिति की बैठक में यह फैसला किया गया। बैठक में अन्ना हजारे और टीम के अन्य प्रमुख सदस्य शामिल हुए।
वकील प्रशांत भूषण ने कहा कि हमने 14 केंद्रीय मंत्रियों को नोटिस भेजने का फैसला किया है जिनके खिलाफ गंभीर आरोप हैं और जिनका हमने 25 मार्च को आंदोलन के दौरान नाम लिया था। हम उनके जवाब की प्रतीक्षा करेंगे और एक सप्ताह के बाद हम प्रेस कांफ्रेंस का आयोजन कर उनके खिलाफ सबूतों को सार्वजनिक करें। 
भूषण ने बताया कि अन्ना की देश भर की यात्रा अगले महीने महाराष्ट्र से शुरू होगी। यह भी फैसला किया गया कि कोर समिति के सदस्य प्रभावी लोकायुक्त के लिए अपने राज्यों में प्रदर्शनों की अगुवाई करेंगे। टीम की सदस्य किरण बेदी ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि संसद का सत्र फिर शुरू होने पर सरकार सख्त लोकपाल विधेयक पारित कराएगी।

Saturday, April 21, 2012


'टीम अन्ना बाबा रामदेव से नाखुश'
अन्ना हजारे को पूर्व सूचना दिए बिना एक मई से भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम की शुरुआत की घोषणा करने और हावी होने की नीति को लेकर टीम अन्‍ना बाबा रामदेव से बेहद नाराज है। भ्रष्टाचार विरोधी मुहिम में बाबा रामदेव को शामिल किए जाने पर टीम अन्ना के कुछ सदस्यों को ऐतराज भी है। क्यों‌कि रामदेव और उनके सहयोगी पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लग चुके हैं, जिससे उनकी विश्वसनीयता शक के घेरे में है।सूत्रों के अनुसार बिना बताए बाबा रामदेव द्वारा शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस आयोजित करने पर टीम अन्ना ने नाखुशी जाहिर की है। हालांकि उन्होंने कहा है कि उन्हें आंदोलन की घोषणा से कोई समस्या नहीं है।यदि अन्ना ने आंदोलन का निर्णय लिया है तो कोई इस पर आपत्ति नहीं करेगा। लेकिन मसला यह है कि बाबा रामदेव ने हावी होने की नीति अपनाई और आंदोलन की घोषणा से पहले अन्ना को विश्वास में नहीं लिया। गौरतलब है कि गुड़गांव में शुक्रवार को बाबा रामदेव ने अन्ना हजारे के साथ एक प्रेस कांफ्रेंस आयोजित की थी। जिसमें दोनों ने एक साथ मिलकर एक मई से आंदोलन करने की घोषणा की थी।बाद में तीन जून को जंतर-मंतर पर संयुक्त रूप से अनशन करने की बात ‌कही। एक मई को अन्ना हजारे शिरडी से तो बाबा रामदेव छत्तीसगढ़ के दुर्ग से अपने अभियान की शुरूआत करेंगे।

Friday, April 20, 2012


'संकट मे मिला ताज फिर संकट में'

विजय बहुगुणा ने उत्तराखण्ड के पांचवे मुख्यत्री के रुप मे 13 मार्च 2012 को पद संम्भला टिहरी से कांग्रेस के सांसद हैं.विजय बहुगुणा का जन्म 28 फरवरी, 1947 को उत्तर प्रदेश के इलाहाबाद में हुआ।
विजय बहुगुणा कॉंग्रेस के दिग्गज नेता रहे स्वर्गीय हेमवती नन्दन बहुगुणा के बेटे हैं और उत्तर प्रदेश कॉंग्रेस की अध्यक्ष रीता बहुगुणा के भाई है.चौंसठ वर्षीय विजय बहुगुणा पेशे से वकील हैं और इलाहाबाद और मुंबई हाईकोर्ट के जज भी रहे हैं.वह पहली बार 2007 में लोकसभा के उपचुनाव में टिहरी से सांसद बने थे और 2009 में दोबारा सांसद चुने गए.विजय बहुगुणा के मुख्यमंत्री बनाए जाने से कॉंग्रेस को दो उपचुनावों का सामना करना पड़ेगा. पहला उन्हें विधायक बनाने के लिए किसी नवनियुक्त विधायक को अपनी सीट खाली करनी पड़ेगी. दूसरा टिहरी संसदीय सीट पर भी दोबारा चुनाव होंगे.विजय बहुगुणा के सिर पर गठबंधन सरकार को चलाने की चुनौतियों के साथ-साथ खुद अपनी ही पार्टी में भितरघात से निबटने की बड़ी समस्या होगी. अगर इसे कांटों का ताज कहा जाए तो ये अति नहीं होगी.फिलहाल देहरादून स्थित कॉंग्रेस के मुख्यालय में बम पटाखों का शोर जरूर है लेकिन मुख्यमंत्री पद के दूसरे दावेदारों के समर्थकों का विरोध भी इस शोर में शामिल है जिनके बीच पार्टी हाईकमान के इस निर्णय से काफी खलबली है.कोई आश्चर्य नहीं कि कॉंग्रेस की इस गठबंधन सरकार को भी मुख्यमंत्री की कुर्सी के लिये उसी खींचतान से जूझना पड़े जो बीजेपी की सरकार में निशंक,खंडूरी और कोश्यारी के बीच पूरे पांच साल तक जारी रहा.विजय बहुगुणा उत्तराखंड की उलझी हुई चुनावी राजनीति में कोई परिपक्व खिलाड़ी भी नहीं समझे जाते हैं. इसकी पहली परीक्षा उन्हें खुद विधानसभा में चुनकर जाने में होगी. वैसे उत्तराखंड की राजनीति में "विजय बहुगुणा की सरकार की स्थिरता इस बात पर निर्भर करेगी कि बाकी चारों सांसद उनके साथ सहयोग करते हैं या उनकी घेराबंदी करके कमजोर करते हैं." इस तरह सरकार की मजबूती पर हमेशा खतरे की तलवार लटकी रहेगी. इसके अलावा निर्दलीयों और क्षेत्रीय दल का दबाव अलग होगा क्योंकि कॉग्रेस अपने दम पर बहुमत में नहीं है. 70 सदस्यीय विधानसभा में काग्रेस को 32 सीटें मिली थी. जिसके बाद उऩ्हे चार निर्दलीय विधायको का समर्थन हासिल है. बहुजन समाजवादी पार्टी ने भी कांगेंस को समर्थन देने का संकेत दिया है.. फिलहाल तो बहुगुणा सरकार ने विधान सभा मे बहुमत हासिल कर लिया है परन्तु अब सीएम पद पर बनें रहने के लिए उन्हें खुद भी बहुमत हासिल करना पडेगा जो उनके लिए आसान नही रहने वाला है। मुख्यमंत्री की दौड़ में शामिल रहे हरक सिंह रावत अभी तक मंत्री पद की शपथ नहीं ले पाए हैं, लेकिन राजनैतिक विश्लेषक मानकर चल रहे हैं कि बहुगुणा सरकार में अन्य मंत्रियों की तरह हरक सिंह रावत को भी मंत्री पद की शपथ दिलाने के साथ-साथ भारी भरकम महकमें सौपें जाएंगे। सोनिया गाधी से मुलाकात के बाद हरक सिंह रावत मीडिया में आए अपने बयानों को लेकर स्पीष्टिकरण दे चुके हैं और उनका साफ कहना है कि उन्होंने कभी मंत्री पद जुते की नोक पर रखने की बात नहीं कही। और हमेशा से ही हाईकमान के आदेश को मानने को काम किया है। उनके इस कथन के बाद माना जा रहा है हाईकमान के आदेश पर अब वह मंत्री पद की शपथ लेंगे और 11वें मंत्री के रूप में बहुगुणा सरकार की पारी को आगे बढ़ाने में मदद करेंगे। कांग्रेस में मुख्यमंत्री पद को लेकर सभी दावेदार मंत्रियों की कुर्सी पर विराजमान हो गए हैं और ऐसे कई नेता जो लालबत्ती की कतार में खड़े हैं, इन मंत्रियों के दरवाजों पर दस्तक देने के साथ-साथ अपने-अपने पक्ष में लॉबिंग करने में जुट गए हैं। राजनैतिक सूत्र बताते हैं कि इस बात की भी हवा राजनीति के गलियारों में दौड़नी शुरू हो गई है कि प्रदेश से कांग्रेस के प्रदेश प्रभारी चौधरी विरेन्द्र सिंह का पत्ता साफ होने के बाद विजय बहुगुणा भी सीएम पद पर सरेंडर कर सकते हैं। इसके पीछे मुख्यमंत्री का अभी तक विधानसभा सीट फाईनल न कर पाना भी सामने आ रहा है। क्योंकि सोनिया दरबार में विजय बहुगुणा ने यह कहकर सीएम पद पर हरी झण्डी ली थी कि वह निर्दलीयों के साथ-साथ भाजपा के एक विधायक से सीट खाली कराकर वहां से चुनाव लडेंगे। लेकिन भाजपा विधायक से सीट खाली कराने को लेकर बहुगुणा के बयान के बाद केंद्रीय मंत्री हरीश रावत इसे कांग्रेस के लिए उचित नहीं मान रहे, उनका साफ मानना है कि भाजपा विधायक से सीट खाली कराने के बाद प्रदेश में स्वच्छ राजनीति शुरू नहीं रह पाएगी और यदि इसके बजाय किसी अन्य से सीट खाली कराई जाए तो यह ज्यादा मुफीद साबित होगा। कांग्रेस उत्तराखण्ड में सीएम विजय बहुगुणा के लिए होने वाले उपचुनाव को लेकर अपनी रणनीति में जुटी हुई है और माना जा रहा है भाजपा का विधायक यदि सीट खाली नहीं करता तो निर्दलीय विधायक के साथ-साथ कांग्रेस के किसी विधायक से जो टिहरी लोकसभा क्षेत्र में आता है उस पर दांव आजमाया जाएगा। वहां से भाजपा खण्डूडी पर दांव खेलने की तैयारी में भी जुटी हुई है और एक बार फिर भाजपा को यह आस है कि खण्डूडी बहुगुणा को हराकर उत्तराखण्ड में जरूरी बन जाएंगे। राजनीति के गलियारों में यह चर्चा भी तेजी से दौड़ रही है कि विजय बहुगुणा छहः महीने के अंदर ही चारों खाने चित्त होने के बाद उत्तराखण्ड में भाजपा को सरकार बनाने में मदद करेंगे। क्योंकि बहुगुणा की हार के बाद यदि खण्डूडी बहुगुणा के सामने चुनाव लड़ते हैं तो खण्डूडी की जीत भाजपा को सरकार बनाने में ज्यादा मददगार साबित होगी। कुल मिलाकर उत्तराखण्ड की राजनीति में अंतिम फैसला कांग्रेस हाईकमान के दरबार से होना तय है। 





'सेक्स वीडियो पर धमकी सिघवी को की 7 दिन में हटाने की मांग'
नई दिल्ली. इंटरनेट का दुरुपयोग केंद्र सरकार खास तौर पर कांग्रेस के लिए मुसीबत बन गया है। फेसबुक पर सिंघवी का कथित सेक्‍स वीडियो अपलोड करने वाले शख्‍स ने शुक्रवार को चेतावनी देते हुए कहा है कि यदि सिंघवी को कांग्रेस पार्टी से नहीं निकाला गया तो वो एक हफ्ते के अंदर एक और सीडी इंटरनेट पर जारी करेगा जो इससे भी ज्यादा सनसनीखेज होगी। गुरुवार देर शाम किसी ने यूट्यूब पर राज्यसभा सांसद और कांग्रेस प्रवक्ता अभिषेक मनु सिंघवी का कथित सेक्स वीडियो अपलोड किया था। इस वीडियो को इंटरनेट पर वायरल करने के लिए फेसबुक पर सिंघवी वीडियो के नाम से एक पेज भी बनाया गया है। इस पेज पर इस वीडियो को पोस्ट किया गया। लेकिन कुछ देर बाद ही यूट्यूब से यह वीडियो हटा दिया गया। उसे दोबारा पोस्ट किया गया। लेकिन एक बार फिर यूट्यूब से उसे हटा दिया गया। तब फेसबुक पर ही इसे एक पेज पर पोस्ट किया गया और सिंघवी वीडियो नाम के पेज पर शेयर किया गया। इस बार सिंघवी का वीडियो पोस्ट करने वाले व्यक्ति ने बेहद गंभीर चेतावनी दी। उसने कहा कि जितनी बार भी यह वीडियो डिलीट किया जाएगा उतनी बार ही वह अन्य वेबसाइटों के जरिए इसे पोस्ट करेगा।  वीडियो पोस्ट करने वाले ने चेतावनी देते हुए यह भी कहा कि यदि इस बार यह वीडियो हटाया गया तो वो केंद्रीय गृहमंत्री पी चिदंबरम का वीडियो अपलोड कर देगा। सिंघवी की कथित सीडी के प्रसारण पर हाई कोर्ट ने रोक लगाई थी।इस मामले की सुनवाई के दौरान गुरुवार को सिंघवी और उनके पूर्व ड्राइवर ने अदालत को बताया कि इन्‍होंने शांतिपूर्ण तरीके से इस विवाद का निपटारा कर लिया है। वीडियो को दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश की अवमानना करते हुए और फेसबुक और यूट्यूब जैसी वेबसाइटों के नियमों का उल्लंघन करते हुए पोस्ट किया गया है। यह साइबर अपराध के तहत भी आता है। 





'उल्फा ने किया पीएम का विरोध हिन्दी भाषी निशाने पर'
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के शुक्रवार को एक दिन के असम दौरे के लिए सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। प्रधानमंत्री की यात्रा का विरोध करते हुए प्रतिबंधित संगठन उल्फा ने 12 घंटे के असम बंद का ऐलान किया है। उल्फा ने हिन्दीभाषियों पर भी हमले की धमकी दी है। धमकी के बाद सभी महत्वपूर्ण जगहों पर पुलिस और अर्द्धसैनिक बलों को तैनात कर दिया गया है। खुफिया सूत्रों के अनुसार इस तरह की खबरें आ रही हैं कि उल्फा उग्रवादी पाइपलाइन, रेलवे ट्रैक, सुरक्षा अधिकारियों, पुलिस स्टेशन और तेल प्रतिष्ठानों जैसे अहम स्थानों को निशाना बना सकते हैं। राज्यसभा में असम का प्रतिनिधित्व करने वाले मनमोहन सिंह शुक्रवार सुबह असम के गोपीनाथ बारडोलोई एयरपोर्ट पहुंचेंगे, जहां से वे हेलीकॉप्टर के जरिए नेहरू स्टेडियम तक जाएंगे। प्रधानमंत्री को असम स्टेट असेंबली के प्लेटिनम जुबली समारोह में हिस्सा लेना है। इससे पहले यात्रा से पहले संदिग्ध उल्फा उग्रवादियों ने बृहस्पतिवार को शिवसागर जिले के भोजा और लोंगपोटिया के बीच रेल पटरियों पर विस्फोट किया। यह विस्फोट एक पायलट इंजन के गुजरने के बाद किया गया। यहां से गुजरने वाली राजधानी एक्सप्रेस सहित कम से कम तीन यात्री रेलगाड़ियों को विस्फोट के बाद विभिन्न स्टेशनों पर रोक दिया गया। इस घटना के बाद शीर्ष रेलवे और सुरक्षा अधिकारी घटनास्थल पर पहुंच गए।शाम लगभग सात बजे जोरहाट जिले कोलाखोवा में एक आयल पंपिंग स्टेशन पर एक और धमाके की खबर मिली। विस्फोट में एक ट्रांसफार्मर नष्ट हो गया। पुलिस के मुताबिक धमाके के कारणों का अभी पता नहीं लगा है। हालांकि उसने इसमें उग्रवादियों का हाथ होने की संभावना से भी इनकार नहीं किया है।

Thursday, April 19, 2012


'चीन की धमकी अग्नि 5 पर न इतराए भारत हमारी ताकत का रखें ध्यान'
नई दिल्ली. देश की पहली इंटरकॉन्टिनेंटल बैलेस्टिक मिसाइल (आईसीबीएम) अग्नि-5 का परीक्षण सफल रहा है। 5000 किलोमीटर तक मार करने में सक्षम इस मिसाइल को गुरुवार सुबह आठ बजकर पांच मिनट पर ओडिशा में बालासोर के निकट समुद्र में व्हीलर द्वीप से प्रक्षेपित किया गया। अग्नि-5 का पहला सफल परीक्षण डीआरडीओ के लिए बड़ी सफलता है। पीएम मनमोहन सिंह और रक्षा मंत्री ए के एंटनी ने परीक्षण कामयाब रहने पर डीआरडीओ के वैज्ञानिकों को बधाई दी है। लेकिन चीन ने भारत की इस कामयाबी को कमतर कर आंका है और एक तरह से चुनौती देते हुए कहा है कि मिसाइल की ताकत में भारत अब भी बहुत पीछे है। 'ग्‍लोबल टाइम्‍स' अखबार में कहा गया है कि अग्नि-5 के प्रक्षेपण से भारत को हथियारों की होड़ को बढ़ावा देने के अलावा कुछ भी हासिल नहीं होने वाला है। अखबार के मुताबिक भारत 5000 किलोमीटर तक मार करने वाली इस मिसाइल के परीक्षण के साथ आईसीबीएम क्‍लब में शामिल होने की उम्‍मीद करता है जबकि इंटर कॉन्टिनेंटल मिसाइल की सामान्‍य रेंज 8000 किलोमीटर से अधिक होती है।  रक्षा मंत्री के वैज्ञानिक सलाहकार और डीआरडीओ चीफ वी के सारस्‍वत ने मिसाइल तकनीक से लैस इस मिसाइल के पहले परीक्षण के कामयाब होने की पुष्टि की है। उन्‍होंने कहा है कि इस परीक्षण के सफल होने के साथ ही भारत उन चुनिंदा देशों में शामिल हो गया है, जिनके पास आईसीबीएम  हैं। फिलहाल अमेरिका, रूस, फ्रांस, ब्रिटेन और चीन के पास आईसीबीएम हैं  यानी अब तक ये देश ही लंबी दूरी की बैलिस्टिक मिसाइल बना सकते थे, पर अब भारत भी बना सकेगा। डॉ. सारस्‍वत ने कहा, 'हमने कर दिखाया। सबकुछ योजना के मुताबिक हुआ। परीक्षण सुपरहिट रहा। भारत अब मिसाइल पॉवर बन गया है। हमें इस पर गर्व है। डीआरडीओ के सभी सदस्‍यों को बहुत-बहुत बधाइयां।' अग्नि-5 मिसाइल कार्यक्रम के मिशन डायरेक्‍टर डॉ. अविनाश चंद्रा ने कहा कि प्रक्षेपण उम्‍मीद के मुताबिक हुआ। जटिल माने जाने वाले दूसरे और तीसरे चरण में भी मिसाइल के सारे उपकरण सही तरीके से काम करते रहे। हम जो चाहते थे, उसे हासिल कर लिया गया है। अगले तीन चार परीक्षण के बाद इस मिसाइल को सेना में शामिल कर लिया जाएगा।   भारत द्वारा  परीक्षण से नाटो को कोई खतरा नहीं लगता है। नाटो के सेक्रेट्री जनरल एंडर्स फो रासमुसेन ने ब्रसेल्‍स स्थित नाटो मुख्‍यालय में पत्रकारों से बातचीत में यह बात कही। उन्‍होंने कहा कि नाटो नहीं मानता कि भारत नाटो के सहयोगी देशों के लिए किसी तरह का  पैदा करेगा। लेकिन चीन इस प्रक्षेपण पर  तेवर दिखा रहा है। यही नहीं, अमेरिकी मीडिया भी इसे पाकिस्‍तान और चीन  को जवाब के तौर पर देख रहा है। प्रक्षेपण से पहले बुधवार को   इस मुद्दे को रिपोर्ट किया है।  उधर, अमेरिका ने अंतरिक्ष में चीन की बढ़ती क्षमताओं पर चिंता जताई है। अमेरिकी विदेश और रक्षा मंत्रालय की रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन नई और कई तरह की आक्रामकमिसाइलें तैयार कर रहा है, अपने मिसाइल तंत्र को उन्नत बना रहा है और अमरीका व उसके सहयोगियों के उपग्रह रोधी (एसैट) हथियारों समेत बैलेस्टिक मिसाइल प्रतिरोध की काट के लिए अंतरिक्ष-आधारित तरीके विकसित कर रहा है। रिपोर्ट कहती है कि चीन की मिसाइलें हवा से हवा में और जमीन से हवा में बखूबी मार कर सकती हैं. इसके अलावा विदेशी और स्वदेशी सिस्टमों के जरिए चीन के पास साझा उपग्रह संचार बैंड्स और ग्लोबल पॉजिशनिंग सैटलाइट्स (जीपीएस) रिसीवर को जामकरने की क्षमता है। रिपोर्ट में कहा गया है, “चीन कीआधुनिक सेना और विशेष तौर पर उसकी अंतरिक्ष संबंधी क्षमताओं का इस्तेमाल चीन के राजनयिक फायदे, और संभवतः अमरीकी राष्ट्रीय सुरक्षा हितों के खिलाफ किया जा सकता है।

Saturday, April 14, 2012


अन्ना हजारे की धमकी कहा आरटीआई कानून बदला तो होगा हंगामा
रालेगण सिद्धि। सामाजिक कार्यकर्ता अन्ना हजारे ने फिर से केंद्र व महाराष्ट्र सरकार के खिलाफ आंदोलन करने की हुंकार भरी है। इस बार आरटीआई कानून में केंद्र सरकार के द्वारा किए गए बदलाव के प्रस्ताव में अन्ना ने कहा कि यदि आरटीआई कानून के साथ छेड़छाड़ की गई तो हम आंदोलन करेंगे। अपने गृहनगर रालेगण सिद्धि में शनिवार को अन्ना ने पत्रकारों कहा कि यदि राज्य में मजबूत लोकायुक्त नहीं आया तो आंदोलन होगा। उन्होंने कहा कि राज्य के मुख्यमंत्री ने लोगों के साथ किया वादा नहीं निभाया।अन्ना ने कहा कि प्रधानमंत्री आरटीआई कानून बदलने को तैयार हैं। यदि बदलाव हुआ तो इसका विरोध करेंगे। उन्होंने कहा कि आरटीआई की वजह से ही घूसखोरी में कमी आई हैं। सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि यह भ्रष्टाचार नहीं मिटाना चाहती हैं। उन्होंने कहा कि भ्रष्टाचार से घिरे मंत्री अपने पद से इस्तीफा दें।


'प्रोफेसर की गिरफ्तारी से ममता की चारों तरफ किरकिरी'
कोलकाता:  पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी सहित तृणमूल कांग्रेस के कुछ नेताओं के अपमानजनक कार्टून कथित रूप से जारी करने पर जादवपुर विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर को गिरफ्तार किया गया और उन्हें शुक्रवार को जमानत पर रिहा कर दिया गया। प्रोफेसर की गिरफ्तारी की चौतरफा निंदा हो रही है।
 भौतिक रसायन के प्रोफेसर अम्बिकेश महापात्रा ने बाद में दावा किया कि उन्होंने केवल मनोरंजन के लिए अपने मित्रों को मेल भेजे थे। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शुक्रवार को जादवपुर विश्वविद्यालय के एक प्रोफेसर की गिरफ्तारी का बचाव किया और माकपा पर गैर जरूरी मुद्दों को उठाकर उन्हें बदनाम करने का आरोप लगाया। दूसरी तरफ महापात्रा ने आरोप लगाया कि तृणमूल कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनकी निर्दयता पूर्वक पिटाई की और गुरुवार रात को जबरन अपने बयान पर हस्ताक्षर करने के लिए बाध्य किया कि उन्होंने जानबूझकर कार्टून को इंटरनेट पर जारी किया क्योंकि वह मार्क्‍सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के सक्रिय कार्यकर्ता हैं। नेताओं, शिक्षाविदों, कलाकारों ने इसे अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर हमला बताया है। प्रोफेसर और उनके पड़ोसी की गिरफ्तारी की चौतरफा आलोचना हुई है। तृणमूल के ही बागी सांसद कबीर सुमन ने कहा कि मैंने कार्टून देखा है, लेकिन मैं समझ नहीं पा रहा कि यह किस प्रकार साइबर अपराध है।हालांकि शनिवार को एक अंग्रेजी अखबार ने यह दावा किया है कि मकान सामग्री की सप्लाई से जुड़े स्थानीय तृणमूल नेता अंबिकेश महापात्रा और उनके पड़ोसी सुब्रत सेनगुप्ता से नाखुश थे। हालांकि प्रोफेसर अंबिकेश ने टीएमसी के साथ किसी भी ठेके से जुड़े होने की बात से इंकार किया है। उन्होंने इस आरोप को निराधार बताया है।


'रेलवे कर्मचारियों के लिए बुरी खब़र'
नई दिल्ली. रेलवे के 14 लाख कर्मचारियों की तनख्वाह में कटौती की आशंका है। इस बारे में की गई सिफारिश मंजूर हुई तो जल्द ही रेलवे कर्मियों को घटा हुआ वेतन मिलने लगेगा।  इस साल 11 और 12 जनवरी को नई दिल्ली में रेलवे के महाप्रबंधकों की बैठक में तनख्वाह में कटौती की सिफारिश की गई थी। सिफारिश के मुताबिक, 'खर्च की सीमा के बारे में रेलवे को जानकारी दी गई है और बताया गया है कि 4304 करोड़ रुपये की जरूरत होगी। जिस मद में बचत की जा सकती है वह है कर्मचारियों पर होने वाला खर्च (वेतन: 1,300 करोड़, डीए: 855 करोड़ )।जानकार मानते हैं कि अगर इस बार रेल बजट पेश करने वाले पूर्व रेल मंत्री ने रेलवे की असली हालत बयां करते तो शायद उनकी कुर्सी बच जाती।गौरतलब है कि रेल यात्री किराया बढ़ाने की वजह से दिनेश त्रिवेदी को रेल मंत्री की कुर्सी गंवानी पड़ी थी। दिलचस्प बात है कि अगर त्रिवेदी की कोशिशें सफल हुई होतीं तो रेलवे को इस वित्त वर्ष में ही 3500 करोड़ रुपये की अतिरिक्त आमदनी होती और इससे कर्मचारियों की तनख्वाह घटाकर खर्च कम करने जैसे कड़े फैसले पर विचार करने की रेलवे को जरूरत ही न पड़ती। रेलवे के महाप्रबंधकों ने अनुमान लगाया है कि कर्मचारियों की कुल तनख्वाह में 5 फीसदी की कटौती से 2155 करोड़ रुपये बचाए जा सकते हैं। इस बारे में डीएनए ने रेल मंत्रालय के प्रवक्ता अनिल सक्सेना के पास सवालों की सूची भेजी, लेकिन उनका जवाब नहीं आया। सिफारिशी रिपोर्ट में खर्च घटाने के लिए स्टोर, ईंधन और कॉन्ट्रैक्ट पर रखे जाने वाले कर्मचारियों पर होने वाले खर्च में कटौती जैसे उपाय सुझाए गए हैं। रेलवे के महाप्रबंधकों के स्तर पर वेतन में कटौती की बात पर औपचारिक तौर पर जनवरी में चर्चा हुई, लेकिन रेलवे कर्मचारी यूनियनों का कहना है कि ऐसी कोशिशें पहले से ही रही हैं। ऑल इंडिया रेलवेमेन फेडरेशन के महासचिव शिव गोपाल मिश्रा का कहना है कि पिछले साल अक्टूबर में नाइट ड्यूटी अलाउंस को रोकने की कोशिश की गई थी। लेकिन जब कर्मचारियों ने इसके विरोध में चार घंटे तक हड़ताल की तो इस फैसले को वापस ले लिया गया। 


Friday, April 13, 2012


'मुंबई में बिहार दिवस मनाने पर नही है गुरेज राज'
एमएनएस अध्यक्ष राज ठाकरे ने मुंबई में बिहार उत्सव मनाने को लेकर उपजे विवाद पर नी‌तीश कुमार से फोन पर बात कर इसे सुलझाने की कोशिश की है। राज ठाकरे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा है कि उन्हें बिहार उत्सव में उनके आने से कोई एतराज नहीं है। इससे पहले बिहार स्थापना दिवस को लेकर राज ने उत्तर भारतीयों पर निशाना साधते हुए समारोह के आयोजन पर आपत्ति जताई। राज ठाकरे ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को चुनौती दी कि वे मुंबई आकर दिखाएं।वहींमनसे की धमकियों से बेफिक्र मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा था कि कार्यक्रम में उपस्थित होने से उन्हें कोई रोक नहीं सकता और वहां जाने के लिए उन्हें किसी वीजा की जरूरत नहीं है। मैं देश के किसी भी हिस्से में जा सकता हूं। मालेगांव में एक रैली करते हुए राज ठाकरे ने कहा था कि मुझे लगता है कि नीतीश कुमार अच्छे व्यक्ति हैं। उन्होंने अपने राज्य का काफी विकास किया है। लेकिन हम देखते हैं कि नीतीश मुंबई में कैसे बिहार दिवस मनाते हैं। उन्होंने साथ ही सवाल उठाया कि जब बिहार के लोग और राज्यों में भी बसे हुए हैं तो मुंबई में बिहार दिवस मनाने की क्या जरूरत है।






'नूपूर तलवार की गिरफ्तारी पर लगी रोक'
आरुषि-हेमराज मर्डर केस में गिरफ्तारी की आशंका के बीच डॉक्टर नूपुर तलवार को फिलहाल सुप्रीम कोर्ट से राहत मिल गई है। सुप्रीम कोर्ट ने नूपुर के मामले को चीफ जस्टिस की बेंच के पास भेज दिया है। अब अगली सुनवाई तक सीबीआई नूपुर तलवार को गिरफ्तार नहीं करेगी। इधर, सीबीआई ने भी सुप्रीम कोर्ट को भरोसा दिलाया कि वह अगली सुनवाई तक नूपुर तलवार को गिरफ्तार नहीं करेगी।निचली अदालत ने बुधवार को नूपुर के खिलाफ गैर-जमानती वारंट जारी किया था। अपनी बेटी आरुषि की हत्या के मामले में आपराधिक मुकदमे का सामना कर रहीं नूपुर ने इस वारंट पर रोक लगाने की शीर्षस्थ अदालत से अपील की थी। जस्टिस एके पटनायक और जस्टिस स्वतंत्र कुमार की पीठ ने बृहस्पतिवार को नूपुर की याचिका पर सुनवाई करने से इनकार करते हुए कहा था कि अदालत इस मामले पर शुक्रवार को सुनवाई करेगी। पीठ के समक्ष याचिकाकर्ता की ओर से पेश वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कहा कि इस मामले पर तत्काल सुनवाई की जानी चाहिए, क्योंकि नूपुर अदालत से भाग नहीं रही हैं। हालांकि पीठ ने मामला सूचीबद्ध नहीं होने की वजह से सुनवाई से इनकार कर दिया। इससे पहले निचली अदालत से बुधवार को गैर जमानती वारंट जारी होने के बाद सीबीआई ने नूपुर की गिरफ्तारी के लिए कई जगह छापे मारे। सर्वोच्च अदालत से नूपुर ने कहा है कि प्रथम दृष्टया उनके खिलाफ चलाया जा रहा मामला पूरी तरह से उनके पक्ष में है। इस संबंध में उन्होंने शीर्षस्थ अदालत में विशेष अनुमति याचिका भी दायर की।
'अब बाबा की दौलत का भी पर्दाफाश'
जनता को गुमराह करने के आरोप झेल रहे निर्मल जीत सिंह नरूला उर्फ निर्मल बाबा की अकूत संपत्ति से अब पर्दा उठने लगा है। बताया जा रहा है कि निर्मल बाबा ने समागम में भाग लेने वाले भक्तों से 'निबंधन' शुल्क और 'दसबंद' के नाम पर करोड़ों की दौलत इकट्ठा की है।निबंधन शुल्क एक प्रकार से समागम में आने की एंट्री फीस है,
जिसमें 2 साल से ऊपर के बच्चे के भी दो हजार रुपए लिए जाते हैं। वहीं दसबंद वह शुल्क है, जिसमें बाबा के भक्तों को पूर्णिमा से पहले अपनी आय का 10वां हिस्सा निर्मल दरबार को देना होता है। 
ए‌क हिंदी अखबार ने बाबा के तीन बैंक अकाउंटों का खुलासा किया है। अखबार के मुता‌बिक पंजाब नेशनल बैंक, आईसीआईसीआई बैंक और यस बैंकों में बाबा के खाते हैं, जिनमें से दो खातों को रिकॉर्ड हाथ लगा है। इनमें से एक खाते में केवल जनवरी 2012 से अप्रैल 2012 के पहले सप्ताह तक 109 करोड़ रुपए जमा किए गए हैं। यानि 1.11 करोड़ रुपए प्रतिदिन जमा किए गए। वहीं दूसरे बैंक खाते में 12 अप्रैल 2012 को 14.93 करोड़ रुपए जमा हुए हैं। यह रकम सुबह 9.30 बजे से दोपहर 1 बजे तक जमा की गई। शाम तक इस खाते में करीब 16 करोड़ रुपए जमा किए गए। इसके अलावा एक बैंक में बाबा के नाम से 25 करोड़ रुपए का फिक्‍स्ड डिपोजिट भी है। बाबा का एक खाता निर्मलजीत सिंह नरूला और दूसरा खाता निर्मल दरबार के नाम से है। निर्मल दरबार में भक्तों द्वारा जमा की रकम को बाद में बाबा अपने अकाउंट में ट्रांस्फर कर लेते हैं। उधर, बाबा के सगे बहनोई और झारखंड के सांसद इंदर सिंह नामधारी ने साफ कहा है कि वे निजी तौर पर निर्मल बाबा के किसी भी चमत्कार से कोई इत्तेफाक नहीं रखते। वह कई बार निर्मल को जनता की भावनाओं से न खेलने की सलाह दे चुके हैं। नामधारी शुरुआती दिनों में निर्मल बाबा को अपना कैरियर संवारने में खासी मदद कर चुके हैं। उनके ससुर यानि निर्मल बाबा के पिता एसएस नरूला का काफी समय पहले देहांत हो चुका है और वे बेसहारा हुए निर्मल बाबा की मदद करने के लिए उन्‍हें अपने पास ले आए थे। निर्मल को कई छोटे-बड़े धंधों में सफलता नहीं मिली तो वह बाबा बन गए।
हमारा उदेश्य किसी भी धर्म या आध्‍यात्मिक गुरु पर टिप्‍पणी करना नहीं है और ना ही हम किसी की आस्था पर कोई चोट कर रहे हैं। हम मीडिया में आ रही जानकारी आप तक पहुंचा रहे हैं। इस पूरे मसले पर आपकी क्‍या राय है हमें जरूर बताइए।






'अमेरिकी एयरपोर्ट पर जांच के नाम पर बतमीजी'
न्‍यूयॉर्क. बॉलीवुड अभिनेता शाहरुख खान को अमेरिका में फिर से हिरासत में ले लिया गया। शाहरुख को न्‍यूयॉर्क एयरपोर्ट पर दो घंटे के लिए हिरासत में लिया गया। शाहरुख यहां के येल युनिवर्सिटी में एक कार्यक्रम को संबोधित करने जा रहे थे।  जिस वक्‍त शाहरुख को एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया उस वक्‍त उनके साथ मशहूर उद्योगपति मुकेश अंबानी की पत्‍नी नीता अंबानी भी थीं। अंबानी की बेटी येल यूनिवर्सिटी में पढ़ाई कर रही है।  बताया जा रहा है कि शाहरुख और नीता अंबानी प्राइवेट प्‍लेन से न्‍यूयॉर्क के ह्वाइट प्‍लेन एयरपोर्ट पर उतरे। इमिग्रेशन विभाग के अधिकारियों ने सभी को एयरपोर्ट से बाहर निकलने को हरी झंडी दे दी लेकिन शाहरुख को वहां से छोड़ने से पहले दो घंटे तक रोक कर रखा। सूत्र बताते हैं कि इस घटना से शाहरुख बेहद अपसेट दिख रहे थे। येल युनिवर्सिटी के अधिकारियों को जब किंग खान के एयरपोर्ट पर हिरासत में लिए जाने की खबर मिली तो उन्‍होंने वाशिंगटन स्थित होमलैंड सिक्‍योरिटी, इमिग्रेशन और कस्‍टम्स डिपार्टमेंट से संपर्क किया और पूरी बात बताई। इससे पहले 2009 में भी शाहरुख को यहां के नेवार्क एयरपोर्ट पर रोका गया था और दो घंटे की पूछताछ के बाद छोड़ा गया।    

 

Thursday, April 12, 2012

'निर्मल बाबम पापड भी तोड दे तो 15 लाख दें दूगां'
नागपुर. अजीबोगरीब उपाय बता कर लोगों की किसी भी तरह की समस्‍याएं सुलझाने का दावा करने वाले निर्मल बाबा की मुसीबतें बढ़ती लग रही हैं। उनके खिलाफ जहां एक के बाद एक शिकायतें दर्ज हो रही हैं, वहीं अब उन्‍हें खुले आम चुनौती भी दी गई है। उन पर पैसे देकर लोगों से अपना महिमा मंडन कराने वाले बयान दिलवाने के आरोप भी लग रहे हैं।अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति का कहना है कि निर्मल बाबा दैविक शक्ति का दावा करके लोगों का आर्थिक शोषण कर रहे हैं। यहां जारी बयान में समिति के कार्याध्यक्ष उमेश चौबे व हरीश देशमुख ने आरोप लगाया कि निर्मल बाबा का दैविक शक्ति का दावा खोखला, निराधार व धार्मिक प्रवृत्ति के कट्टरपंथी लोगों के लिए मानसिक रूप से गुमराह करने वाला है। उन्होंने आरोप लगाया कि टीवी चैनलों पर नकली भक्तों को पेश कर बाबा अपनी वाहवाही कराते हैं। समिति ने टीवी चैनलों पर चल रहे इन विज्ञापनों पर पाबंदी लगाने की मांग केंद्र सरकार से की है। उन्‍होंने कहा कि यदि बाबा के पास वास्तव में चमत्कारिक शक्तियां हैं, तो वह अपनी शक्तियों के बल पर एक पापड़ भी तोड़ कर दिखा दें तो समिति उन्‍हें 15 लाख रु. इनाम देगी। उधरलखनऊ और रायपुर में बाबा के खिलाफ पुलिस में शिकायत भी दर्ज करवाई गई है। रायपुर के डीडी नगर थाने में दर्ज शिकायत में टीवी चैनलों में दिखाए जा रहे 'थर्ड आई निर्मल बाबा' कार्यक्रम में लोगों की समस्याओं का समाधान करने का दावा करने वाले निर्मल बाबा पर पाखंडी होने का आरोप लगाया गया है। इसमें कहा गया है कि बाबा लोगों को अनर्गल उपाय बतलाकर उनके साथ धोखाधड़ी करके फीस के रूप में मोटी रकम वसूलते हैं। बाबा के बताए उपाय खोखले और भोलेभाले लोगों को गुमराह करने वाले हैं। शिकायत दर्ज कराने वाले रविशंकर विश्वविद्यालय के पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष योगेन्द्र शंकर शुक्ला ने रायपुर में प्रेस वार्ता कर कहा है कि चैनलों में निर्मल बाबा को ईश्वर का अवतार व दुखों का हरण करने वाले बाबा के रूप में प्रचारितकिया जा रहा है। वे लोगों को बताते हैं कि समस्याएं सुलझाने के लिए भजिया, समोसा खाएं या महंगे जूते पहने, महंगा पर्स जेब में रखें या नोटों की गड्डी तिजोरी में रखें। घर में शिवलिंग न रखें। ऐसे ही अनेक उपाय पूर्ण रूप से खोखले हैं और इनसे समस्या का समाधान नहीं होता बल्कि लोगों में अंधविश्वास जैसी भावना पनपती है। उन्‍होंने कहा कि शिवलिंग को घर में न रखने की सलाह से उनकी धार्मिक भावना को ठेस पहुंची है। वे बरसों से शंकर के भक्त हैं और उनके जैसे अनेक लोग आहत हुए हैं। लखनऊ के गोमती नगर थाने में भी ऐसी ही शिकायत दर्ज हुई है। उधर, कई टीवी सीरियल में काम कर चुकी जूनियर आर्टिस्ट निधि के हवाले से भी मीडिया में खबर आई है कि निर्मल बाबा  प्रारंभिक दिनों में ठगी का धंधा चमकाने के लिए ठग  नोएडा की फिल्म सिटी स्थित एक स्टूडियो में अपने प्रोग्राम की शूटिंग करवाते थे। उसमें बाबा के सामने जो लोग अपनी समस्या हल होने का दावा करते थे, वे लोग असली न होकर जूनियर आर्टिस्ट हुआ करते थे। निधि ने बताया कि उन जूनियर आर्टिस्टों की लिस्‍ट में उसका भी नाम था।
निधि का कहना है कि निर्मल बाबा सवाल पूछने के लिये उसे 10 हजार रुपये देते थे। बाबा की पोल खोलते हुए निधि कहती हैं कि शुरू के दो महीने तक निर्मल बाबा ने अपने ही आदमियों और जूनियर आर्टिस्टों से प्रश्‍न पुछवाया।