ठाकरे परिवार के बिहार कनेक्शन (मूलत: जुड़ाव) पर सियासी घमासान छिड़ गया है। शिवसेना के कार्यकारी अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने गुरुवार को बिहार से अपने परिवार के जुड़ाव को खारिज करते हुए कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह पर निशाना साधा है। उद्धव ने कहा दिग्विजय सिंह का दिमाग खराब हो गया है। किताब में ठाकरे परिवार के बारे में कुछ भी नहीं है। इसमें मराठी समाज के बारे में जिक्र किया गया है।उद्धव के मुताबिक, उनके दादाजी ने जो कुछ भी लिखा है वो किसी दूसरे ठाकरे परिवार के बारे में लिखा है और दिग्विजय सिंह वोटों की राजनीति कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि दिग्विजय पागल हैं, उसके कहने पर मत जाओ। मेरे दादा ने जो लिखा है वो समाज के बारे में लिखा है। दिग्विजय को इतिहास की समझ नहीं है। उसमें हमारे बारे में ये सब नहीं लिखा गया है।दिग्विजय के बयान पर उद्धव ने उन्हें आड़े हाथों लिया है। उन्होंने आरोप लगाया कि दिग्विजय ने वोटों की राजनीति कर रहे हैं। उन्हें हमारे से पहले अपनों के बारे में जानकारी जुटानी चाहिए। उद्धव ने कहा कि उनके पूर्वज नासिक के पास धोड़प किले में किलेदार थे। उन्होंने कहा कि किताब में ठाकरे उपनाम के बारे में लिखा है न कि उनके परिवार के बारे में।
गौरतलब है कि काग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने बुधवार को ठाकरे परिवार का बिहार का होने के सबूत वह किताब मीडिया के सामने पेश की थी जो उद्धव के दादा प्रबोधंकर ठाकरे ने लिखी थी। यह पुस्तक बीजेपी-शिवसेना सरकार के दौरान छापी गई थी। गौर हो कि दिग्विजय सिंह ने एक किताब का हवाला देते हुए कहा है कि ठाकरे परिवार का मगध (बिहार) से रिश्ता है। उन्होंने बाल ठाकरे के पिता की किताब का भी हवाला भी दिया। गौर हो कि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इस बात का सबूत पेश किया है कि राज ठाकरे का परिवार बिहार से ताल्लुक रखता है। ठाकरे परिवार को बिहार से आया हुआ बताकर वह पहले ही सियासी माहौल गर्मा चुके हैं और अब उन्होंने अपनी बात साबित करने के लिए वह किताब सामने ला दी है जो खुद बीजेपी-शिवसेना के राज में छापी गई थी।दिग्विजय ने कहा कि मनोहर जोशी के मुख्यमंत्री रहते हुए महाराष्ट्र सरकार ने प्रबोधंकर ठाकरे का समग्र वांग्मय कांड छापा था। प्रबोधंकर राज ठाकरे के दादा थे। इस किताब में ठाकरे परिवार के इतिहास के बारे में विस्तार से बताया गया है। उन्होंने दावा किया कि इस किताब के एक पेज पर लिखा है कि ठाकरे परिवार मगध यानी बिहार से भोपाल गया, वहां से चित्तौड़गढ़ और वहां से पुणे के मांधवगढ़ चला आया। दिग्विजय ने कहा कि यह किताब मेरे पास पहले से थी। इसी किताब के आधार पर मैंने कहा था कि ठाकरे का पूरा परिवार बिहार से है। दिग्विजय ने इस किताब का खुलासा करते हुए राज ठाकरे को नसीहत दी कि उन्हें अपने बिहार से होने पर गर्व करना चाहिए और नफरत की बजाय सौहार्द फैलाना चाहिए।
गौरतलब है कि काग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने बुधवार को ठाकरे परिवार का बिहार का होने के सबूत वह किताब मीडिया के सामने पेश की थी जो उद्धव के दादा प्रबोधंकर ठाकरे ने लिखी थी। यह पुस्तक बीजेपी-शिवसेना सरकार के दौरान छापी गई थी। गौर हो कि दिग्विजय सिंह ने एक किताब का हवाला देते हुए कहा है कि ठाकरे परिवार का मगध (बिहार) से रिश्ता है। उन्होंने बाल ठाकरे के पिता की किताब का भी हवाला भी दिया। गौर हो कि कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने इस बात का सबूत पेश किया है कि राज ठाकरे का परिवार बिहार से ताल्लुक रखता है। ठाकरे परिवार को बिहार से आया हुआ बताकर वह पहले ही सियासी माहौल गर्मा चुके हैं और अब उन्होंने अपनी बात साबित करने के लिए वह किताब सामने ला दी है जो खुद बीजेपी-शिवसेना के राज में छापी गई थी।दिग्विजय ने कहा कि मनोहर जोशी के मुख्यमंत्री रहते हुए महाराष्ट्र सरकार ने प्रबोधंकर ठाकरे का समग्र वांग्मय कांड छापा था। प्रबोधंकर राज ठाकरे के दादा थे। इस किताब में ठाकरे परिवार के इतिहास के बारे में विस्तार से बताया गया है। उन्होंने दावा किया कि इस किताब के एक पेज पर लिखा है कि ठाकरे परिवार मगध यानी बिहार से भोपाल गया, वहां से चित्तौड़गढ़ और वहां से पुणे के मांधवगढ़ चला आया। दिग्विजय ने कहा कि यह किताब मेरे पास पहले से थी। इसी किताब के आधार पर मैंने कहा था कि ठाकरे का पूरा परिवार बिहार से है। दिग्विजय ने इस किताब का खुलासा करते हुए राज ठाकरे को नसीहत दी कि उन्हें अपने बिहार से होने पर गर्व करना चाहिए और नफरत की बजाय सौहार्द फैलाना चाहिए।
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