जल सत्याग्रह पर बैठे आदोलनकारियों को जबरन पानी से बाहर निकाला जा रहा है। इंदिरा सागर बांध के पानी की चपेट में आ रहे खरदना और आसपास के गांव के डूब प्रभावितों द्वारा बीते 14 दिन से किए जा रहे जल सत्याग्रह स्थल पर धारा-144 लागू कर दी गई है। सरकार ने सत्याग्रहियों से निपटने के लिए अपनी रणनीति तैयार कर ली है। प्रशासन से मिली जानकारी के मुताबिक बुधवार सुबह तक तकरीबन 75 लोगों को पानी से खदेड़ दिया गया है।सरकार के इस कदम से तो यह साफ होता है कि वह हरदा में इंदिरा सागर बाध परियोजना को लेकर चल रहे आदोलन के आगे झुकने को तैयार नहीं है। सरकार का कहना है कि वह इस परियोजना का मुआवजा बाट चुकी है और इस साल सिर्फ एक बार ही बाध को उसकी पूरी क्षमता 262.13 मीटर तक भरा गया है।
वहीं, आदोलकारियों का कहना है कि जब तक उनकी सभी मागे नहीं मान ली जाती हैं वह जल सत्याग्रह खत्म नहीं करेंगे।गौरतलब है कि धरना स्थल पर लगातार टीम अन्ना, इंडिया अंगेस्ट करप्शन, किसान संघ सहित विभिन्न सामाजिक एवं गैर राजनीतिक संगठनों के लोगों द्वारा सत्याग्रह को समर्थन मिल रहा है। इससे चिंतित सरकार ने स्थल पर धारा-144 लगा दी है। खरदना में पुलिस बल तैनात कर दिया गया है।मंगलवार को खरदना पहुंची चितरूपा पालित ने मीडिया से कहा कि ओंकारेश्वर व इंदिरा सागर बांध सामूहिक मुद्दा था। सरकार इसे अलग-अलग मानकर भूल कर रही है। अब इंदिरा सागर बांध के हर डूब प्रभावित गांव में जल सत्याग्रह किया जाएगा। इससे पहले प्रशासन ने चितरूपा को छीपाबड़ गांव में एक घंटे तक रोके रखा। बाद में कलेक्टर से बात होने
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