Sunday, September 16, 2012

विपक्ष राजनीति करना छोड़ अपनी जिम्मेदारी निभाए


विश्व  में किसी भी देश में ऐसा नहीं हो रहा की विपक्ष अपने राजनीतिक स्वार्थो की खातिर देश को विश्व में हाशिये पर खड़ा कर दिया हैं राजनीतिक स्वार्थ देश की छवि , देश की उन्नति , देश की प्रतिष्ठा से कितना उपर हो गए हैं अगर विपक्ष चाहे तो सार्थक विपक्ष की भूमिका निभा सकता हैं , अगर विपक्ष को जनता की सही मायने में जनता की चिंता है तो उसके पास इतना सब हैं की वो जनता को एक बड़ी राहत दे सकता है परन्तु राजनीति इतनी हावी हो गयी है की जनता की चिंता गौण हो गयी है और उनकी राजनीति की दुकान चलना जरुरी है . आज हर चीज पर राजनीति हो रही है किसी भी राजनीतिक दल को जनता की कोई परवाह नहीं है हर कोई जनता को वरगला रहा है जनता को  झूठ बोल ठगा जा रहा है . इसकी कुछ बानगी पेश है ---
१. केंद्र सरकार अगर पेट्रोल या डीज़ल गैस के दम बढाती है तो हर राज्य / प्रदेश सरकार को  अधिकार है की वो अपने प्रदेश /राज्य में टैक्स न लगाये या कम लगाये और अपने सस्तर पर जनता को राहत दिला सके पर राजनीति की दुकान कैसे चलेगी . केंद्र सरकार को कोसने का स्वर्णिम मौका कैसे चूका जाये सो  जनता को मुर्ख बनाओ . कितने  प्रदेशो में गैर कांग्रेस सरकार है वहा क्यों नहीं  राज्य सरकार जनता को राहत नहीं देती  गुजरात  में तो  महान मोदी जी मुख्यमंत्री हैं वो अपने प्रदेश में जनता को  राहत देने की बजाय राजनीतिक रोटिय सकने में जयादा मशगुल रहते हैं इंतना ही नहीं  भा जा पा को अगर जनता की जरा भी चिंता है तो भा जा पा शासित प्रदेशो में  हिमाचल प्रदेश , मध्यप्रदेश , छतीसगड ,  कर्णाटक , झारखण्ड  के अलावा पंजाब , ओडिशा , उत्तर प्रदेश  प् . बंगाल इत्यादि कई प्रदेश हैं जन्हा पर गैर कांग्रेसी सरकारे हैं  मगर जनता को मुर्ख बनाने का मौका कैसे खोया जाये उनको राहत न देकर  राजनीतिक रोटिया कैसे सेके जाएगी इस पर ज्यादा जोर रहता है  इसके अलावा ऐसा सभी गैर कांग्रेस प्रदेशो में ऐसा किया जा सकता है फिर ये प्रदेश सरकारे ऐसा क्यों नहीं कर रही . सिर्फ  राजनीति क्यों की जा रही है .
२. एफ़ डी आई पर भी कमोवश यही स्थिति है . राज्य सरकारे  चाहे तो एफ़ डी आई को लागु करने से इंकार कर सकती हैं . परन्तु राजनीति दलों की दुकान कैसे चलेगी . इस सब मै जनता को कैसे बेवकूफ बनाती राजनीति पार्टी .


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