जेडीयू ने गुजरात विधानसभा चुनाव में करीब 35 सीटों पर अपने कैंडिडेट्स उतारने की तैयारी की है। जेडीयू के महासचिव व गुजरात प्रभारी के.सी. त्यागी ने कहा है कि पार्टी तकरीबन 35 सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है। मोदी और नीतीश की जुबानी जंग अब गुजरात विधानसभा के चुनावों में दिखेगी। नीतीश अपनी पार्टी जेडीयू के लिए गुजरात में प्रचार करेंगे और मोदी के खिलाफ वोट मांगेंगे। नीतीश के साथ पार्टी अध्यक्ष और एनडीए संयोजक शरद यादव भी जेडीयू की ओर से प्रचार करेंगे। गुजरात में जेडीयू ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पिछले कुछ महीनों से नीतीश और मोदी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। दोनों एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं। कुछ दिन पहले मोदी ने नीतीश का नाम लिए बगैर उनपर जातिवादी होने का आरोप लगाया था तो नीतीश कई बार परोक्ष रूप से उनपर सांप्रदायिक होने का आरोप लगा चुके हैं। मोदी को निशाना बनाते हुए नीतीश कई बार यह कह चुके हैं कि एनडीए की तरफ से 2014 के चुनावों में पीएम का उम्मीदवार सेक्युलर छवि का होना चाहिए। पिछली बार बिहार में जब चुनाव हुए थे तब नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी को राज्य में चुनाव प्रचार करने के लिए नहीं आने दिया था। तब बीजेपी उन्हें चुनाव प्रचार के लिए बिहार बुलाना चाहती थी।
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Monday, September 10, 2012
गुजरात विधानसभा चुनाव में 35 सीटों पर जेडीयू लड़ेगी चुनाव
जेडीयू ने गुजरात विधानसभा चुनाव में करीब 35 सीटों पर अपने कैंडिडेट्स उतारने की तैयारी की है। जेडीयू के महासचिव व गुजरात प्रभारी के.सी. त्यागी ने कहा है कि पार्टी तकरीबन 35 सीटों पर उम्मीदवार उतार सकती है। मोदी और नीतीश की जुबानी जंग अब गुजरात विधानसभा के चुनावों में दिखेगी। नीतीश अपनी पार्टी जेडीयू के लिए गुजरात में प्रचार करेंगे और मोदी के खिलाफ वोट मांगेंगे। नीतीश के साथ पार्टी अध्यक्ष और एनडीए संयोजक शरद यादव भी जेडीयू की ओर से प्रचार करेंगे। गुजरात में जेडीयू ने अकेले चुनाव लड़ने का फैसला किया है। पिछले कुछ महीनों से नीतीश और मोदी के बीच जुबानी जंग छिड़ी हुई है। दोनों एक दूसरे पर वार-पलटवार कर रहे हैं। कुछ दिन पहले मोदी ने नीतीश का नाम लिए बगैर उनपर जातिवादी होने का आरोप लगाया था तो नीतीश कई बार परोक्ष रूप से उनपर सांप्रदायिक होने का आरोप लगा चुके हैं। मोदी को निशाना बनाते हुए नीतीश कई बार यह कह चुके हैं कि एनडीए की तरफ से 2014 के चुनावों में पीएम का उम्मीदवार सेक्युलर छवि का होना चाहिए। पिछली बार बिहार में जब चुनाव हुए थे तब नीतीश कुमार ने नरेंद्र मोदी को राज्य में चुनाव प्रचार करने के लिए नहीं आने दिया था। तब बीजेपी उन्हें चुनाव प्रचार के लिए बिहार बुलाना चाहती थी।
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