' असली किंग कौन' सहवाग : धौनी
नयी दिल्ली. आईपीएल
में आज होने वाले मैच में जब चेन्नई सुपर किंग्स के कप्तान महेंद्र सिंह धोनी टूर्नामेंट के
फाइनल में जगह बनाने के लिए उतरेंगे तो उनके दिमाग में मैच जीतने की तरकीबें सोचने
के साथ ही एक व्यक्ति का अक्स उभर रहा होगा। यह अक्स होगा विपक्षी टीम दिल्ली
डेयरडेविल्स के कप्तान वीरेंद्र सहवाग का। वजह। इसकी वजह है कि टीम इंडिया के
ओपनर वीरू और कप्तान धोनी के आपसी रिश्ते की मधुरता आस्ट्रेलिया दौरे में उपजी
गरमी के कारण भाप बन कर फुर्र हो गयी थी। और तब से इन दोनों वरिष्ठ खिलाडि़यों के
बीच तनातनी बने रहने की दुखदाई खबरें आनी शुरू हो गईं।
धोनी और सहवाग को बहुत अच्छा दोस्त भी नहीं माना जाता।
आस्ट्रेलिया में मिल रही लगातार पराजयों के बीच यह खबर आई थी कि वीरू और धोनी के
बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा । इस बात का अंदाजा इस बात से भी लगाया गया कि सहवाग को
आस्ट्रेलिया सीरिज के बाद हुए एशिया कप में ‘ आराम’ दिया
गया। दोनों खिलाडि़यों ने कभी भी इस बारे में कुछ नहीं कहा और सारी खिचड़ी
ड्रेसिंग रूम के लोहे के दरवाजों के पीछे ही पकती रही और कुछ भी ठोस रूप में बाहर
नहीं आ सका।
आईपीएल में दोनों टीमों के सफर की बात करें तो डेयरडेविल्स ने शुरू से ही अपना पलड़ा भारी रखा। वे मुकाबले दर मुकाबले अपने खेल के स्तर को उठाते गए और एक के बाद एक जीत दर्ज की। जबकि इसके उलट धोनी के सुपर किंग्स शुरूआती चमक बिखरने के बाद हार के अंधेरों में खोते नजर आये। यहां तक कि उनका अंतिम चार में पहुंचना दूसरे के हारने जीतने पर निर्भर हो गया। रॉयल चैलेंजर बेगलुरू जब डेक्कन चार्जर्स से लीग मैच में हारी तो ही चेन्नई प्लेऑफ में शामिल हो सकी।
सुपर किंग्स ने मुंबई इंडियन्स के साथ एलिमिनेटर राउंड में गजब का खेल दिखाया और टूर्नामेंट शुरू होने पर मजबूत टीम मानी जा रही हरभजन सिंह की इस टीम को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस मैच के बाद चेन्नई सुपर किंग्स दावेदार के तौर भी उभरी। इस मैच में धोनी के धमाकेदार प्रदर्शन से टीम की उम्मीदों पर एक बार फिर सुनहरा रंग चढ़ गया। इससे सबसे खास यह रहा कि टूर्नामेंट में फीका प्रदर्शन कर रहे धोनी अपने रंगत में वापसी कर गए। उधर डेयरडेविल्स के कप्तान वीरू लगातार धमाकेदार प्रदर्शन करते रहे। यहां तक कि उन्होंने लगातार पांच अर्धशतक जमा कर रिकार्ड बना दिया और ओरेंज कैप के हकदार तक बन गये
पूर्व कप्तान गांगुली का मानना है कि चेन्नई के पास गेंदबाजी के लिए अच्छे ऑप्शन है। हिल्फेनहॉस के धारदार प्रदर्शन से जहां एक ओर टीम की ताकत बढ़ी है वहीं टीम का आत्मविश्वास बढ़ गया है। इसके अलावा मार्केल, ब्रावो, अश्विन ,जडेजा, जकाती और रैना जैसे प्रतिभाशाली गेंदबाजों के उनके पास भरमार है। लेकिन इस टीम के लिए चिंता की बात है उसकी बैटिंग। खब्बू बल्लेबाज सुरेश रैना अभी तक बड़ी पारी नहीं खेल सके हैं। मुरली विजय, बद्रीनाथ और हसी ने भी बल्ले की चमक नहीं बिखेरी है। मुंबई वाले मैच से पहले तक खुद कप्तान धोनी फॉर्म के लिए संघर्ष करते नजर आये। इसलिए चेन्नई को आगे बढ़ने के लिए बैटिंग डिपार्टमेंट में सुधार करना होगा।
आईपीएल में दोनों टीमों के सफर की बात करें तो डेयरडेविल्स ने शुरू से ही अपना पलड़ा भारी रखा। वे मुकाबले दर मुकाबले अपने खेल के स्तर को उठाते गए और एक के बाद एक जीत दर्ज की। जबकि इसके उलट धोनी के सुपर किंग्स शुरूआती चमक बिखरने के बाद हार के अंधेरों में खोते नजर आये। यहां तक कि उनका अंतिम चार में पहुंचना दूसरे के हारने जीतने पर निर्भर हो गया। रॉयल चैलेंजर बेगलुरू जब डेक्कन चार्जर्स से लीग मैच में हारी तो ही चेन्नई प्लेऑफ में शामिल हो सकी।
सुपर किंग्स ने मुंबई इंडियन्स के साथ एलिमिनेटर राउंड में गजब का खेल दिखाया और टूर्नामेंट शुरू होने पर मजबूत टीम मानी जा रही हरभजन सिंह की इस टीम को बाहर का रास्ता दिखा दिया। इस मैच के बाद चेन्नई सुपर किंग्स दावेदार के तौर भी उभरी। इस मैच में धोनी के धमाकेदार प्रदर्शन से टीम की उम्मीदों पर एक बार फिर सुनहरा रंग चढ़ गया। इससे सबसे खास यह रहा कि टूर्नामेंट में फीका प्रदर्शन कर रहे धोनी अपने रंगत में वापसी कर गए। उधर डेयरडेविल्स के कप्तान वीरू लगातार धमाकेदार प्रदर्शन करते रहे। यहां तक कि उन्होंने लगातार पांच अर्धशतक जमा कर रिकार्ड बना दिया और ओरेंज कैप के हकदार तक बन गये
पूर्व कप्तान गांगुली का मानना है कि चेन्नई के पास गेंदबाजी के लिए अच्छे ऑप्शन है। हिल्फेनहॉस के धारदार प्रदर्शन से जहां एक ओर टीम की ताकत बढ़ी है वहीं टीम का आत्मविश्वास बढ़ गया है। इसके अलावा मार्केल, ब्रावो, अश्विन ,जडेजा, जकाती और रैना जैसे प्रतिभाशाली गेंदबाजों के उनके पास भरमार है। लेकिन इस टीम के लिए चिंता की बात है उसकी बैटिंग। खब्बू बल्लेबाज सुरेश रैना अभी तक बड़ी पारी नहीं खेल सके हैं। मुरली विजय, बद्रीनाथ और हसी ने भी बल्ले की चमक नहीं बिखेरी है। मुंबई वाले मैच से पहले तक खुद कप्तान धोनी फॉर्म के लिए संघर्ष करते नजर आये। इसलिए चेन्नई को आगे बढ़ने के लिए बैटिंग डिपार्टमेंट में सुधार करना होगा।
आस्ट्रेलिया
के सबसे सफल कप्तानों में शुमार स्टीव वॉ मानते हैं कि कोलकाता के खिलाफ हुए मैच
में दिल्ली डेयरडेविल्स ने कुछ गलतियां की। मैच की कंडीशन स्पिन गेंदबाजी के ज्यादा
अनुकूल थीं लेकिन उन्होंने अपने तेज गेंदबाजों पर ज्यादा भरोसा किया। शायद दिल्ली
यही मान रही होगी कि वे अपनी दमदार बैटिंग के चलते बड़ा से बड़े स्कोर का पीछा
करके जीत हासिल कर लेगें। यह देखना खुद को चक्कर में डालने जैसा था कि रॉस टेलर
ऐसी हालत में बल्लेबाजी करने उतरे जब मैच में हार सुनिश्चित हो चुकी थी। आज के
मैच में चेन्नई के लिए हालात ज्यादा अनुकूल हैं। इसकी दो वजहें हैं एक तो यह कि
सुपरकिंग्स अपने घरेलू मैदान पर खेल रहे हैं और दूसरे यह टीम तनाव में भी अच्छा
प्रदर्शन करती है।
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