Thursday, May 31, 2012


'बिक्रम सिंह को दुनिया की दूसरी बडी थल सेना की कमान'
नई दिल्ली। दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी थल सेना का नेतृत्व करने वाले भारत को गुरुवार को नया सेनाध्यक्ष मिल गया। गुरुवार को जनरल बिक्रम सिंह ने पदभार संभाल लिया। 26 माह के कार्यकाल के बाद जनरल वीके सिंह आज रिटायर हो गए। जनरल वीके सिंह लेफ्टिनेंट जनरल को बेटन सौंपी।
सेना के 25 वें मुखिया के तौर पर पद संभालने वाले बिक्रम सिंह पूर्वी कमान से संबंध रखते हैं। गुरुवार दोपहर रक्षा मंत्रालय में सेनाध्यक्ष के कमरे में जनरल वीके सिंह अपने उत्तराधिकारी को सेना की कमान सौंपी
बेबाक अधिकारी की छवि रखने वाले वीके सिंह का कार्यकाल जहां विवादों से घिरा रहा वहीं, नए सेनाध्यक्ष बिक्रम सिंह भी ऐसे वक्त पद संभाल रहें हैं जब उनकी नियुक्ति के खिलाफ अदालत में सवाल उठाए जा रहे हैं। बिक्रम सिंह की नियुक्ति को चुनौती देने वाली जनहित याचिका सुप्रीम कोर्ट ने पिछले महीने खारिज कर दी थी। लेकिन उस फैसले के खिलाफ नई पुनर्विचार याचिका दाखिल कर दी गई है और सुप्रीम कोर्ट को अभी उस पर विचार करना है।
पुनर्विचार याचिका पूर्व नौसेनाध्यक्ष एल रामदास और पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्त एन. गोपालस्वामी ने दाखिल की है। इससे पहले फर्जी मुठभेड़ के एक मामले में जम्मू-कश्मीर हाई कोर्ट ने भी बिक्रम सिंह को बरी कर दिया था।
बिक्रम सिंह पूर्वी कमान से सेनाध्यक्ष पद पर पहुंचने वाले पांचवें अधिकारी हैं। वीके सिंह भी पूर्वी कमान के ही कमांडर थे। सरकारी पत्रिका सैनिक समाचार को दिए साक्षात्कार में बिक्रम सिंह ने कहा है कि फौज को किसी भी चुनौती के लिए तैयार करना उनकी प्राथमिकता है। साथ ही तीनों सेनाओं के बीच तालमेल बढ़ाने पर भी उनका जोर होगा। वह अधिकारी और अपने मित्रों के बीच बिक्की के नाम से मशहूर हैं।
जनरल बिक्रम सिंह ने आतंकवाद निरोधक अभियान वाले क्षेत्रों में कई महत्वपूर्ण पदों पर कार्य किया। इसमें श्रीनगर स्थित 15 कोर के कोर कमाडर और अखनूर स्थित 10 वीं डिविजन का मेजर जनरल पद शामिल है। उन्होंने प्रतिष्ठित भारतीय सैन्य अकादमी से निकलने के बाद सिख लाइट इंफेंट्री रेजीमेंट में 31 मार्च 1972 को कमीशन प्राप्त किया।
आईएमए में उन्हें रणनीति एवं नेतृत्व के लिए जम्मू कश्मीर राइफल्स स्वर्ण पदक एवं श्रीगणेश ट्राफी प्रदान की गई। इंफेंट्री स्कूल में युवा अधिकारी के रूप में प्रशिक्षण के दौरान उन्हें कमाडो डैगर और बेस्ट इन टैकटिक्स ट्राफी भी प्रदान की गई।
अपनी 40 बरस की सैन्य सेवा में सिंह उत्तरी कमान में कोर कमांडर और संयुक्त राष्ट्र मिशन में भी महत्वपूर्ण पदों पर रह चुके हैं। उन्हें परम विशिष्ट सेवा, उत्तम युद्ध सेवा, अतिविशिष्ट सेवा और सेना मैडल जैसे अलंकरणों से नवाजा जा चुका है।
जनरल बिक्रम सिंह ने बेलगाम स्थित इंफ्रेंट्री स्कूल के कमाडो विंग के प्रशिक्षक के रूप में भी कार्य किया। जनरल बिक्रम सिंह करगिल युद्ध के दौरान सेना का चेहरा थे क्योंकि उस समय वह सैन्य अभियान निदेशालय में कार्यरत थे तथा वह भारतीय क्षेत्र से दुश्मन के सैनिकों को खदेड़ने के लिए सेना के अभियान की प्रगति के बारे में मीडिया को नियमित जानकारी मुहैया कराते थे। ब्रिगेडियर के रूप में बिक्रम सिंह ने पेनसिलवानिया स्थित यूनाटेड स्टेट आर्मी वार कालेज में भाग लेने के साथ ही संयुक्त राष्ट्र के दो अभियानों में भी कार्य किया। इसमें मध्य अमेरिका में डिप्टी फोर्स कमाडर और कागो में पूर्वी डिविजन के जीओसी के रूप में उनका कार्य शामिल है।


'रोमिंग और मोबइल नंबर बदलने का झंझट हुआ खत्म'
अब जल्द ही आपके मोबाइल पर लगने वाला रोमिंग चार्ज खत्म हो जाएगा। कैबिनेट ने आज राष्ट्रीय दूरसंचार नीति-2012 को मंजूरी दे दी है। इस फैसले के चलते अब मोबाइल के दूसरे शहर में इस्तेमाल पर लगने वाला रोमिंग चार्ज खत्म हो जाएगा। साथ ही पूरे देश में एक मोबाइल नंबर ही काम कर सकेगा। यानी शहर बदलने पर मोबाइल नंबर बदलने की जरूरत नहीं रह जाएगी। इसके अलावा स्पेक्ट्रम लाइसेंस के लिए नए सिरे से नीलामी किए जाने का भी फैसला लिया गया है। 
नई दूरसंचार नीति में देश भर में रोमिंग चार्ज खत्म करने के साथ ही देशव्यापी नंबर पोर्टिबिलिटी और इंटरनेट ब्रॉडबैंड की स्पीड बढ़ाने की भी बात शामिल है। नंबर पोर्टेबिलिटी की सुविधा का विस्तार करते हुए नई दूरसंचार नीति में इस बात की इजाजत दी गई है कि कोई भी ग्राहक अब देश में कहीं भी जाए, उसे अपना मोबाइल नंबर बदलने की जरूरत नहीं होगी। इसका मतलब यह हुआ कि सर्विस प्रोवाइडर या शहर (सर्किल) बदलने पर आप अपना पुराना मोबाइल नंबर बरकरार रख सकते हैं।
नई दूरसंचार नीति स्पेक्ट्रम की पूलिंग, सहभागिता और आने वाले समय में कारोबार की भी इजाजत देगा। इससे एक कंपनी के पास अधिक मात्रा में स्पेक्ट्रम होने पर वह इसे अन्य के साथ बांट सकती है या फिर उसे बेचकर लाभ कमा सकती है। हालांकि इसके लिए निश्चित तौर पर उन्हें कुछ नियमों का पालन करना होगा। टेलीकॉम इंडस्ट्री लंबे समय से इसकी मांग कर रही थी। 
सरकार की ओर से यह नीति लगभग एक दशक बाद उस समय लाई गई है जब एक केंद्रीय मंत्री सहित लगभग 14 लोग वर्ष 2008 के स्पेक्ट्रम आंवटन में कथित गड़बड़ी को लेकर आरोपों के घेरे में हैं। इन सभी का कहना है कि उन्होंने उस समय की नीति का पालन किया था। ऐसे में उनके खिलाफ कार्रवाई सही नहीं है। नई टेलीकॉम पॉलिसी में वर्ष 2020 तक हर गांव तक फोन पहुंचाने के साथ ही ग्रामीण टेलीफोन घनत्व को 37 से बढ़ाकर सौ प्रतिशत करने का लक्ष्य रखा गया है। 

बंद ने किया लोगों को तंग ,जगह :जगह हुए हुडदंग
आज एक बार फिर भारत बंद है। बंद महंगाई के खिलाफ है। पर इतिहास गवाह है कि हाल के दिनों में कोई राजनीतिक पार्टी बंद करा कर अपनी मांग नहीं मनवा पाई है। यहां तक कि अन्‍ना के जनांदोलन से भी वह हासिल नहीं हो सका, जिसके लिए जनांदोलन किया गया था।   बंद आम जनता के नाम पर आयोजित किए जाते हैं। पर बंद के दिन जनता पर तिहरी मार पड़ती है। उस दिन काम-काज का नुकसान तो होता ही है, बंद समर्थकों द्वारा सार्वजनिक संपत्ति को पहुंचाए गए नुकसान की भरपाई का बोझ भी उसके ऊपर पड़ जाता है। और, जिस समस्‍या से निजात दिलाने के लिए बंद किया जाता है, अगले दिन वह समस्‍या भी जस की तस बनी रहती है।   आज के बंद की ही बात करें तो लोग समय पर दफ्तर नहीं पहुंच सके, दिहाड़ी मजदूरों को काम नहीं मिल सका, मरीजों को अस्‍पताल पहुंचने में मुश्किल हो रही है, रेल यात्री जहां-तहां फंसे हुए हैं..... जनता इस तरह के बंद के पक्ष में नहीं है।  
पिछले दिनों आयोजित कुछ बंद से हुए नुकसान पर भी एक नजर डालिए:   तेलंगाना के लिए बंद: साल 2010 में अलग तेलंगाना के लिए आयोजित बंद से आंध्र प्रदेश में 60 हजार लोगों की रोजी-रोटी गई। एक दिन के बंद से राज्‍य में केवल कंपनियों को 530 करोड़ रुपये के नुकसान का अनुमान लगाया गया। अगस्‍त 2010 से अगस्‍त 2011 के दौरान राज्‍य में करीब 17 दिन बंद आयोजित किया गया और इससे 9010 करोड़ रुपये की चपत लग गई। तेलंगाना राज्‍य अब तक नहीं बन सका है।
6 जुलाई, 2010: अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट) ने बताया कि भारत बंद के दौरान व्यापारियों ने बढती महंगाई के खिलाफ कारोबार बंद रखा। इससे तकरीबन 20 हजार करोड रुपए का नुकसान हुआ और सरकार को तीन हजार करोड़ रुपए के राजस्व की हानि उठानी पड़ी।    इन बातों पर गौर करते हुए इस सवाल का जवाब जानना-समझना मौजूं हो जाता है कि इस तरह के बंद से किसका फायदा हो रहा है और यह किसके लिए किया जा रहा है और क्‍या विरोध का यह तरीका जायज है? इन सवालों पर क्‍या है आपकी राय, नीचे कमेंट बॉक्‍स में लिख कर सबमिट करें और विरोध का कौन सा तरीका उचित है, इस पर रायशुमारी में शामिल होकर अपना वोट (बांयी ओर) दें।

Wednesday, May 30, 2012


गर्मी से नही मिलेंगी राहत रहें सावधान
दिल्ली, एनसीआर सहित पूरे देश में चिलचिलाती धूप और लू के थपेड़ों ने लोगों को बेहाल कर रखा है। मौसम विभाग के मुताबिक अगले 36-48 घंटे के भीतर तापमान में किसी तरह के बदलाव के आसार नहीं हैं।
राजधानी दिल्ली और गाजियाबाद, नोएडा सहित एनसीआर में पिछले कुछ दिनों से तेज धूप और गर्म हवाएं लोगों को झुलसा रही हैं। दिल्ली और एनसीआर में बुधवार सुबह न्यूनतम तापमान सामान्य से एक डिग्री अधिक 28 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। दिन में तापमान 45 डिग्री के आसपास रहेगा। मंगलवार को राजधानी में अधिकतम तापमान सामान्य से तीन डिग्री अधिक 43.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
उत्तर प्रदेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक जेपी गुप्ता ने बताया कि अगले 36 घंटों तक तापमान में बदलाव की संभावना नहीं है। लू के थपेड़े इसी तरह जारी रहेंगे। बुधवार सुबह राजधानी लखनऊ का न्यूनतम तापमान 23.6 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से एक डिग्री कम था। बुधवार को लखनऊ का अधिकतम तापमान 44 डिग्री सेल्सियस के आसपास रहने की उम्मीद है।
मंगलवार को लखनऊ का अधिकतम तापमान 44.3 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जो सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक था। वहीं, वाराणसी का अधिकतम तापमान 44 डिग्री, इलाहाबाद का 46.3 डिग्री तथा कानपुर का तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया था।
दूसरी तरफ राजधानी पटना सहित पूरा बिहार पिछले एक पखवाड़े से भीषण गर्मी ओर लू की चपेट में है। पुरवईया हवा चलने के कारण लोग उमसभरी गर्मी से परेशान हैं। स्थिति यह है कि राज्य में सुबह का तापमान 30 डिग्री सेल्सियस को पार कर गया है। राज्य में मंगलवार को सबसे गर्म क्षेत्र गया रहा, जहां का अधिकतम तापमान 44.4 डिग्री सेल्सियस था। इसके अलावा पटना का अधिकतम तापमान 43.2 डिग्री और भागलपुर का 39.2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया।
राजस्थान के सबसे गर्म शहर श्रीगंगानगर में भी पारा 45 डिग्री के पार चला गया है। बीकानेर, जयपुर, जोधपुर इन शहरों में गर्म हवाओं ने लोगों का हाल बेहाल कर दिया है। मध्य प्रदेश में तापमान सामान्य से तीन डिग्री सेल्सियस अधिक हो गया है। राजधानी भोपाल का न्यूनतम तापमान 30.4 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया, जबकि अधिकतम 42.9 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया।
सूरज के तीखे तेवरों ने आम तौर पर इन दिनों ठंडे रहने वाले हिमाचल प्रदेश को भी नहीं बख्शा। शिमला का अधिकतम तापमान सामान्य से छह डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। शिमला में अधिकतम तापमान 29.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम 19.4 डिग्री सेल्सियस रिकॉर्ड किया गया। वहीं नरकंडा, कुफरी, कसौली, मनाली, पालमपुर, चंबा और डलहौजी जैसे पर्यटन स्थलों पर भी तापमान सामान्य से अधिक बना हुआ है।
गर्मियों के मौसम में पानी शरीर का सबसे बड़ा रक्षा कवच होता है। तेज गर्मी में शरीर के अधिक गर्म होने से हीट स्ट्रोक का खतरा बढ़ता है। चिकित्सकों के मुताबिक गर्मियों में शरीर का अधिकांश पानी पसीने के रूप में बाहर आ जाता है। इसलिए दिन में कम से कम 4 से 5 लीटर पानी पिएं। इसके अलावा नारियल पानी, छाछ और लस्सी पीने से भी शरीर में पानी का संतुलन बना रहता है।
अपनी डेली डाइट में हल्का सा बदलाव करके आप गर्मियों में हीट स्ट्रोक के खतरे से बच सकते हैं। गर्मियों में तला-भुना और भारी भोजन करने से बचना चाहिए, जितना हो सके हल्का भोजन करें। सलाद के रूप में खीरे और ककड़ी का प्रयोग जरूर करें। इनके अलावा रसदार फलों का भी सेवन करें।
हीट स्ट्रोक से बचने के लिए घूप के सीधे संपर्क में आने से बचें। बाहर निकलते समय छाते का प्रयोग करें। महिलाएं दुपट्टे से सिर को ढककर धूप से बच सकती हैं। चिकित्सक बताते हैं कि जो लोग काम की वजह से पूरे दिन घर से बाहर रहते हैं, उन लोगों को अपने सिर को कैप या किसी अन्य तरीके से ढककर रखना चाहिए। ऐसा करने से सूरज की गर्मी शरीर को प्रभावित नहीं कर पाती है।
गर्मियों मे हल्के रंग वाले और सूती कपड़ों को प्रा‌थमिकता दें। सूती और हल्के रंग के कपड़े शरीर को ठंडक प्रदान करते हैं। इन कपड़ों में शरीर को पर्याप्त हवा भी लगती है, जिससे शरीर गर्म होने से बचता है। इसके अलावा मोटर साइकिल या स्कूटर चलाते समय सिर पर एक गीला तौलिया रखें और उसके बाद हैलमेट लगाकर ही बाहर निकलें। गर्मी के मौसम में लू लगने पर शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है। इसके अलावा सिर में भारीपन, सिर दर्द, थकावट, जी मिचलना, शरीर का तापमान बढऩा, पसीना आना बंद होना, मुंह लाल होना, त्वचा का सूख जाना, अधिक प्यास लगना, नाड़ी की गति तेज हो जाना और बेहोश की भी शिकायत होती है।

Tuesday, May 29, 2012


'यूपी सहित 4 राज्य नही देंगे वैट पर कोई छूट'
उत्तरप्रदेश सहित पंजाब, हरियाणा और बिहार ने पेट्रोल से वैट कम करने से साफ इंकार कर दिया है। बता दें कि सोमवार को दिल्ली सरकार का बजट आने के बाद इन राज्यों पर भी वैट कम करने का दबाव बना था। दिल्ली सरकार ने सालाना बजट में पेट्रोल पर से वैट घटाकर इसे सवा रुपए सस्ता कर दिया है। उत्तरप्रदेश में प्रदेश सरकार ने निकाय चुनाव के मद्देनजर राज्य में लगी आचार संहिता के कारण पेट्रोल पर वैट में कटौती की बात से इंकार कर दिया। संसदीय कार्य मंत्री आजम खां ने कहा कि बजट में किसी नई योजना की घोषणा नहीं की जायेगी।
पंजाब में पेट्रोल पर 27.5 फीसदी वैट है। मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने जब इस बाबत बात की गई तो उन्होंने कहा कि इसमें कमी के बाद भी लोगों को बहुत ज्यादा राहत नहीं मिल पाएगी इसलिए वैट दरें ज्यों की त्यों बनी रहेंगी।
दूसरी ओर हरियाणा की मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा का कहना है कि हरियाणा अपने नागरिकों को पहले से ही देश भर से सस्ती कीमत पर पेट्रोल दे रहा है, ऐसे में कीमतों में कमी का प्रश्न ही नहीं उठता।
वहीं, बिहार में भी प्रदेश सरकार ने पेट्रोल पर वैट में कटौती से इंकार कर दिया। उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने बताया कि प्रदेश में पहले ही वैट की दरें कम हैं। ऐसे में पेट्रोल से वैट और कम नहीं किया जा सकता।

'पीएम ने सू की को दिया भारत आने का न्योंता'
प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने मंगलवार को यहां लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की से मुलाकात की। अधिकारियों ने कहा कि होटल सेडोना में दोनों नेताओं की मुलाकात 45 मिनट तक चली।
मनमोहन सिंह तीन दिवसीय यात्रा पर रविवार को म्यांमार पहुंचे थे। पिछले 25 वर्षो में म्यांमार की यात्रा करने वाले मनमोहन पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं। प्रधानमंत्री ने कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी का पत्र सू की को सौंपा। पत्र में सू की को जवाहरलाल नेहरू स्मृति व्याख्यान देने के लिए आमंत्रित किया गया है। सू की ने कहा कि वह इस निमंत्रण को स्वीकार करना चाहती हैं। मनमोहन सिंह तीन दिवसीय आधिकारिक यात्रा पर म्यांमार में हैं, जो मंगलवार को समाप्त हो रही है। म्यांमार की लोकतंत्र समर्थक नेता आंग सान सू की केवल राजनीतिक लड़ाई के लिए ही लाखों लोगों की प्रेरणास्रोत नहीं हैं, बल्कि वह अपने सुरुचिपूर्ण व साधारण परिधानों के लिए भी लाखों लोगों, खासकर महिलाओं के लिए प्रेरणास्रोत हैं। लोकतंत्र समर्थक सू की कई सालों तक नरबंद रही हैं। इस दौरान पति की कैंसर से मौत हो गई और वह उनसे मिल भी नहीं पाईं, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। चेहरे पर मुस्कान और बालों में फूल के गजरे व परंपरागत परिधानों में सू की ने लाखों लोगों को आकर्षित किया है। 'द इरावडी' पत्रिका के अनुसार, वर्ष 1990 में म्यांमार की लाखों महिलाओं ने सू की के प्रति समर्थन व्यक्त करने के लिए अपने दर्जियों को उनके जैसे ही ब्लाउज सिलने को कहा। म्यांमार की बहुत सी महिलाएं उनकी फैशन शैली को अपनाती हैं। सू की को नवम्बर, 2010 में रिहा किया गया। म्यांमार में लोकतंत्र बहाली के लिए संघर्षरत सू की से आज देश का दौरा करने वाले दुनिया के सभी नेता मुलाकात कर रहे हैं। देश में पहली अप्रैल को हुए संसदीय उप चुनाव के परिणाम भी उनकी पार्टी के पक्ष में गए हैं।


'उत्तराखंड बोर्ड परिणाम घोषित छात्राओ ने मारी बाजी'
उत्तराखंड विद्यालयी शिक्षा परिषद की हाईस्कूल एवं इंटरमीडिएट परीक्षा में इस बार भी छात्राओं ने बाजी मारी है। हाईस्कूल का परीक्षा परिणाम 70.26 प्रतिशत और इंटरमीडिएट का परीक्षा परिणाम 78.49 प्रतिशत रहा है।
उत्तराखंड बोर्ड के 10वीं और 12वीं के विद्यार्थी अपना रिजल्ट जानने के लिए  
हाईस्कूल में 76.10 प्रतिशत बालिकाओं और 64.97 प्रतिशत बालकों ने सफलता पाई है। जबकि इंटरमीडिएट में 83.44 प्रतिशत बालिका एवं 73.84 बालकों ने सफलता हासिल की है। इंटरमीडिएट में पूर्णानंद इंटर कालेज जसपुर की इरम सैफी ने 92.40 प्रतिशत हासिल कर सूबा ऑप किया है जबकि हाईस्कूल में जीआईसी रामनगर के समीर रियाज 95.80 अंकों के साथ टॉपर रहे हैं। अन्य दो टॉपरों में इंटर में शुभम गुप्ता (विद्या मंदिर बाबूगढ़, विकासनगर, देहरादून) 91.80 प्रतिशत अंक लेकर दूसरे और संजीव कुमार (आरकेएम विद्या मंदिर इंटर कालेज बाजपुर) 90.20 प्रतिशत अंकों के साथ तीसरे स्थान पर रहे हैं। हाईस्कूल में हरगोविंद सुयाल विद्या मंदिर हल्द्वानी की अदिति मंमगाई 94.60 प्रतिशत अंक लेकर दूसरे और विद्या मंदिर मुनस्यारी के सिद्धार्थ कुमार ने 93.80 प्रतिशत अंकों के साथ तीसरा स्थान पाया है। बोर्ड सचिव डॉक्टर डीके मथेला के मुताबिक सभापति के रूप में माध्यमिक शिक्षा निदेशक चंद्र सिंह ग्वाल ने परीक्षाफल घोषित किया। प्रदेश में 12 से 30 मार्च तक 1226 केंद्रों पर हाईस्कूल, इंटरमीडिएट बोर्ड परीक्षा हुई थी। इसमें पंजीकृत 3.16 लाख में से करीब आठ हजार परीक्षार्थी अनुपस्थित रहे थे। इन केंद्रों में से 188 केंद्र संवेदनशील थे। मूल्यांकन कार्य 10 से 25 अप्रैल तक हुआ था।

'आखिरकार तिवारी ने दिया खून का नमूना'
देहरादून, जागरण संवाददाता। पितृत्व विवाद में फंसे उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री नारायण दत्त तिवारी को मंगलवार को अंतत: अपने खून का नमूना देना ही पड़ा। अब उनके पुत्र होने का दावा करने वाले रोहित का सच सामने आ जाएगा। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के बाद सुबह 10 बजे के आसपास ही एक पांच सदस्यीय टीम उनके घर पहुंच गई थी। इस टीम में रोहित शेखर और उसकी मां उज्ज्वला भी शामिल थी।
जिला जज राजकृष्ण गुप्ता के नेतृत्व में दून अस्पताल के प्रमुख अधीक्षक डॉ. बीसी पाठक समेत आधा दर्जन डॉ. और अधिकारियों की टीम ने तिवारी के खून का नमूना लिया। तिवारी के घर के बाहर कानून-व्यवस्था बनाए रखने लिए पुलिस बल को तैनात किया गया है। मंगलवार सुबह से ही उनके फारेस्ट रिसर्च इंस्टीट्यूट परिसर स्थित आवास अनंत वन पर मीडिया का जमावड़ा शुरू हो गया था। सुबह दस बजे उज्जवला कार से एफआरआई परिसर पहुंची और गेट के निकट की रूक गई। मीडिया से रू-ब-रू होते हुए उज्ज्वला ने कहा कि छह माह पूर्व उनकी न्याय मिलने की उम्मीदें क्षीण पड़ने लगी थी, मगर अब जिस तरह से कोर्ट ने मसले पर सख्त रुख अपनाया है उससे अब लगता है कि प्रकिया सही दिशा में आगे चल रही है। तकरीबन सवा दस बजे रोहित शेखर भी अपने वकीलों व परिजनों के साथ एफआरआई परिसर पहुंच गए। जिला जज के आते ही उज्जवला और रोहित भी उनके साथ तिवारी के आवास पहुंचे। हालांकि पहले पुलिस ने उज्जवला को गेट पर ही रोक लिया। बाद में जिला जल की अनुमति मिलने के बाद वे भी तिवारी के आवास पहुंची। उधर, तिवारी के विशेष कार्याधिकारी संजय जोशी ने बताया कि देहरादून के जिला न्यायाधीश के नेतृत्व में प्रशासन, चिकित्सक तथा पुलिस के एक बडे़ अमले के बीच तिवारी ने अपने रक्त का नमूना दे दिया। जोशी ने बताया कि दून अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक के नेतृत्व में चिकित्सकों के एक दल ने तिवारी के रक्त का नमूना लिया और अन्य चिकित्सकीय औपचारिकताएं पूरी कीं। उन्हाेंने कहा कि दोनों पक्ष के अधिवक्ता भी इस मौके पर उपस्थित थे। वैधानिक औपचारिकताएं पूरी करने में करीब चार घंटे का समय लगा।उल्लेखनीय है कि सुप्रीमकोर्ट ने 24 मई को 88 वर्षीय तिवारी की इस दलील को खारिज कर दिया था कि काफी उम्रदराज हो जाने की वजह से वह खून का नमूना नहीं दे सकते। दलील खारिज करते हुए पीठ ने कहा था किइसका मतलब यह नहीं है कि उनके बदन में खून नहीं दौड़ रहा।न्यायमूर्ति दीपक वर्मा और न्यायमूर्ति एस जे मुखोपाध्याय की सदस्यता वाली पीठ ने कहा था कि यदि आप इतने पाक साफ हैं तो जाइए और अपने खून का नमूना दीजिए। क्या अदालती फरमान की सिर्फ इसलिए नाफरमानी की जा सकती है कि शख्स का कद बहुत ऊंचा हैशेखर ने साल 2008 में दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर गुहार लगाई थी कि वह इस बाबत निर्देश दे ताकि आंध्र प्रदेश के राज्यपाल रह चुके तिवारी को उनका पिता घोषित किया जा सके। तिवारी से कहा गया था कि वह देहरादून में 29 मई यानी आज जिला न्यायाधीश और स्थानीय सिविल सर्जन के सामने मौजूद रहें। जिला न्यायाधीश और सिविल सर्जन के साथ एक पैथोलॉजिस्ट के भी होने की बात कही गई थी। पीठ ने स्पष्ट कर दिया था कि तिवारी अपने खून का नमूना देने से बच नहीं सकते। बहरहाल, पीठ ने तिवारी के वकील और पूर्व सॉलिसिटर जनरल गोपाल सुब्रमण्यम की इस दलील को मान लिया कि हैदराबाद में होने वाली डीएनए जांच की गोपनीयता बनाए रखने के लिए कुछ उपाय किए जाने चाहिए। हैदराबाद स्थित सेंटर फॉर डीएनए फिंगरप्रिंटिंग एंड डायग्नॉसटिक्स लैबोरेट्री में जांच की जाएगी। अदालत ने कल तिवारी की इस मांग को मानने से इन्कार कर दिया था कि पितृत्व विवाद के मामले में अदालती कार्यवाही की गोपनीयता बरकरार रखी जाए।

Monday, May 28, 2012


'महंगाई से फिलहाल राहत नही बढेंगे LPG और डीजल के दाम'
पेट्रोलियम मंत्री एस जयपाल रेडडी ने कहा है कि फिलहाल डीजल, एलपीजी और कैरोसिन की कीमत बढ़ाने का केंद्र सरकार का कोई इरादा नहीं है।
उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार अभी डीजल, एलपीजी और कैरोसिन की कीमत बढ़ाने पर विचार नहीं कर रही है। इस मुद्दे पर अभी चर्चा भी नहीं हो रही है। वह वित्त मंत्री प्रणब मुखर्जी के साथ पेट्रोल की कीमत बढ़ाने के बाद पड़े प्रभावों की चर्चा के लिए हुई बैठक के बाद संवाददाताओं से बातचीत कर रहे थे।
रेड्डी ने बताया कि डीजल, एलपीजी और कैरोसिन की कीमत बढ़ाने के लिए होने वाली मंत्रियों के पैनल की बैठक की तिथि अभी तक तय नहीं हुई है। गौरत‌लब है कि पेट्रोल पदार्थों के लिए बनाई गई मंत्रियों के अधिकारिता प्राप्त समूह की बैठक पिछले साल जून के बाद से अब तक नहीं हुई है।


'यूपी विधानसभा में विपक्ष का जोरदार हंगामा'
उत्तर प्रदेश विधानसभा में सोमवार को बसपा ने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर जबरदस्त हंगामा मचाया। हंगामे के कारण विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित कर दी गई है।राज्यपाल बीएल जोशी ने बजट सत्र होते ही जैसे ही अपना अभिभाषण पढ़ना शुरू किया वैसे ही बसपा विधायकों ने राज्य में कानून व्यवस्था को लेकर हंगामा करना शुरू कर दिया। हाथों में बैनर लिए बसपा विधायकों ने विधानसभा में जबरदस्त नारेबाजी की और राज्यपाल की ओर कागज के टुकड़े फेंके। बसपा विधायकों ने धक्कामुक्की की और मेज-कुर्सियों पर चढ़कर नारेबाजी की। जिसके बाद विधानसभा की कार्यवाही दोपहर 12.30 बजे तक स्थगित कर दी गई।इससे पहले, सदन को सुचारू ढंग से चलाने के लिए सत्र से पूर्व रविवार को मुख्यमंत्री आवास पर सर्वदलीय बैठक में विधानसभाध्यक्ष एवं मुख्यमंत्री ने जनसमस्याओं को दूर करने में विपक्ष से सहयोग की अपेक्षा की। बैठक में बसपा के न शामिल होने से ही साफ हो गया कि वह सदन में सरकार को चैन से नहीं बैठने देगी। मुख्यमंत्री ने जनसमस्याओं के समाधान के लिए संयुक्त प्रयास को जरूरी बताया। बजट सत्र को लंबे समय तक चलाने मंशा जाहिर की। उन्होंने समस्याओं के निराकरण को विपक्ष को चर्चा के लिए भरपूर समय देने का भरोसा दिलाया।इससे इतर कई विपक्षी दलों ने अपनी अलग बैठककर सदन में सरकार की घेरने की रणनीति तय की। इन दलों का मानना रहा कि सरकार बनने के बाद से कानून व्यवस्था तेजी से बिगड़ी है। सत्तारूढ़ दल के कार्यकर्ताओं द्वारा आपराधिक घटनाओं को अंजाम दिया जा रहा है और सरकार मूकदर्शक रही है। सरकार पर हमले के लिए बिजली की बदहाली को भी विपक्ष अपना हथियार बनाएगी। इसके अलावा गेहूं खरीद में गड़बड़ी, योजनाओं का बदला गया नाम, प्रमोशन में आरक्षण जैसे मुद्दों का उठा कर विपक्ष सरकार के लिए परेशानी पैदा करने का काम करेगी। विधानसभा अध्यक्ष माता प्रसाद पांडेय ने भी रविवार को सभी दलों के नेताओं की बैठक बुलाकर उनसे सदन चलाने में सहयोग की अपेक्षा की। उन्होंने नए सदस्यों को अधिक से अधिक मौका प्रदान करने का आग्रह करते हुए कहा कि सदन के महत्वपूर्ण समय का उपयोग प्रदेश हित में होना चाहिए।

Saturday, May 26, 2012


'आकाश को मिली 3 दिन 2 सफलता'
भारत ने ओडिशा के एक रक्षा ठिकाने से शनिवार को मध्यम-दूरी की सतह से हवा में मार करने वाली आकाश मिसाइल का दूसरा सफल परीक्षण किया। बीते तीन दिनों में यह आकाश का दूसरा सफल परीक्षण है।
स्वदेशी तकनीक से निर्मित इस मिसाइल की मारक क्षमता 27 किलोमीटर तक है और यह 15 किलोमीटर ऊंचाई तक के लक्ष्य को भेद सकती है। यहां से करीब 230 किलोमीटर दूर बालासोर के तटीय जिले चांदीपुर में इंटीग्रेटेड टेस्ट रेंज से यह परीक्षण किया गया। यह 700 किलोग्राम भार की मिसाइल 60 किलोग्राम वजनी मुखास्त्र वहन कर सकती है।
टेस्ट रेंज के निदेशक एमवीकेवी प्रसाद ने बताया, 'यह एक विकासात्मक परीक्षण था।' आकाश मिसाइल का पहला सफल परीक्षण इसी जगह से गुरुवार को किया गया था।


'अब टीम अन्ना के निशाने पर पीएम'
चिट्ठी बमको लेकर आरोपों का सामना कर रही टीम अन्ना ने अब कोयला घोटाले को लेकर प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह पर निशाना साधा है। टीम अन्ना ने उन पर कोयला घोटाले में शामिल होने के साथ ही 15 मंत्रियों पर भी भ्रष्टाचार में लिप्त होने के आरोप लगाए हैं। टीम अन्ना के प्रशांत भूषण और अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को एक प्रेस सम्मेलन में कहा कि प्रधानमंत्री को एक चिट्टी भेजी गई है जिसमें प्रधानमंत्री के साथ 15 मंत्रियों पर भ्रष्टाचार के आरोपों के बारे में बात की गई है। चिट्टी में प्रधानमंत्री को दस्तावेज भी भेजे गए हैं। चिट्टी में प्रधानमंत्री से मांग की गई है कि इन आरोपों की जांच 6 माह में पूरी की जाए। जांच के लिए टीम अन्ना ने 6 नाम सुझाए हैं। टीम का कहना है कि इन में से कोई भी 3 जज जांच करें। टीम ने कहा सीबाआई से जांच कराए जाने पर आपत्ति जताते हुए कहा कि इन आरोपों की जांच सीबीआई नहीं कर सकती। टीम अन्ना ने ‌कहा कि यदि जांच शुरू नहीं हुई तो 25 जुलाई से हम आंदोलन करेंगे। केजरीवाल ने कहा कि टीम अन्ना पर भी जो आरोप हैं उनकी जांच कराई जाए।


पीएम सरीखें तेवर में दिखें 'मोंदी'
भाजपा की अंदरूनी राजनीति में भले ही लोग नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री पद का दावेदार मानने से हिचक रहे हों, लेकिन शुक्रवार को मुंबई की भाजपा रैली में मोदी पीएम इन वेटिंग की ही तरह जमकर बरसे। उन्होंने प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की खूब धज्जियां उड़ाई।
भाजपा की राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अंतिम दिन यहां परेल के बाबू गेनू मैदान में रैली का आयोजन किया गया था। रैली का मुख्य आकर्षण गुजरात के मुख्यमंत्री मोदी ही थे। गडकरी से ठीक पहले बोलने खड़े हुए मोदी ने 30 मिनट के भाषण में सिर्फ पांच मिनट अपनी उपलब्धियां गिनाने पर खर्च किए। बाकी 25 मिनट वह परत-दर-परत केंद्र की संप्रग सरकार और प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की धच्जियां उड़ाते दिखाई दिए। महाराष्ट्र के लोगों की भावनाएं जगाने के लिए मराठी में भाषण शुरू कर यहां के सूखे पर अपनी सहानुभूति जताने के बाद मोदी ने सीधे केंद्र सरकार पर हमला बोला। उन्होंने कहा, इस सरकार का न कोई नेता है, न नीति है और न ही नीयत साफ है। मोदी ने केंद्र सरकार को रुपये के अवमूल्यन, महंगाई, राष्ट्रीय सुरक्षा, घुसपैठ, नक्सलवाद और आतंकवाद के मुद्दे पर घेरते हुए सवाल किया कि देश कब तक ऐसी सरकार को झेलता रहेगा? प्रधानमंत्री द्वारा अक्सर की जाने वाली गठबंधन की मजबूरियों की बात पर मोदी ने कहा, जब हमारे विदेश मंत्री संयुक्त राष्ट्र में दूसरे देश का भाषण पढ़ आते हैं, तो गठबंधन की मजबूरियां कैसे आड़े आती हैं? जब कांग्रेसी रक्षा मंत्री और सेना में टकराव की नौबत आती है, तो गठबंधन की मजबूरियां कैसे आड़े आती हैंवहीं कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री बीएस येद्दयुरप्पा ने नरेंद्र मोदी को वर्ष 2014 के आम चुनाव में प्रधानमंत्री पद का दावेदार बताया। मोदी की पार्टी में मजबूत होती पकड़ को देखते हुए येद्दयुरप्पा ने कहा, भाजपा को मोदी को अगले पीएम के तौर पर पेश करना चाहिए। पूरा देश उन्हें अगला प्रधानमंत्री देखना चाहता है।
मिटीं नहीं आडवाणी व मोदी की दूरियां भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और पार्टी में दिनोंदिन मजबूत बनकर उभरे नरेंद्र मोदी के बीच की दूरी शायद अब तक नहीं पट पाई है। बृहस्पतिवार को कार्यकारिणी के पहले दिन की बैठक में मोदी के पहुंचने के चंद मिनट बाद ही आडवाणी वहां से चल दिए। पार्टी अध्यक्ष का कार्यकाल बढ़ाने के लिए हुए संविधान संशोधन प्रस्ताव के वक्त भी आडवाणी मौजूद नहीं थे। बैठक में मोदी और येद्दयुरप्पा के आने के बाद भाजपा एकजुटता का दावा कर सकती थी लेकिन शीर्ष नेतृत्व में उभरे मतभेदों से उत्साह ठंडा पड़ गया। बताते हैं कि आडवाणी को अब तक यह कसक है कि वह अपनी जनचेतना यात्रा की शुरुआत गुजरात से नहीं कर सके थे। आखिरकार उन्हें बिहार के सिताब दियारा से यात्रा की शुरुआत करनी पड़ी थी। तभी से मोदी और आडवाणी का आमना-सामना नहीं हो पाया था। बृहस्पतिवार शाम मोदी बैठक में पहुंचे तो आडवाणी वहां से चल दिए। औपचारिक तौर पर बताया जा रहा है कि दिल्ली से मुंबई आने वाली फ्लाइट में देरी के कारण वह थके हुए थे। चर्चाएं जो भी हों, लेकिन यह साफ दिख रहा है कि दोनों नेताओं के बीच की दूरी अभी पटी नहीं है। वैसे शाम की रैली में तो आडवाणी के जाने के कार्यक्रम ही नहीं था, लेकिन इसे भी दोनों नेताओं की दूरी के रूप में ही देखा जा रहा है। पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी को लेकर भी पार्टी मतभेद गहराते दिखे। उनका कार्यकाल बढ़ाए जाने का संशोधन पारित किए जाने के वक्त वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी और लोकसभा में उपनेता गोपीनाथ मुंडे भी मौजूद नहीं थे।
वहीं, अविरल गंगा पर संतों के तेज होते अभियान के बाद अब पार्टी को इस मुद्दे की सुध आई है। उत्तराखंड में सरकार के पांच साल गंवाने के बाद राष्ट्रीय कार्यकारिणी के अधिवेशन में गंगा पर एक प्रस्ताव पारित किया गया। पार्टी ने गंगा की स्वच्छता के लिए अभियान चलाने का संकल्प लिया है। मुख्य रूप से उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश, बिहार और पश्चिम बंगाल में चलाए जाने वाले इस अभियान में गंगा को स्वच्छ रखने का प्रयास किया जाएगा। मुंबई में आयोजित राष्ट्रीय कार्यकारिणी में उमा भारती ने निर्मल गंगा अविरल गंगा के नाम से प्रस्ताव पेश किया। उन्होंने कहा कि इसके लिए जहां केंद्र और राच्य से लेकर स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण द्वारा लागू किए गए निर्णयों के पर्यवेक्षण के लिए कैग जैसी स्वायत्त संस्था होनी चाहिए। बहरहाल पार्टी में कोई इसका जवाब देने को तैयार नहीं है कि उत्तराखंड में सरकार रहते हुए भाजपा ने कोई ठोस प्रयास क्यों नहीं किया।

Friday, May 25, 2012


भाजपा ने किया आडवणी से किनारा?
मुंबई. नितिन गडकरी के दोबारा अध्‍यक्ष बनने को लेकर भाजपा में बड़े झगड़े की अटकलें हैं। बताया जा रहा है कि गडकरी की दोबारा ताजपोशी का रास्‍ता पार्टी में साफ तो कर दिया गया है, लेकिन वरिष्‍ठ नेता लालकृष्‍ण आडवाणी इससे खुश नहीं हैं।  इस बीच, पार्टी के दागी और दक्षिण भारत के कद्दावर नेता बीएस येदियुरप्‍पा ने भी आडवाणी को एक तरह से झटका दिया है। कार्यकारिणी की बैठक में भाग लेने पहुंचे येदियुरप्‍पा ने फिर नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री बनने की वकालत कर डाली। 2014 में लोकसभा चुनाव होना है और गडकरी के नेतृत्‍व में इस चुनाव में भाजपा की बेहतर संभावनाओं को लेकर  शक जताया जा रहा है। ऐसी खबर है कि गडकरी को दोबारा पार्टी अध्‍यक्ष बनाए जाने से नाराज आडवाणी आज बीजेपी की रैली में शामिल नहीं होंगे। मुंबई में बीजेपी की हो रही यह रैली पेट्रोल के दाम बढाए जाने के खिलाफ  है।
 आडवाणी बी.एस. येदियुरप्‍पा से भी नाराज बताए जा रहे हैं। कर्नाटक के पूर्व मुख्यमंत्री येदियुरप्पा मुंबई में चल रही पार्टी की राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में हिस्सा लेने मुंबई पहुंचे हैं। येदियुरप्पा ने कहा है कि पार्टी अध्यक्ष नितिन गडकरी को लगातार दूसरी बार अध्यक्ष बनने पर बधाई देने के लिए वह मुंबई आए हैं। येदियुरप्‍पा ने मोदी के पीएम की उम्‍मीदवारी का समर्थन किया है। भ्रष्टाचार के आरोपों पर मुख्यमंत्री पद गंवाने के बाद येदियुरप्पा एवं पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के संबंधों में तनाव चल रहा है। येदियुरप्पा का राज्य के वर्तमान मुख्यमंत्री एवं अपने उत्तराधिकारी सदानंद गौड़ा से भी मनमुटाव हो गया है जिनका चयन उन्होंने खुद किया था। भाजपा ने गुरुवार को राष्ट्रीय कार्यकारिणी समित से संजयजोशी का इस्तीफा दिलाने के बाद गुजरात के मुख्यमंत्री नरेंद्र मोदी को बैठक में भाग लेने के लिए मनाया था। इसके बाद पार्टी के संविधान में संशोधन करते हुए नितिन गडकरी को लगातार दूसरी बार पार्टी अध्‍यक्ष बनाया गया। हालांकि आडवाणी ने संविधान संशोधन प्रस्‍ताव का समर्थन नहीं किया था। भाजपा की इस अंदरूनी खींचतान पर शिवसेना ने भी तीखा तंजकसा है।


' असली किंग कौन' सहवाग : धौनी
नयी दिल्‍ली. आईपीएल में आज होने वाले मैच में जब चेन्‍नई सुपर किंग्‍स के कप्‍तान महेंद्र सिंह धोनी टूर्नामेंट के फाइनल में जगह बनाने के लिए उतरेंगे तो उनके दिमाग में मैच जीतने की तरकीबें सोचने के साथ ही एक व्‍यक्ति का अक्‍स उभर रहा होगा। यह अक्‍स होगा विपक्षी टीम दिल्‍ली डे‍यरडेविल्‍स के कप्‍तान वीरेंद्र सहवाग का। वजह। इसकी वजह है कि टीम इंडिया के ओपनर वीरू और कप्‍तान धोनी के आपसी रिश्‍ते की मधुरता आस्‍ट्रेलिया दौरे में उपजी गरमी के कारण भाप बन कर फुर्र हो गयी थी। और तब से इन दोनों वरिष्‍ठ खिलाडि़यों के बीच तनातनी बने रहने की दुखदाई खबरें आनी शुरू हो गईं।  
धोनी और सहवाग को बहुत अच्‍छा दोस्‍त भी नहीं माना जाता। आस्‍ट्रेलिया में मिल रही लगातार पराजयों के बीच यह खबर आई थी कि वीरू और धोनी के बीच सबकुछ सही नहीं चल रहा । इस बात का अंदाजा इस बात से भी लगाया गया कि सहवाग को आस्‍ट्रेलिया सीरिज के बाद हुए एशिया कप में आरामदिया गया। दोनों खिलाडि़यों ने कभी भी इस बारे में कुछ नहीं कहा और सारी खिचड़ी ड्रेसिंग रूम के लोहे के दरवाजों के पीछे ही पकती रही और कुछ भी ठोस रूप में बाहर नहीं आ सका।  
आईपीएल में दोनों टीमों के सफर की बात करें तो डेयरडेविल्‍स ने शुरू से ही अपना पलड़ा भारी रखा। वे मुकाबले दर मुकाबले अपने खेल के स्‍तर को उठाते गए और एक के बाद एक जीत दर्ज की। जबकि इसके उलट धोनी के सुपर किंग्‍स शुरूआती चमक बिखरने के बाद हार के अंधेरों में खोते नजर आये। यहां तक कि उनका अंतिम चार में पहुंचना दूसरे के हारने जीतने पर निर्भर हो गया। रॉयल चैलेंजर बेगलुरू जब डेक्‍कन चार्जर्स से लीग मैच में हारी तो ही चेन्‍नई प्‍लेऑफ में शा‍मिल हो सकी।  
सुपर किंग्‍स ने मुंबई इंडियन्स के साथ एलिमिनेटर राउंड में गजब का खेल दिखाया और टूर्नामेंट शुरू होने पर मजबूत टीम मानी जा रही हरभजन सिंह की इस टीम को बाहर का रास्‍ता दिखा दिया। इस मैच के बाद चेन्‍नई सुपर किंग्‍स दावेदार के तौर भी उभरी। इस मैच में धोनी के धमाकेदार प्रदर्शन से टीम की उम्‍मीदों पर एक बार‍ फिर सुनहरा रंग चढ़ गया। इससे सबसे खास यह रहा कि टूर्नामेंट में फीका प्रदर्शन कर रहे धोनी अपने रंगत में वापसी कर गए। उधर डेयरडेविल्‍स के कप्‍तान वीरू लगातार धमाकेदार प्रदर्शन करते रहे। यहां तक कि उन्‍होंने लगातार पांच अर्धशतक जमा कर रिकार्ड बना दिया और ओरेंज कैप के हकदार तक बन गये
पूर्व कप्‍तान गांगुली का मानना है कि चेन्‍नई के पास गेंदबाजी के लिए अच्‍छे ऑप्‍शन है। हिल्‍फेनहॉस के धारदार प्रदर्शन से जहां एक ओर टीम की ताकत बढ़ी है वहीं टीम का आत्‍मविश्‍वास बढ़ गया है। इसके अलावा मार्केल, ब्रावो, अश्विन ,जडेजा, जकाती और रैना जैसे प्रतिभाशाली गेंदबाजों के उनके पास भरमार है। लेकिन इस टीम के लिए चिंता की बात है उसकी बैटिंग। खब्‍बू बल्‍लेबाज सुरेश रैना अभी तक बड़ी पारी नहीं खेल सके हैं। मुरली विजय, बद्रीनाथ और हसी ने भी बल्‍ले की चमक नहीं बिखेरी है। मुंबई वाले मैच से पहले तक खुद कप्‍तान धोनी फॉर्म के लिए संघर्ष करते नजर आये। इसलिए चेन्‍नई को आगे बढ़ने के लिए बैटिंग डिपार्टमेंट में सुधार करना होगा।
आस्‍ट्रेलिया के सबसे सफल कप्‍तानों में शुमार स्‍टीव वॉ मानते हैं कि कोलकाता के खिलाफ हुए मैच में दिल्‍ली डेयरडेविल्‍स ने कुछ गलतियां की। मैच की कंडीशन स्पिन गेंदबाजी के ज्‍यादा अनुकूल थीं लेकिन उन्‍होंने अपने तेज गेंदबाजों पर ज्‍यादा भरोसा किया। शायद दिल्‍ली यही मान रही होगी कि वे अपनी दमदार बैटिंग के चलते बड़ा से बड़े स्‍कोर का पीछा करके जीत हासिल कर लेगें। यह देखना खुद को चक्‍कर में डालने जैसा था कि रॉस टेलर ऐसी हालत में बल्‍लेबाजी करने उतरे जब मैच में हार सुनिश्चित हो चुकी थी। आज के मैच में चेन्‍नई के लिए हालात ज्‍यादा अनुकूल हैं। इसकी दो वजहें हैं एक तो य‍ह कि सुपरकिंग्‍स अपने घरेलू मैदान पर खेल रहे हैं और दूसरे यह टीम तनाव में भी अच्‍छा प्रदर्शन करती है। 

Saturday, May 12, 2012


'यूपी में एक बार फिर दिखी हैबानियत बंधक बनाकर बलात्कार'
इलाहाबाद के थरवई में रहने वाली दो सगी बहनों को अगवा करने के बाद बंधक बनाकर बलात्कार करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। करीब डेढ़ महीने तक एक खाली मकान में तेरह और पंद्रह साल की बालिकाओं को बंधक बनाकर रखा गया।
पुलिस की छापेमारी देख अपहर्ता छोटी बहन को छोड़कर निकल भागे। बड़ी बहन की तलाश में छापामारी की जा रही है। शुक्रवार को बरामद बालिका को मेडिकल के लिए महिला थाने लाया गया। मामले में पुलिस ने एक रिटायर्ड सैन्यकर्मी को हिरासत में ले लिया है। आरोप है कि ट्यूशन पढ़ाने वाले शख्स ने अपने साथियों संग अपहरण किया था।
 थरवई थाना क्षेत्र के जयंतीपुर इलाके से दो सगी बहनों को अगवा कर लिया गया था। कल्याणपुर गांव में कक्षा छह में पढ़ने वाली सुष्मिता (परिवर्तित नाम) शुक्रवार की रात बरामद हो गई। सुष्मिता का बयान सुन पुलिस के होश उड़ गए। उसे और उसकी बड़ी बहन रन्नो (परिवर्तित नाम) को बोलेरो से अगवा किया गया था। अपहर्ताओं ने दोनों को एक फार्म हाउस में बंधक बनाकर रखा था। तीन लोग दोनों बहनों से बलात्कार करते। तीन दिन रखने के बाद रन्नो को एक कार से दूसरी जगह ले जाया गया जबकि सुष्मिता वहीं बंधक रही। सुष्मिता की बरामदगी के बाद पुलिस ने छापामारी कर उसी गांव के एक रिटायर्ड सैन्यकर्मी को हिरासत में ले लिया। सुष्मिता की मां का आरोप है कि गांव में दोनों बहने एक जगह ट्यूशन पढ़ने जाती थीं। उसी घर में आने-जाने वाले लोग लड़कियों को अगवा कर ले गए थे। सुष्मिता को सड़क किराने छोड़ा गया इसलिए वह उस फार्म हाउस के बारे में ज्यादा कुछ नहीं बता सकी। देर रात तक पुलिस उसकी निशानदेही पर रन्नो की तलाश में छापेमारी करती रही। रात में सुष्मिता को महिला थाने लाया गया। शनिवार को उसका मेडिकल कराया जाएगा। सुष्मिता का आरोप है कि उसके साथ कई लोगों ने बलात्कार किया। उसे जबरन दवा भी खिलाई जाती थी। अपहरण और बलात्कार की यह कहानी काफी उलझी हुई है। एसओ थरवई के मुताबिक, एक बहन बरामद हो गई है। उसकी की तलाश में छापेमारी की जा रही है। परिवारवालों ने जिस पर शक जताया है, उससे पूछताछ हो रही है।

Friday, May 11, 2012


राजा भैया हो मंत्रिमंडल से बाहर : विपक्ष
उत्तर प्रदेश में प्रमुख विपक्षी दल बहुजन समाज पार्टी (बसपा) ने हजारों करोड़ रुपए के खाद्यान्न घोटाले के लिए खाद्य एवं रसद मंत्री रघुराज प्रताप सिंह उर्फ राजा भैया को जिम्मेदार ठहराते हुए उन्हें मंत्रिमंडल से बर्खास्त करने की मांग की है।
विपक्ष के नेता और बसपा के प्रदेश अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्य ने पत्रकारों से कहा कि 2004-05 में भी राजा भैया खाद्य एवं रसद मंत्री थे। उन्हीं के कार्यकाल में खाद्यान्न घोटाला हुआ था। मौर्य ने कहा कि राजा भैया के तत्कालीन जनसंपर्क अधिकारी राजीव कुमार यादव ने सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर घोटाले के लिए उन्हें जिम्मेदार भी ठहराया है। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) इसकी जांच कर रही है। ऐसे में फिर से इसी विभाग का उन्हें मंत्री बना दिया जाना अनुचित है। उन्हें तत्काल मंत्री पद से बर्खास्त किया जाना चाहिए ताकि जांच सही ढंग से चल सके। मौर्य ने कहा कि राजीव ने 112.76 करोड़ रुपए वसूले जाने की डायरी भी न्यायालय में पेश की है । उन्होंने पत्रकारों को डायरी की प्रतियां और राजीव का शपथ पत्र उपलब्ध कराया है । उनका कहना था कि सपा के शासनकाल में गुंडाराज एक बार फिर वापस आ गया है। उन्होंने बताया कि भीमनगर जिले के सलारपुर गांव में बसपा को वोट देने वाले लोगों को इस कदर मारा पीटा गया कि करीब एक सौ घर के लोग गांव से पलायन कर गए हैं । उन्होंने कहा कि सपा सरकार में अराजकता तेजी से बढ़ रही है । गरीबों को सताया जा रहा है । सामन्ती व्यवस्था हावी हो रही है।

 '7 हजार साल तक दुनिया रहेगी सुरक्षित ' 
अमेरिका के पुरातत्वविदों ने माया सभ्यता का सबसे प्राचीन खगोलीय कैलेंडर खोज निकाला है। ग्वाटेमाला के उत्तरी भाग में खुदाई के दौराना यह कैलेंडर मिला। 
कैलेंडर एक इमारत की दीवारों पर तालिकाओं के रूप में मिला है। इस कैलेंडर में इस बात का कोई संकेत नहीं मिलता कि दुनिया का अंत करीब है। कैलेंडर में सौर और चंद्र वर्षों का उल्लेख है और आगामी सात हजार वर्षों में चंद्र ग्रहणों तथा मंगल और शुक्र ग्रहों के मिलाप की तिथियों का वर्णन किया गया है। पुरातत्वविदों का कहना है कि यह कैलेंडर नौंवी सदी का है। 
शोधकर्ताओं का कहना है कि यह कैलेंडर कहता है कि दुनिया खत्म होने में अभी कम से कम 7 हजार वर्ष लगेंगे। हालांकि माया सभ्यता के अन्य कैलेंडरों में इस तरह व्याख्या की जाती रही है कि दुनिया वर्ष 2012 में खत्म हो जाएगी। इससे पहले वैज्ञानिकों ने भी वर्ष 2012 में पृथ्वी पर प्रलय आने की आशंकाओं को निराधार बताया था। अटकलों में कहा जा रहा है कि वर्ष 2012 में अधिनव तारा का विस्फोट होगा, जिससे सूर्य के पूरे जीवन के बराबर ऊर्जा निकलेगी और इससे पृथ्वी पर जीवन प्रभावित हो सकता है। लेकिन अंतरिक्ष वैज्ञानिकों ने अंतरिक्ष की व्यापकता और प्रकाश वर्ष का हवाला देते हुए बताया कि कोई भी तारा पृथ्वी के इतने करीब नहीं है कि वह उसे नुकसान पहुंचा सके। नासा की ओर से जारी बयान में कहा गया था कि पृथ्वी के सबसे नजदीक गामा किरणें हैं, जो पृथ्वी से 1.3 अरब प्रकाश वर्ष दूर है।

Wednesday, May 9, 2012


 'हेलीकाँप्टर हादसे में घायल सीएम मुंडा आईसीयू में भर्ती'
रांची.  मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा को लेकर रांची से खरसांवा लेकर जा रहा हेलीकॉप्टर आज दोपहर रांची एयरपोर्ट पर दुर्घटनाग्रस्‍त हो गया। इस हादसे में सीएम और उनकी पत्‍नी घायल हो गए हैं। उन्हें अपोलो अस्पताल ले जाया गया है। बताया जा रहा है कि हेलीकॉप्‍टर में सीएम, उनकी पत्‍नी मीरा मुंडा सहित चार लोग बैठे थे। डीजीसीए ने हादसे की जांच के आदेश दे दिए हैं। अपोलो अस्‍पताल के डॉक्‍टरों के मुताबिक मुंडा को अभी सर्जरी की जरूरत नहीं है। मुंडा अभी पूरे होशो हवास में बताए जा रहे हैं और सभी से बात भी कर रहे हैं। उनकी हालत स्थिर है और सीएम की हालत खतरे से बाहर है। उन्‍हें कुछ चोटें आई हैं। अभी कुछ टेस्‍ट करने हैं। सीएम की पत्‍नी को भी मामूली चोटें आई हैं। सीएम के दाहिने हाथ में भी फैक्चर है। अपोलो अस्‍पताल में भर्ती हैं सीएम की हालत खतरे से बाहर नहीं। मीरा मुंडा के एक हाथ में फैक्चर, दूसरे हाथ में खरोंच है। उनके पैर व कमर में चोटें आई हैं। झारखंड के डीजीपी जीएस रथ ने कहा कि सीएम सुरक्षित हैं। सीने और कमर में चोटें आयीं हैं। हादसे की जांच होगी। इस मामले में चूक कहा हुई है इसकी जांच होगी। हेलीकाप्टर में सवार सभी लोग सुरक्षित हैं। हेलीकॉप्‍टर में सीएम और उनकी पत्‍नी के अलावा विधायक बड़कुंवर गगराई और सीएम के सुरक्षा अधिकारी मनोज कुमार सिंह मौजूद थे। मुख्यमंत्री के अपोलो पहुंचने की खबर मिलते ही कई मंत्री, नेता, सीएस, डीजीपी समेत कई अधिकारी मौके पर कैंप कर रहे हैं।सीएम को खरसांवां के कुचाई में एक विद्युत सब स्टेशन का शिलान्यास करना था। इसके लिए सीएम के हेलीकाप्टर ने आज दोपहर रांची से खरसांवा के लिए उड़ान भरी। लेकिन खरसांवा में लैंडिंग के वक्‍त पायलट को तकनीकी दिक्‍कत महसूस हुई। इसके बाद पायलट ने हेलीकाप्टर को रांची की ओर मोड़ लिया।  रांची हवाई अड्डे पर लैंडिंग के समय हेलीकाप्टर क्रैश कर गया  हेलीकाप्टर 20 से 25 फीट की उंचाई से जमीन पर गिर पड़ा। मालूम हो कि झारखण्ड सरकार ने यह हेलीकाप्टर भाड़े पर लिया है। मुंबई की कंपनी आर्यन एविएशन का यह हेलीकॉप्‍टर (ऑगस्‍टा 101) करीब 20 साल पुराना बताया जा रहा है। इसकी देखरेख रांची एयरपोर्ट पर ही स्टेट हैंगर में होती है। 
 पूर्व राष्‍ट्रपति ए पी जे अब्‍दुल कलाम के साथ कुछ साल पहले बोकारो में भी ऐसा ही हादसा हुआ था। हालांकि वह सिंगल इंजन का हेलीकॉप्‍टर था।