भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे नितिन गडकरी को लेकर बीजेपी में खींचतान शुरू हो गई है. सूत्रों के हवाले से खबर है कि बीजेपी का एक बड़ा धड़ा गडकरी को दोबारा अध्यक्ष बनाए जाने के पक्ष में नहीं है.हालांकि राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ (आरएसएस) नितिन गडकरी को दोबारा बीजेपी के अध्यक्ष के तौर पर मौका देने के पक्ष में है.सूत्रों के हवाले से जो खबर मिल रही है उसके मुताबिक यह कहा जा रहा है कि बीजेपी के बड़े नेता लालकृष्ण आडवाणी, लोकसभा में विपक्ष की नेता सुषमा स्वराज, राज्य सभा में विपक्ष के नेता अरुण जेटली के साथ-साथ बीजेपी के पूर्व अध्यक्ष और वाराणसी से सांसद मुरली मनोहर गड़करी को दोबारा मौका दिए जाने के पक्ष में नहीं हैं.लेकिन संघ इस बात का दबाव बना रहा है कि गडकरी को दोबारा बीजेपी अध्यक्ष की कुर्सी मिल जाए.संघ के प्रचार प्रमुख दशहरे के दिन कह चुके हैं गडकरी का मीडिया ट्रायल हो रहा है. हालांकि संघ ने गडकरी को उनकी कंपनी के गड़बड़झाले पर 30 अक्टूबर तक सफाई देने को कहा है.भ्रष्टाचार के आरोपों से घिरे नितिन गडकरी क्या दोबारा बीजेपी के अध्यक्ष बन पाएंगे ये सवाल अभी बना हुआ है. इस बीच गडकरी को लेकर नया खुलासा हुआ है.इसके बाद अब आयकर विभाग भी गडकरी की कंपनी की जांच करेगा. यही नहीं प्रवर्तन निदेशालय भी इसकी जांच कर सकता है.
इसी तरह एक दूसरी कंपनी को भी गडकरी के पूर्ति ग्रुप ने एक हाथ से पैसा दिया और दूसरे हाथ से ले लिया.
पूर्ति ग्रुप ने रिजेंसी इक्विफिन नाम की कंपनी को 2008-09 में 26 लाख का अनसिक्योर्ड लोन दिया, जिसमें से रिजेंसी इक्विफिन ने अगले साल 10 लाख रुपये लौटा दिए. लेकिन गडकरी की घाटे में चल रही कंपनी पूर्ति ने 2011 में रिजेंसी इक्विफिन को 95 लाख रुपये दे दिए.पूर्ति ग्रुप में आईडियल रोड बिल्डर्स का निवेश पहले ही विवादों में है. इससे पहले 'टाइम्स ऑफ इंडिया' ये खुलासा कर चुका है कि कैसे गडकरी के ड्राइवर और ज्योतिषी बन गए डायरेक्टर. गडकरी की कंपनी पूर्ति ग्रुप में करीब 100 कंपनियों का निवेश हो सकता है. अखबार के मुताबिक गडकरी की कंपनी में निवेश करने वाली पांच कंपनियों का पता दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका का दिया गया है.
जिस घर का पता दिया गया है उस घर के मालिक बलवान सिंह टोकस हैं. बलवान सिंह के घर के पते पर रजिस्टर्ड कंपनियां हैं: किंग बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड, न्यू एज इन्फ्रावेल प्राइवेट लिमिटेड, निर्माण इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, एडवेंट आईटी सॉल्यूशंस और फास्ट बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड.दिलचस्प बात ये है कि रिजेंसी इक्विफिन के पास पूर्ति ग्रुप के 43 लाख शेयर हैं. मुमकिन है कि इस कंपनी ने गडकरी के पैसों से ही ये शेयर खरीदे हों.बलवान सिंह का कहना है कि पिछले तीन साल से उनके घर आयकर विभाग से चिट्ठी आती है. तीन साल से टोकस का परिवार आयकर विभाग की चिट्ठियों को नजरअंदाज करता रहा है, लेकिन अब टीवी पर गडकरी की कंपनी में निवेश करने वाली कंपनियों के फर्जी पते की खबर देखकर बलवान सिंह टोकस ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवाई है.
इसी तरह एक दूसरी कंपनी को भी गडकरी के पूर्ति ग्रुप ने एक हाथ से पैसा दिया और दूसरे हाथ से ले लिया.
पूर्ति ग्रुप ने रिजेंसी इक्विफिन नाम की कंपनी को 2008-09 में 26 लाख का अनसिक्योर्ड लोन दिया, जिसमें से रिजेंसी इक्विफिन ने अगले साल 10 लाख रुपये लौटा दिए. लेकिन गडकरी की घाटे में चल रही कंपनी पूर्ति ने 2011 में रिजेंसी इक्विफिन को 95 लाख रुपये दे दिए.पूर्ति ग्रुप में आईडियल रोड बिल्डर्स का निवेश पहले ही विवादों में है. इससे पहले 'टाइम्स ऑफ इंडिया' ये खुलासा कर चुका है कि कैसे गडकरी के ड्राइवर और ज्योतिषी बन गए डायरेक्टर. गडकरी की कंपनी पूर्ति ग्रुप में करीब 100 कंपनियों का निवेश हो सकता है. अखबार के मुताबिक गडकरी की कंपनी में निवेश करने वाली पांच कंपनियों का पता दक्षिणी दिल्ली के मुनिरका का दिया गया है.
जिस घर का पता दिया गया है उस घर के मालिक बलवान सिंह टोकस हैं. बलवान सिंह के घर के पते पर रजिस्टर्ड कंपनियां हैं: किंग बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड, न्यू एज इन्फ्रावेल प्राइवेट लिमिटेड, निर्माण इन्फ्राटेक प्राइवेट लिमिटेड, एडवेंट आईटी सॉल्यूशंस और फास्ट बिल्डवेल प्राइवेट लिमिटेड.दिलचस्प बात ये है कि रिजेंसी इक्विफिन के पास पूर्ति ग्रुप के 43 लाख शेयर हैं. मुमकिन है कि इस कंपनी ने गडकरी के पैसों से ही ये शेयर खरीदे हों.बलवान सिंह का कहना है कि पिछले तीन साल से उनके घर आयकर विभाग से चिट्ठी आती है. तीन साल से टोकस का परिवार आयकर विभाग की चिट्ठियों को नजरअंदाज करता रहा है, लेकिन अब टीवी पर गडकरी की कंपनी में निवेश करने वाली कंपनियों के फर्जी पते की खबर देखकर बलवान सिंह टोकस ने पुलिस में इसकी शिकायत दर्ज करवाई है.
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