Sunday, March 24, 2013

सरकार ने 10मार्च 2013 तक 40परियोजनाएं मंजूर की . माकन


केंद्रीय आवास एवं शहरी गरीबी उन्‍मूलन मंत्री श्री अजय माकन ने कहा है कि‍ सरकार ने मंत्रालय के जवाहर लाल नेहरू राष्‍ट्रीय शहरी नवीकरण मि‍शन के कार्यक्रमों के अंतर्गत आर्थि‍क दृष्‍टि‍ से कमजोर वर्गों और कम आय वर्ग वाले लोगों के लि‍ए मकान बनाने के वास्‍ते 41,723करोड़ रुपये की परियोजनाएं स्‍वीकृत की हैं।  नई दिल्‍ली में राष्‍ट्रीय संपादक सम्‍मेलन को संबोधित करते हुए श्री माकन ने बताया कि इनमें से लगभग 10 लाख मकान तैयार हो गए हैं या नि‍र्माण के विभिन्न‍ चरणों में हैं। इसी प्रकार राजीव आवास योजना के प्रायोगिक चरण में 195 चुने हुए शहरों के लिए स्‍लम-मुक्‍त शहरी योजनाओं को अंतिम रूप देने के लिए 100 करोड़ रुपये की राशि रखी गई है। 10मार्च 2013 तक 33शहरों में 32हजार 517 मकानों के निर्माण के लिए 1769 करोड़ रुपये की 40परियोजनाएं मंजूर की जा चुकी हैं।
मंत्रालय की स्‍वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना के बारे में श्री माकन ने बताया कि 11वीं पंचवर्षीय योजना के दौरान 2691 करोड़ रुपये की राशि खर्च की गयी, जिससे 27.37लाख लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण दिया गया। 2012-13के दौरान 22 मार्च,2013 तक के आंकड़ों के अनुसार राज्‍यों को 685.62 करोड़ रुपये की राशि जारी की गयी है और अब तक 3.23 लाख लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण दिया गया है तथा 53,329 लोगों को स्‍व-रोजगार में सहायता दी गयी। इनके अलावा 29,107 महिलाओं को समूह-उद्यम स्‍थापित करने में सहायता प्रदान की गयी है।
श्री माकन ने बताया कि शहरों में रोजगार को सुचारू बनाने के लिए मंत्रालय स्‍वर्ण जयंती शहरी रोजगार योजना की जगह राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन शुरू करेगा। इस मिशन में दो नई योजनाएं शामिल की गयी हैं – शहरी रेहड़ी खोमचे वालों की सहायता योजना और शहरी बेघरों के लिए आश्रय योजना।12वीं योजना के दौरान राष्‍ट्रीय शहरी आजीविका मिशन के अंतर्गत कौशल प्रशिक्षण का लक्ष्‍य 40 लाख होगा। 12वीं योजना में शहर के बेघर लोगों के लिए 1600आश्रय-आवास बनाए जाएंगे।2013-14 के दौरान 4लाख शहरी गरीब लाभार्थियों को कौशल प्रशिक्षण देने और शहरी बेघर लोगों के लिए आश्रय-आवास बनाने का प्रस्‍ताव है।
श्री माकन ने कहा कि मंत्रालय ने रियल एस्‍टेट परियोजनाओं की स्‍वीकृति प्रक्रियाओं को सुचारू बनाने के लिए श्री धनेन्द्र कुमार की अध्‍यक्षता में एक समिति बनाई है। समिति ने अपनी रिपोर्ट दे दी है और मंत्रालय देशभर में रियल एस्‍टेट परियोजनाओं की मंजूरी के लिए एकल खिड़की प्रणाली तैयार कर रहा है, जिससे इस प्रकार की स्‍वीकृतियों में लगने वाला समय औसत 196 दिन से कम होकर 45-60दिन रह जाएगा। केन्‍द्र सरकार राज्‍यों से भी कहेगी कि यदि उन्‍हें राजीव आवास योजना के अंतर्गत आर्थिक सहायता का लाभ लेना है, तो उन्‍हें धनेन्‍द्र कुमार समिति की सिफारिशों को लागू करना होगा।
श्री माकन ने बताया कि मंत्रालय ने राष्‍ट्रीय आवास बैंक,हुडको, वित्‍तीय संस्‍थाओं और बैंकों के साथ-साथ हाल में एक ऋण जोखिम गारंटी कोष ट्रस्‍ट स्‍थापित किया है। उम्‍मीद है कि यह ट्रस्‍ट आर्थिक द़ष्टि से कमजोर वर्गों और कम आय वर्ग के लोगों के आवासों के लिए60 हजार करोड़ रुपये की राशि जुटाएगा। इन सब उपायों से आश्रयों और मकानों की कमी को काफी हद तक पूरा किया जा सकेगा।
मंत्रालय की अन्‍य नई पहलों का जिक्र करते हुए श्री माकन ने कहा कि देश में स्‍लम बस्तियों में सुधार का समय-समय पर आकलन करने के लिए मंत्रालय ने एक स्‍लम उन्‍नयन सूचकांक प्रणाली तैयार करने का फैसला किया है। इस बारे में तौर तरीके सुझाने के लिए मंत्रालय एक उच्‍चाधिकार प्राप्‍त समिति बनाएगा।
वित्‍त मंत्री के बजट भाषण में घोषित शहरी आवास कोष के बारे में श्री माकन ने बताया कि उचित कीमत के आवासों के निर्माण के लिए ऋण उपलब्‍ध कराने के वास्‍ते दो हजार करोड़ रुपये का एक अलग कोष बनाया जाएगा, जिसका संचालन राष्‍ट्रीय आवास बैंक द्वारा किया जाएगा। आर्थिक द़ष्टि से कमजोर वर्गों और कम आय वर्ग के लोगों को 25 लाख की ऋण सीमा का लाभ नहीं मिलता है,इसलिए मंत्रालय ने ऋण की सीमा 8लाख करने और आवासीय इकाई की लागत 12-15 लाख करने का फैसला किया है।
श्री माकन ने यह भी घोषणा की कि उनका मंत्रालय रिजर्व बैंक के साथ मिलकर जल्‍दी ही आवास प्रारंभ सूचकांक की प्रणाली शुरू करेगा। इस समय यह प्रणाली केवल 6 देशों-कनाडा, अमरीका,जापान,फ्रांस, आस्‍ट्रेलिया और न्‍यूजीलैंड में है। यह प्रणाली आवास निर्माण की अनुमति और आवास निर्माण प्रारंभ के बारे में जानकारी इकट्ठी करेगी,जो एक प्रकार का आर्थिक सूचकांक होगा। इस सूचकांक की सहायता से नियमित आधार पर भारतीय अर्थव्‍यवस्‍था के सिलसिले में आवास और इससे संबद्ध क्षेत्रों की गतिविधियों की निगरानी हो सकेगी। मंत्रालय रिजर्व बैंक के साथ मिलकर जल्‍दी ही प्रायोगिक आधार पर इस प्रणाली को जारी करेगा।
शहरों में रेहड़ी खोमचा वालों के अधिकारों की रक्षा और उनकी गतिविधियों को नियमित करने के बारे में6 सितम्‍बर, 2012 को एक विधेयक पेश किया गया था। संसद की स्‍थाई समिति ने इस पर अपनी रिपोर्ट दे दी है और मंत्रालय जल्‍दी ही केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल के सामने रेहड़ी खोमचे वालों के लिए लाभकारी प्रारूप विधेयक रखेगा।
श्री माकन ने कहा कि रियल एस्‍टेट के संबंध में एक जैसी नियामक प्रणाली लाने के लिए मंत्रालय ने सभी संबद्ध पक्षों के साथ परामर्श करके रियल एस्‍टेट(नियमन एवं विकास) विधेयक2012 का प्रारूप तैयार किया था। इस प्रारूप में विवादों को सुलझाने के प्रावधान भी रखे गए हैं। संसद में रखने से पहले इसे जल्‍दी ही केन्‍द्रीय मंत्रिमंडल के विचार के लिए प्रस्‍तुत किए जाने की संभावना है।

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