अब भा जा पा के नेता राम रावण और कृष्ण और कंस कि तुलना करके नितिन गडकरी को बचाने में लग गए हैं कैलाश विजय वर्गाजिया का कहना है कि गडकरी ने कुछ औसा बयान दिया था कि अगर स्वामी विवेकानंद जी और दाऊद इब्राहिम का scientific भाषा में बोलूं तो IQ समान था परन्तु एक व्यक्ति ने गुनहगारी के क्षेत्र में अपनी पूरी बुद्धिमत्ता को use किया, वो वहाँ के शहंशाह बने और दूसरे व्यक्ति ने समाज के लिए, देश के लिए Philosophically अपने जीवन को दिया तो वे विवेकानंद बने!”
कैलाश विजय वर्गाजिया का कहना उपरोक्त कथन में कुछ शब्दों पर ज़ोर दिया जा रहा है और बाकि को अनदेखा किया जा रहा है. मैं यह मानता ह
कैलाश विजय वर्गाजिया का कहना उपरोक्त कथन में कुछ शब्दों पर ज़ोर दिया जा रहा है और बाकि को अनदेखा किया जा रहा है. मैं यह मानता ह
ूँ कि किसी भी बात का अर्थ सिर्फ शब्दों में नहीं पूरे वाक्य में होता है और अगर कोई भी व्यक्ति इस पूरे कथन को पढ़ेगा तो नितिन जी गडकरी से सहमत ही होगा. भगवान ने हर व्यक्ति को समान IQ दिया है और इस बात में कोई संदेह नहीं, बस इंसान पर निर्भर करता है कि वो उसे किस दिशा में उपयोग में लेकर आगे बढ़ता है. इसही बात को नितिन जी ने समझाने के लिए स्वामी विवेकानंद जी और दाऊद इब्राहिम का उदाहरण लिया जिसे नकारात्मक सोचने वाले लोगों ने गलत अर्थ निकालकर विवादास्पद मुद्दा बना दिया. ‘अर्थ का अनर्थ निकालना’ जैसी कहावत शायद ऐसी ही घटनाओं के परिणाम स्वरूप बनी होगी!
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